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इस शोध के अनुसार बॉडी वाइटल और बीएमआई कैंसर के जोखिम का पता लगाने में हो सकते हैं मददगार

अध्ययन बताता है कि मोटापा और पेट की चर्बी होने से आपको हृदय रोग, टाइप -2 मधुमेह और कैंसर सहित कई और रोगों का जोखिम भी बढ़ जाता है।
मोटापा और पेट की चर्बी होने से आपको हृदय रोग, टाइप -2 मधुमेह और कैंसर सहित कई और रोगों का जोखिम भी बढ़ जाता है।चित्र- शटरस्टॉक.
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 13 May 2021, 13:30 pm IST
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इस साल एक नया ऑनलाइन शोध सामने आया है, जो बताता है कि मोटापे से होने वाले कैंसर से बचने के लिए बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के साथ-साथ शरीर के माप का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

मोटापे पर किया शोध यूरोपीय कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया था। इसमें बताया गया कि बीएमआई से आप किसी भी व्यक्ति के शरीर की वसा को एक सरल तरीके से माप सकते हैं। वह भी केवल वजन और लम्बाई से। लेकिन इसकी विश्वसनीयता पर अक्सर सवाल खड़े किए जाते हैं। क्योंकि ये मांसपेशियों से वसा को अलग नहीं करता। ऐसे में इस पर भी संदेह व्‍यक्‍त किया जाता है कि शरीर में वसा कहां जमा होती है।

इसी तरह, कमर की परिधि पेट की चर्बी को नियंत्रण में रखती है, जो हृदय रोग, टाइप -2 डायबिटीज और कैंसर सहित कई स्वास्थ्य रोगों को रोकने में सहायक है। पर किसी व्यक्ति की लंबाई ये हिसाब नहीं दे पाती है कि शरीर में कितना बॉडी फैट है।

मोटापे का सीधा संबंध कैंसर से है

मोटापे को मापने के लिए एक नया मीट्रिक आया है जिसे index ए बॉडी शेप इंडेक्स ’(ABSI) कहा जाता है। ये एक व्यक्ति की उम्र, लिंग, वजन, ऊंचाई और कमर की परिधि को ध्यान में रखता है। ये बीएमआई की तुलना में कैंसर के खतरे का अधिक सटीक अनुमान लगाने में सहायक है।

इसे आगे बढ़ाने के लिए, ग्लासगो विश्वविद्यालय और न्यूकैसल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के बायोबैंक के कोहोर्ट(cohort) ने 442,614 लोगों ( उम्र 56 वर्ष) का 8 साल तक इसी तरीके से परीक्षण किया, जिसके दौरान 36,961 व्यक्तियों का कैंसर हो गया।

लोगों में 24 अलग-अलग प्रकार के कैंसर के खतरे को जांचने के लिए एबीएसआई और बीएमआई उनके शरीर के आकार के अनुसार उनको तीन समूहों बांटा। समूह बांटने का आधार मरीज़ो की उम्र, लिंग, जातीयता, अभाव, शिक्षा, आय, धूम्रपान, शराब का सेवन, आहार सेवन, शारीरिक गतिविधि थी।

समझिए दोनों का अंतर

विश्लेषण में पाया गया कि शरीर के आकार और बीएमआई ने वयस्कों में मोटापे से संबंधित विभिन्न कैंसर के खतरे की भविष्यवाणी की थी। विशेष रूप से, सबसे ज्यादा कैंसर का खतरा एबीएसआई के प्रतिभागियों था। उनमें लिवर कैंसर होने की संभावना 38 फीसदी, फेफड़े का कैंसर 40 फीसदी से अधिक होने की संभावना थी। वहीं बीएमआई के प्रतिभागियों में कैंसर का खतरा 17 फीसदी बढ़ा था।

हालांकि, शोधकर्ताओं ने पाया कि उच्च ABSI और उच्च BMI संयुक्त को सात अलग-अलग प्रकार के कैंसर जैसे गर्भाशय, ग्रासनली का कैंसर , लीवर,पेट, किडनी, आंत, स्तन कैंसर के साथ जोड़ा गया। उदाहरण के लिए, उच्चतम ABSI के प्रतिभागी जो अधिक वजन वाले या मोटे (BMI 25 kg / m2 या over) थे, उनमें सबसे कम ABSI और सामान्य BMI वाले लोगों की तुलना में गर्भाशय के कैंसर के विकास का खतरा दोगुना था।

अपने मोटापे से निपटने का सबसे अच्छा तरीका क्‍या है

“हमारे निष्कर्ष कैंसर के खतरे का अनुमान लगाने के लिए बीएमआई से मापने की सलाह देते हैं। कि लोगों के शरीर के आकार में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है- ” प्रमुख लेखक कार्लोस सेलिस-मोरालेस, ग्लासगो विश्वविद्यालय, ब्रिटेन से कहते हैं, । “जो भी विधि आप उपयोग करते हैं, अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होना धूम्रपान के बाद कैंसर का एकमात्र सबसे बड़ा कारण है।

आपका वजन आपके लिए खतरा है चित्र- शटरस्टॉक

अतिरिक्त शरीर में वसा होने से जैविक परिवर्तन हो सकते हैं जो एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन जैसे सेक्स हार्मोन के स्तर में परिवर्तन करते हैं, जो इंसुलिन का स्तर बढ़ने और सूजन का कारण बनते हैं, इन सभी को 13 अलग-अलग प्रकार के कैंसर के बढ़ते खतरें के साथ जोड़ा गया है।

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ये केवल एक अवलोकन अध्ययन है, इसलिए इसे प्रमाणित नहीं किया जा सकता है क्योंकि ये यूके की वयस्क आबादी पर किया नमूना नहीं है, इसलिए इसके परिणामों को सभी लोगों के लिए सही नहीं ठहराया जा सकता है।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

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