नया अध्ययन बताता है कि पोर्नोग्राफी की खपत किशोरों के बीच तेज़ी से बढ़ रही है

16 से 17 आयु वर्ग के लगभग 78 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट पर अश्लील सामग्री का सामना करते हैं।
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पोर्न देखने की आदत आपके रिश्ते पर डाल सकती है प्रभाव। चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 10 May 2021, 19:30 pm IST
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16 और 17-वर्षीय बच्चों के करीब चौथाई हिस्से को इंटरनेट पर अश्लील सामग्री का सामना करना पड़ता है, जो अपने आप में एक मल्टीबिलियन-डॉलर का कारोबार है।

आज इन्टनेट पर हर जगह पोर्नोग्राफिक कंटेंट उपलब्ध है। साथ ही, जर्नल पॉलिसी एंड इन्टरनेट द्वारा किये गये सर्वे के मुताबिक लगभग 25% सर्च अश्लील कंटेंट की तरफ ले जाती हैं। मार्केट का साइज देखते हुए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि युवा पीढ़ी इसकी तरफ क्यों आकर्षित होती है।

आइये जानते हैं अध्ययन का क्या कहता है?

म्यूनिख में लुडविग-मैक्सिमिलियन्स-यूनिवर्सिटेट (LMU) में मीडिया एंड कम्युनिकेशन (IFKW) विभाग के प्रोफेसर नील थरमन और फेबियन ओब्स्टर (यूनिवर्सिटीज डर बुंडेसर मुंचेन) ने साथ मिलकर, पोर्नोग्राफिक साइटों के उपयोग पर एक अध्ययन किया है। एक सर्वेक्षण में 1000 ब्रिटिश किशोरों का नमूना शामिल है। साथ ही, इस सर्वेक्षण में जर्मनी में नियामकों और विधायकों के लिए संकेत भी दिए गए हैं।

कुल मिलाकर, 16 से 17 वर्ष के बीच के 78 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने बताया कि उन्हें इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, उनमें से कई ने कहा कि वे बार-बार अश्लील वेबसाइटों पर जाते हैं। सर्वेक्षण में भाग लेने वालों ने एक प्रश्नावली भरी जिसमें उन्होंने स्वीकार किया कि औसतन, 6 दिन पहले उन्होंने ऐसी साइटों का अंतिम दौरा किया था।

कई उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्होंने एक ही दिन में अश्लील वीडियो देखे और चित्र भी। प्रतिक्रियाओं के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि किशोरों ने अश्लील वेबसाइटों पर प्रति माह औसतन 2 घंटे बिताए। इसके अलावा, ऐसी साइट्स लगभग हमेशा अपने स्मार्टफोन या टैबलेट पर एक्सेस करी जाती हैं।

सर्वेक्षण में यह भी पता चला कि युवा उपभोक्ता कंटेंट तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया पोर्टल्स की ओर रुख कर रहे हैं। ऑनलाइन पोर्नोग्राफी का ज्यादातर पुरुष उपभोग कर रहे हैं।

वीपीएन और टोर ब्राउज़र का करते हैं इस्तेमाल

जर्मनी, यूके, फ्रांस और कनाडा में, कानूनी ऑनलाइन पोर्नोग्राफ़ी तक पहुंच को विनियमित करने के लिए अब प्रयास चल रहे हैं, और कुछ मामलों में उपायों को पहले ही लागू किया जा चुका है। इनमें ऐसी वेबसाइटों के लिए उपयोगकर्ताओं के प्रवेश से पहले ऐज वेरिफिकेशन के प्रावधान शामिल हैं।

लेकिन, थुरमन के सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग आधे उत्तरदाताओं ने वीपीएन या टोर ब्राउज़र का उपयोग किया था। दोनों उपकरण कनेक्शन डेटा को अज्ञात करते हैं, इस प्रकार देश-विशिष्ट प्रतिबंधों को दरकिनार करने की अनुमति देते हैं।

थुरमन कहते हैं “वर्तमान में, ऑनलाइन पोर्नोग्राफी बाजार अत्यधिक केंद्रित है। कुछ वैश्विक फर्मों में इसका वर्चस्व है। वास्तव में, केवल मुट्ठी भर वेबसाइटें खपत के बहुमत के लिए जिम्मेदार हैं, ”।

नाबालिगों की सुरक्षा के उपायों के संदर्भ में, उनका सुझाव है कि, देश-विशिष्ट उपायों के अतिरिक्त, पोर्नोग्राफी के प्रमुख वैश्विक प्रकाशकों पर भी दबाव डाला जाना चाहिए, ताकि सभी बाजारों में प्रभावी आयु प्रतिबंध लागू करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके। इसके अलावा, इसी तरह के नियमों को लागू किया जाना चाहिए, जैसा कि ब्रिटेन में पहले से ही सोशल-मीडिया प्लेटफार्मों पर हो रहा है।

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