पुरुषों की तुलना में महिलाओं के बाल कम टूटते -झड़ते हैं। इन दिनों खराब लाइफस्टाइल के कारण महिलाओं में हेयर फॉल अधिक हो रहे हैं। तनाव, हेल्थ प्रॉब्लम, आहार, बालों की देखभाल में कमी जैसे कारक युवा महिलाओं में बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं। यदि किसी महिला को हेयर फॉल की समस्या अधिक परेशान कर रही है, तो उसे अपना ब्लड टेस्ट करवा लेना चाहिए। ब्लड टेस्ट के आधार पर ही बालों के झड़ने (blood test for hair fall) का प्रभावी उपचार खोजा जा सकेगा।
• बालों का झड़ना आनुवंशिकी या हार्मोन के कारण (blood test for hair fall) भी हो सकता है।
• तनाव, एंग्जाइटी या ट्रॉमा के कारण हो सकता है।
• ऑटो इम्युनिटी की वजह से, जहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली हेयर फॉलिकल पर हमला करती है।
• यदि कोई महिला कीमोथेरेपी करा रही है, तो उसके बाल अधिक झड़ेंगे।
ट्राइकोलॉजिकल ब्लड टेस्ट बालों के झड़ने के अलग-अलग कारकों का पता लगा सकते हैं।
अंडरएक्टिव थायरॉयड के कारण हाइपोथायरायडिज्म और अति सक्रिय थायरॉयड के कारण हाइपरथायरायडिज्म होता है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाए, बाल झड़ने (blood test for hair fall) की समस्या हो सकती है। थायरॉइड TSH, FT3 और FT4 हार्मोन का उत्पादन करता है। ब्लड टेस्ट यह मापता है कि प्रत्येक हार्मोन का कितना उत्पादन हो रहा है। इससे यह पता चलता है कि अति सक्रिय या कम सक्रिय थायरॉयड है।
बालों के विकास को बनाए रखने में सेक्स हार्मोन लेवल एक बड़ी भूमिका निभाता है। महिलाएं टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करती हैं, जो डीएचटी में मेटाबोलाइज होता है। डीएचटी बालों के रोम में एण्ड्रोजन रिसेप्टर्स को बांधता है। इससे वे सिकुड़ जाते हैं और बाल पैदा करना बंद कर देते हैं।
ब्लड टेस्ट आमतौर पर सेक्स हार्मोन लेवल को मापता है। इसमें टेस्टोस्टेरोन, ऑस्ट्राडियोल, एन्ड्रोस्टेनडायोन, प्रोलैक्टिन, एफएसएच ल्यूटिन हार्मोन शामिल होते हैं। हार्मोन का स्तर पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी स्थितियों की उपस्थिति का भी संकेत दे सकता है, जिसे बालों के झड़ने से भी जोड़ा गया है।
बालों का झड़ना एनीमिया या आयरन की कमी के कारण भी हो सकता है। आयरन की कमी और बालों की बनावट के बीच संबंध हो सकता है।अध्ययन बताते हैं कि सीरम फेरिटिन ब्लड प्रोटीन है, जिसमें आयरन होता है। इसका लेवल स्वस्थ बालों वाली महिलाओं की तुलना में बाल झड़ने वाली महिलाओं में कम होता है। आयरन की कमी एलोपेसिया एरियाटा के विकास में भी योगदान दे सकती है। इसलिए ब्लड में आयरन और फ़ेरिटिन लेवल से हेयर लॉस का पता चल सकता है।
सीबीसी या होल ब्लड काउंट ब्लड के व्यक्तिगत घटकों को मापती है। इसमें रेड ब्लड सेल्स, वाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स शामिल हैं। यह बालों के रोमों के आसपास सूजन के लक्षणों का संकेत दे सकता है। यह एक ऑटोइम्यून स्थिति का संकेत दे सकता है, जो बालों के झड़ने का कारण हो सकता है।
विटामिन डी की कमी को ऑटोइम्यूनिटी से जोड़ा गया है। इसलिए यह एलोपेसिया एरीटा जैसी ऑटोइम्यून बालों के झड़ने की स्थिति का भी कारण बन सकता है। हार्वर्ड हेल्थ के शोध बताते हैं कि विटामिन डी की कमी बालों के झड़ने का कारण बन सकता है।
कई अलग-अलग बी विटामिन हैं, जिनमें से कई को बालों के झड़ने (blood test for hair fall) से जोड़ा गया है। फोलेट (विटामिन बी9) – फोलेट फोलिक एसिड के रूप में भी जाना जाता है। बायोटिन (विटामिन बी7), विटामिन बी12 की कमी से बाल झड़ सकते हैं।
ब्लड शुगर लेवल डायबिटीज का संकेत दे सकता है। विशेष रूप से टाइप 2 डायबिटीज बालों के झड़ने (blood test for hair fall) से जुड़ा हो सकता है।
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