क्रोनिक डायबिटीज छीन सकती है आंखों की रोशनी, जानिए इस खतरनाक स्थिति से कैसे बचना है

शरीर के अन्य अंगों के साथ-साथ डायबिटीज आंखों को भी प्रभावित कर देता है। इसके कारण आंखों की कई गंभीर समस्या हो सकती हैं। जानते हैं डायबिटीज के कारण होने वाली आंखों की समस्या और उपचार को।
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आंखों को नुकसान तब शुरू होता है जब शुगर रेटिना तक जाने वाली छोटे ब्लड वेसल्स को अवरुद्ध कर देती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
Updated On: 8 Jan 2024, 12:36 pm IST
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डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है। यह रोग जीवनभर रह सकता है और इसका शरीर के कई अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह आंखों को भी प्रभावित कर देता है। इसके कारण विजन लॉस और ब्लाइंडनेस भी हो सकती है। डायबिटीज रेटिना के ब्लड वेसल्स को प्रभावित कर देता है। यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह की समस्या है, तो वर्ष में कम से कम एक बार आंखों की विस्तृत जांच कराना जरूरी है। आइये जानते हैं कि कैसे डायबिटीज में हुआ हाई ब्लड शुगर आंखों को प्रभावित (Diabetes can cause vision Impairment) कर देता है।’

हाई ब्लड शुगर के कारण आंखों को हो सकती हैं ये समस्याएं (High Blood Sugar can cause Eye Disease)

1 डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy)

शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स में वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. अनुषा सचान बताती हैं, ‘डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती चरणों में आमतौर पर कोई लक्षण सामने नहीं होते हैं। कुछ लोग अपनी दृष्टि में बदलाव देखते हैं, जैसे- पढ़ने में परेशानी या दूर की वस्तुओं को देखने में परेशानी। बीमारी के बाद के चरणों में रेटिना में ब्लड वेसल्स विट्रीस (जेल जैसा तरल पदार्थ, जो आंख में भर जाती हैं) में ब्लड बहने लगता है। यदि ऐसा होता है, तो काले, तैरते हुए धब्बे या मकड़ी के जाले जैसी दिखने वाली धारियां दिखाई दे सकती हैं। कभी-कभी धब्बे अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन तुरंत उपचार कराना महत्वपूर्ण है। उपचार नहीं होने पर रक्तस्राव के कारण ब्लाइंडनेस हो सकती है।

2 मोतियाबिंद (Cataract)

मधुमेह होने से मोतियाबिंद होने की संभावना 2 से 5 गुना अधिक हो जाती है। इससे कम उम्र में भी कैटरेक्ट होने की संभावना अधिक हो जाती है।

3 ओपन-एंगल ग्लूकोमा (Open Angle Glaucoma)

मधुमेह होने पर ओपन-एंगल ग्लूकोमा (Open Angle Glaucoma) विकसित होने का जोखिम लगभग दोगुना हो जाता है। यह एक प्रकार का ग्लूकोमा है।

कैसे हाई शुगर रेटिना को नुकसान पहुंचाता है (High Sugar affect Retina)

डॉ. अनुषा सचान बताती हैं, ‘मधुमेह पूरे शरीर के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है। आंखों को नुकसान तब शुरू होता है जब शुगर रेटिना तक जाने वाली छोटे ब्लड वेसल्स को अवरुद्ध कर देती है। इससे उनमें तरल पदार्थ का रिसाव होता है या रक्तस्राव होता है। इन अवरुद्ध ब्लड वेसल्स की भरपाई के लिए आंखों में नए ब्लड वेसल्स विकसित होते हैं, जो अच्छी तरह से काम नहीं करती हैं। ये नए ब्लड वेसल्स आसानी से लीक या रक्तस्राव कर सकती हैं।’

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मधुमेह पूरे शरीर के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

डायबिटिक विजन लॉस को रोकने के उपाय (Tips to prevent Diabetic Vision Loss)

सबसे अधिक जरूरी है हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करना। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने, स्वस्थ भोजन करने और अपनी दवा लेने से दृष्टि हानि को रोकने या डेरी लाने में मदद मिल सकती है। डायबिटीज का प्रबंधन करना डायबिटिक विजन लॉस के जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। इसका मतलब है कि ब्लड शुगर लेवल का सही रूप में होना। डायबिटिक विजन लॉस से बचने के लिए इंसुलिन या अन्य डायबिटिक दवाओं के लिए डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना सबसे अधिक जरूरी है।

ट्रीटमेंट (Eye Treatment of a diabetic patient)

यदि डायबिटीज के कारण आंखों में समस्या हो गई है, तो कई उपचार इसमें मदद कर सकते हैं।

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प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

1 इंजेक्शन (Injection for Diabetic Vision Impairment)

डॉ. अनुषा सचान के अनुसार, एंटी-वीईजीएफ दवाएं कहलाने वाली दवाएं डायबिटिक विजन लॉस को धीमा या खत्म कर सकती हैं। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स दवाएं भी मदद कर सकती हैं

2 लेजर उपचार (Laser Treatment for Diabetic Vision Impairment)

रेटिना में सूजन को कम करने के लिए ऑपथेल्मोलोजिस्ट ब्लड वेसल्स को सिकोड़ने और रिसाव को रोकने के लिए लेजर का उपयोग कर सकते हैं

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रेटिना में सूजन को कम करने के लिए लेजर का प्रयोग किया जा सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

आई सर्जरी (Eye Surgery)

यदि रेटिना से बहुत अधिक रक्तस्राव हो रहा है या आंख में बहुत सारे घाव हैं, तो नेत्र चिकित्सक एक प्रकार की सर्जरी की सिफारिश कर सकते हैं, जिसे विट्रोक्टोमी कहा जाता है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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