पहले कोविड – 19, फिर मंकीपॉक्स और अब टोमैटो फ्लू, एक के बाद एक नई बीमारियां सामने आ रही हैं। ये तीनों बीमारियां एक-दूसरे से बहुत अलग हैं, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि यह सब फिजिकल कॉन्टैक्ट से फैलती हैं। एक तरफ जहां कोविड – 19 किसी पास बैठे व्यक्ति के खासने या छींकने से होता है, तो वहीं मंकीपॉक्स सेक्सुअल कॉन्टैक्ट से भी फैल सकता है। जबकि टोमैटो फ्लू संक्रमित व्यक्ति को छूने से भी फैल सकता है।
टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) या टोमैटो फीवर (Tomato Fever) केरल, तमिलनाडु, हरियाणा और ओडिशा जैसी जगहों पर सामने आया है। इसी वजह से देश में आजकल नई बीमारी टोमैटो फीवर (Tomato Flu) चर्चा का विषय बनी हुई है। इसी के चलते मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस बीमारी को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को बीमारी राज्य के लिए जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि संक्रमितों को पांच से सात दिन के लिए आइसोलेट किया जाए। दूसरों को सिखाया जाना चाहिए कि इस बीमारी से पीड़ित लोगों को गले न लगाएं और छुएं नहीं। स्वच्छता बनाए रखना ज़रूरी है। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे अपनी उंगलियां न चूसें।
माना जाता है कि टोमैटो फ्लू कॉक्ससैकीवायरस ए-6 और ए-16 के कारण होता है। टोमैटो फ्लू आमतौर पर एचएफएमडी (HFMD) होता है, जिसका मतलब है कि यह हाथ, पैर, मुंह की बीमारी है (Hand, Foot and Mouth Disease)। एचएफएमडी प्रकार का वायरस है, जो आम तौर पर बच्चों को ही होता है। यह मुंह में छाले और हाथों और पैरों पर दाने का कारण बनता है। यह स्थिति लार या बलगम के सीधे संपर्क में आने से भी फैलती है।
एडवाइजरी के मुताबिक इस रोग में शरीर पर टमाटर की तरह गोल दाने बन जाते हैं। साथ ही, बुखार, जोड़ों में दर्द और दस्त जैसी समस्याएं भी आ सकती हैं। इसके अन्य लक्षणों में डिहइड्रेशान, घबराहट, उल्टी और थकान शामिल है। इसके लक्षणों में बुखार, गले में खराश, अस्वस्थ महसूस करना, चिड़चिड़ापन और भूख न लगना शामिल हैं। यह वायरस आमतौर पर 10 दिनों के भीतर अपने आप खत्म हो जाता है।
इस बीमारी के बाद बच्चों में चिकनगुनिया या डेंगू होने का जोखिम भी हो सकता है। एक से पांच साल की उम्र के बच्चों की इस वायरस से आंखें लाल हो जाती हैं। हालांकि, कमजोर इम्यूनिटी वाले, जैसे कि बुजुर्ग, इस बीमारी के विकसित होने की अधिक संभावना रखते हैं। मगर फिर भी, टोमैटो फ्लू को कॉमन बीमारी नहीं कहा जा सकता।
यह कॉक्ससैकीवायरस ए-6 और ए-16 के कारण होता है। इस वायरस के संक्रमण से कुछ न्यूरोलॉजिकल लक्षण हो सकते हैं। इसकी वजह से एन्सेफलाइटिस यानी ब्रेन इन्फेक्शन भी हो सकता है। 99.9 प्रतिशत मामलों में यह रोग अपने आप ठीक हो जाता है। मगर कुछ मामलों में, यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की समस्याएं पैदा कर सकता है। टोमैटो फ्लू के दाने आमतौर पर जीभ, मसूड़ों, गालों के अंदर, हथेलियों और तलवों पर होते हैं। कई लोगों के पास यह नाखूनों के नीचे भी होता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स के दाने अधिक गहरे होते हैं। शरीर पर दाने का फैलाव भी अलग होता है। हालांकि, मंकीपॉक्स की तरह, टमाटर फ्लू का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। इसमें लक्षणों के अनुसार दवाएं दी जाती हैं।
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