यह स्‍टडी बताती है कि हर 5 में से 1 कोविड-19 मरीज को होती है एंग्जायटी और अवसाद

इस विशेष रूप से बड़े स्तर की स्टडी में पाया गया कि कोविड-19 दिमाग को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
कोविड-19 दिमाग को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 12 Oct 2023, 17:21 pm IST
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अब तक हम जानते हैं कि कोविड-19 के पीड़ितों के सांस, न्यूरोलॉजिकल और हृदय संबंधी स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव हो सकते हैं। और जब हम जानते हैं कि इस महामारी का हम में से अधिकांश लोगों के लिए मानसिक प्रभाव है, तो चिकित्सकीय रिसर्च अब साबित कर रहा है कि कोविड -19 कैसे लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों को पैदा कर सकता है।
एक बड़े पैमाने पर हुए अध्ययन के अनुसार, कोरोनवायरस से संक्रमित 20% लोगों में 90 दिनों के भीतर एक मनोचिकित्सकीय बीमारी पाई गई है।

अध्ययन में बरामद कोविड-19 रोगियों में चिंता, अवसाद और अनिद्रा सबसे आम थे जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में इजाफा किया। शोधकर्ताओं ने रोगियों में डिमेंशिया का काफी अधिक जोखिम पाया।

इस तरह से किया गया था यह अध्ययन

ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मनोचिकित्सा के प्रोफेसर पॉल हैरिसन कहते हैं, “लोगों को चिंता है कि कोविड -19 से रिकवर हुए लोगों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का अधिक खतरा होगा, और हमारे निष्कर्ष यह संभावना दिखाते हैं।”
द लांसेट साइकियाट्री नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन ने अमेरिका में 69 मिलियन लोगों के इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकॉर्ड का विश्लेषण किया, जिसमें कोविड-19 के 62,000 से अधिक मामले शामिल हैं।

कोविड -19 लोगों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों को पैदा कर सकता है।चित्र- शटरस्टॉक।

कोविड -19 के सकारात्मक परीक्षण के तीन महीनों बाद भी एंग्जायटी, अवसाद या अनिद्रा के 5 में से 1 केस दर्ज हुए।

कोविड-19 मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है और मनोरोगों को ट्रिगर करता है

अध्ययन में यह भी पाया गया कि पहले से मौजूद मानसिक बीमारी वाले लोगों में कोविड -19 की संभावना 65% अधिक थी।
कई मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ जो सीधे तौर पर अध्ययन में शामिल नहीं थे, उन्होंने भी कहा कि यह निष्कर्ष कोविड-19 के मस्तिष्क पर प्रभाव के हाइपोथेसिस को और पुख्ता बनाता है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के सलाहकार मनोचिकित्सक माइकल ब्लूमफील्ड कहते हैं, “यह इस महामारी से जुड़े मनोवैज्ञानिक तनावों और बीमारी के शारीरिक प्रभावों के संयोजन के कारण होता है।”

किंग्स कॉलेज लंदन में मनोचिकित्सा के प्रोफेसर साइमन वेसली ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकार वाले लोगों में कोविड-19 के मानसिक प्रभाव का शिकार होने की अधिक सम्भावना है।

वह कहते हैं, “कोविड -19 केंद्रीय नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, और इसलिए मानसिक विकारों को बढ़ा सकता है। लेकिन यह शोध इस बात की पुष्टि करता है कि यह पूरी बात नहीं है, यह जोखिम पिछली बीमारियों के कारण बढ़ जाता है।”

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