विटामिन और मिनरल शारीरिक कार्यों के लिए बेहद जरूरी हैं। विटामिन संक्रमण से लड़ने में मदद करना, घाव भरना, हड्डियों को मजबूत बनाना और हार्मोन को रेगुलेट करना जैसे महत्वपूर्ण काम करते हैं। यदि बड़ी मात्रा में इनका सेवन किया जाए, तो विटामिन टॉक्सिन भी पैदा कर सकते हैं। स्वस्थ और संतुलित आहार की कमी के कारण शरीर में विटामिन की कमी हो जाती है। इसका हमें पता भी नहीं चल पाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि हमें समय-समय पर विटामिन का परीक्षण (Vitamin Testing) कराते रहना चाहिए।
विटामिन ए कोशिका और ऊतकों की ग्रोथ और डिफ्रेंशिएसन के रेगुलेटर के रूप में कार्य करता है। विटामिन डी बोन और अन्य अंगों के लिए मिनरल मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करता है। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स कोएंजाइम के रूप में कार्य करते हैं। विटामिन सी और विटामिन ई एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं। एंजाइम या अन्य प्रोटीन की भागीदारी के लिए विटामिन का अवशोषण, उनका ट्रांसपोर्ट और सक्रियता आवश्यक है।
लक्षण प्रकट होने से पहले ही कमियों का पता लगाने में विटामिन टेस्ट एक जरूरी मेकेनिज़्म के रूप में कार्य करता है। विटामिन डी, विटामिन बी12 और विटामिन सी जैसे एसेंशियल विटामिनों की कमी से कमजोर प्रतिरक्षा से लेकर कॉग्निटिव लॉस तक कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। परीक्षण के माध्यम से तुरंत कमियों की पहचान करके व्यक्ति उन्हें ठीक करने के लिए सक्रिय कदम उठा सकते हैं। इससे भविष्य में संभावित हेल्थ प्रॉब्लम को रोका जा सकता है।
जब पोषण की बात आती है, तो एक आकार सभी के लिए उपयुक्त नहीं होता है। विशिष्ट आहार संबंधी ज़रूरतें प्रत्येक व्यक्ति की उम्र, सेक्स, हेरिडिटी (Heredity) और जीवनशैली (Lifestyle) जैसे कारकों से प्रभावित होती हैं। विटामिन टेस्टिंग के निष्कर्ष के आधार पर हेल्थकेयर एक्सपर्ट व्यक्तिगत न्यूट्रीशन प्लानिंग तैयार कर पाते हैं। इसके आधार पर ही विटामिन सप्लीमेंट बताया जाता है।
नियमित विटामिन टेस्टिंग पोषक तत्वों के लेवल की निरंतर निगरानी और आहार संबंधी इंटरवेंशन या सप्लीमेंट (Vitamin supplement) की कितनी जरूरत है, यह भी बताता है। समय के साथ विटामिन लेवल में बदलावों पर नज़र रखकर व्यक्ति अपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव लाकर स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है। वह यह समझ सकता है कि जरूरी पोषक तत्वों के लिए कौन-कौन से आहार लिए जाएं।
कई शोध बताते हैं कि विटामिन की कमी (Vitamin deficiency) और हृदय रोग (Heart disease) के बीच संबंध हो सकता है। कैंसर और न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर जैसी पुरानी बीमारियों के बढ़ते जोखिम के बीच एक मजबूत संबंध हो सकता है। विटामिन टेस्टिंग (Vitamin testing) कमियों की शुरुआती पहचान और समाधान करके बीमारी की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे क्रोनिक डिजीज के विकास के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
नियमित हेल्थ केयर में विटामिन टेस्टिंग (Vitamin testing) शामिल करना चाहिए।। चाहे एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार करना हो, पुरानी स्थितियों का प्रबंधन करना हो या समग्र जीवन शक्ति को बढ़ाना हो, तो जरूरी पोषक तत्व लेना चाहिए। विटामिन टेस्टिंग रोगमुक्त कर ओवरऑल हेल्थ में मदद करता है।
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