अप्रूवल और रिजेक्शन की जंग में अधिकतर लोग काम के बोझ तले दबते चले जाते हैं। दरअसल, कुछ लोग एक ऐसे रोलरकोस्टर पर सवार रहते हैं, जो हर पल तनाव को बढ़ाने का काम करता है, जिसका असर हमारी मेंटल हेल्थ पर भी दिखता है। वर्कलोड इस कदर बढ़ जाता है कि हम न खुद का ख्याल रख पाते हैं और न ही काम पर फोक्स कर पाते हैं। जानते हैं वो आसान टिप्स जिनकी मदद से आपकों अपनी मेंटल हेल्थ को बनाए रखने में आसानी होगी (Ways to prioritizing mental health)।
इस बारे में हेल्थशॉटस से बातचीत करते हुए सर गंगाराम अस्पताल में साइकोलॉजिस्ट सीनियर कंसलटेंट, डॉ आरती आनंद का कहना है कि काम को समय पर करने, ग्रोथ और इंक्रीमेंट समेत कई वजह हैं, जिनसे हम खुद को तनाव में महसूस करने लगते है। इससे हमारे अंदर गिल्ट, एंगज़ाइटी, लॉस ऑफ सेल्फ रिस्पेक्ट और अपने आप से नाराज़गी होने लगती है। कई बार प्रतिभा का गलत मूल्यांकन भी इसका कारण साबित हो सकता है। इससे व्यक्ति खुद को इनसिक्योर समझने लगता है। ऐसे में खुद को रिलैक्स रखने और कामके बोझ तले खुद को दबाने से बेहतर इन बातों को जीवन में अपनाना ज़रूरी है।
दिनभर काम करने के अलावा भरपूर नींद लेना भी उतना ही ज़रूरी है। जो आपकी ओवरऑल हेल्थ के अलावा मेंटल हेल्थ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दरअसल, नींद और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही एक दूसरे से जुड़े हुए है। पूरी नींद न लेने से आपके अंदर मूंड स्विंग, गुस्सा और उदासी बढ़ने लगते हैं। सेंटर्स फॉर डिज़ीज कंट्रोल के मुताबिक सात घंटे से कम नींद आपके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है। पूरी नींद लेने के लिए सोने से पहले स्क्रीन को अवॉइड करें। बैलेंसड स्लीप के लिए सोने और उठने का समय एक समय तय कर लें।
चाहे आप ऑफिस में हैं या घर पर कुछ वक्त एक्सरसाइज़ के लिए निकालें। लगातार काम करने से उसका प्रभाव आपकी पीठ, कंधों, कमर और गर्दन पर दिखने लगता है। इससे शरीर में दर्द और ऐंठन बढ़ने लगती है। ऐसे में सिंपल मूव्स के ज़रिए आप ऑफिस हो या घर बॉडी को रिलैक्स रख सकते हैं। 1 घंटा बैठने के बाद कुछ देर टहलें और 1 से 2 एक्सरसाइज़ ज़रूर करें।
दिनभर बजने वाले फोन को सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें। केवल आवश्यक कॉल्स को ही एक्सेप्ट करें। रात को सोने से पहले अगर आप फोन का प्रयोग करती हैं, तो इससे मेलाटॉनिन हार्मोन प्रभावित होता है। इससे आपको पूरी नींद नहीं मिल पाती है। वहीं अगर आप सुबह उठते ही सबसे पहले फोन को स्क्राल करती हैं, तो इससे एलर्टनेस और मूड बूस्ट नहीं हो पाते हैं।
अगर आप खुद को ओवर बर्डन महसूस कर रही हैं, तो अपने उपर वर्कलोड बढ़ाने से बचे। मेंटली तौर पर टायर्ड होने से आप काम पर पूरी तरह से फोकस नहीं कर पाएगी। काम के अलावा अपना ख्याल रखना भी ज़रूरी है। मेंटल हेल्थ को प्रायोरिटी देने के लिए न कहना सीखें। काम के दौरान अगर आप थकान महसूस कर रही है, तो अन्य प्रोजेक्टस पर वर्क न करें और कुछ देर खुद को ब्रेक दें।
लगातार एक जगह पर काम करने वाले लोगों से बेहतर वे लोग परफार्म करते हैं, तो खुद को समय देते हैं और काम से ब्रेक लेते हैं। इससे आपका दिमाग फ्रेश हो जाता है, जो नए आइडियाज़ के साथ दोबारा से काम करने लगता है। साथ ही बेहतर रिज़लटस भी सर्व करता है। कुछ देर काम करने के बाद आप कॉफी ब्रेक ले सकते हैं। इसके अलावा कुछ देर क्लीगस के साथ बातचीत करने में भी बिताएं। इससे कम्यूनिकेशन गैप समाप्त होने लगता है।
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