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तंबाकू उत्पाद हो सकते हैं कोरोनावायरस के कम्यूनिटी स्प्रेड का कारण, जानिए कैसे

तंबाकू उत्पादों का सेवन करना न केवल आपके लिए कोरोनावायरस का जोखिम बढ़ाता है, बल्कि आप अपने परिवार और समाज के लिए भी परेशानी का कारण बन सकते हैं।
Updated On: 29 Jul 2020, 03:26 pm IST
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धूम्रपान बालो को समय से पहले कर सकता है ग्रे। चित्र: शटरस्टॉक

कोविड-19 कोरानावायरस में अब भी हम अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं। भारत जैसे विकासशील देशों में सबसे ज्यादा डर कम्यूनिटी स्प्रेड (Community spread) यानी सामुदायिक संक्रमण का था। सौभाग्य से अभी हम इससे दूर हैं। पर अनलॉक 3.0 (Unlock 3.0) की खबरों के बीच आपको यह भी जान लेना चाहिए कि अगर आप स्मोकिंग करती हैं, तो आप कोरोनावायरस के सामुदायिक संक्रमण का कारण बन सकती हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल से श्वसन संबंधी संक्रमण बढ़ सकता है और ऐसे लोग कोरोना वायरस की चपेट में आने के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं। जबकि इससे अंतर्स‍बंधित गतिविधियां आपके परिवार और समुदाय के लिए भी कोरोनावायरस का जोखिम बढ़ा देती हैं।

स्‍मोकिंग और कोविड-19 दोनों आपके फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

अगर आप स्मोकिंग करती हैं, तो आप हैं डबल रिस्क में

धूम्रपान करने वाले लोगों के कोविड-19 की चपेट में आने का खतरा अधिक है, क्योंकि धूम्रपान करने से हाथ से मुंह तक विषाणु के जाने की आशंका अधिक रहती है।

मंत्रालय ने ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी और भारत में तंबाकू का इस्तेमाल विषय पर अपने दस्तावेज में कहा कि विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि धूम्रपान करने वालों में कोरोना वायरस के अधिक गंभीर लक्षण दिखने या उनके मरने की आशंका अधिक है। क्योंकि यह सबसे पहले फेफड़ों पर हमला करता है। इसलिए ऐसे किसी भी उत्पाद का सेवन करने के खिलाफ आगाह किया गया है जो फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है।

अपने परिवार और समुदाय के लिए भी हैं खतरा

उंगलियों के होठों के संपर्क में आने के कारण स्मोकिंग करने वालों को कोविड-19 की चपेट में आने का ज्यादा रिस्क रहता है। जबकि जो लोग पाइप या हुक्का जैसे धूम्रपान उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, वे भी इसकी रिस्क जोन में सबसे ज्यादा हैं। उनके साथ और आसपास रहने वाले लोग भी पेसिव स्मोकिंग के कारण इसके रिस्क जोन में आ जाते हैं।

पेसिव स्‍मोकिंग आपके परिवार के लिए भी कोविड-19 का खतरा बढ़ा देती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

धूम्रपान, ई-सिगरेट, बिना धुएं वाले तंबाकू, पान मसाला और ऐसे ही उत्पादों के इस्तेमाल से फेफड़ों संबंधी संक्रमण का खतरा और तीव्रता बढ़ सकता है।

तंबाकू उत्पादों (खैनी, गुटखा, पान, जर्दा) चबाने के बाद थूकना पड़ता है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से स्वास्थ्य संबंधी खतरा बढ़ता है खासतौर से कोविड-19, टीबी, स्वाइन फ्लू, इंसेफैलाइटिस जैसे संक्रामक रोग फैलते हैं।

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ये मामले हो सकते हैं ज्यादा घातक

तंबाकू उत्पाद चार मुख्य गैर संचारी बीमारियों दिल की बीमारी, कैंसर, फेफड़ों की बीमारी और मधुमेह के रोगियों के लिए बड़ा खतरा है। ऐसे लोगों में कोविड-19 की चपेट में आने से गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं।

कमजोर हो चुकी होती है इम्यूनिटी

तंबाकू उत्पादों में जो रसायन होते हैं वे विभिन्न प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि को दबाते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ”धूम्रपान करने से फेफड़ों की कार्यप्रणाली बाधित होती है, जिससे प्रतिरक्षा क्षमता कम होती है और शरीर के लिए विभिन्न बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है।

(समाचार एजेंसी भाषा से प्राप्‍त इनपुट के साथ)

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय।

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