हमें शुरुआत से ही बताया गया है कि कौन सी आदत अच्छी है और कौन सी आदत बुरी, हमें किन चीजों का पालन करना चाहिए और कौन सी चीजों को अवॉयड करना चाहिए। हालांकि, इनमें से बहुत सी आदतें ऐसी हैं, जिनका कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और हम अपने हिसाब से इसे अपनाते रहते हैं। सालों से आजमाए जानें वाली कुछ अच्छी आदतें, वास्तव में आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं। क्या आपको इन आदतों के बारे में पता है, यदि नहीं तो आज हम बताएंगे ऐसी ही कुछ आदतें (unhealthy habits)।
न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ कोच नेहा रंगलानी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए कुछ ऐसी आदतें (unhealthy habits) बताई हैं, जो हमें स्वस्थ लगती हैं, पर वास्तव में सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
जब आपका शरीर और दिमाग दोनों ही अधिक तनाव में हो तब आपको वेट ट्रेनिंग से बचना चाहिए। खासकर जो लोग वर्कआउट करते हैं, स्ट्रेस होने पर और अधिक इंटेंस वर्कआउट करना शुरू कर देते हैं, जो की सेहत के लिए नकारात्मक साबित हो सकता है। इस स्थिति में चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है और इस दौरान थकान भी बहुत जल्दी होती है। साथ ही स्ट्रेस में वेट ट्रेनिंग करने से आपको सामान्य दिनों की तुलना में उचित परिणाम नहीं मिल पाता, इसलिए आपको हमेशा इससे बचना चाहिए।
एक्सपर्ट के अनुसार फलों को डेजर्ट के रूप में नहीं लेना चाहिए, यह सेहत को नुकसान पहुंचा सकते है। खाना खाने के साथ फलों का सेवन न करें। इसे दो मिल के बीच के गैप में भूख महसूस होने पर ले सकती हैं।
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पाचन कमजोर होने पर भी प्रोटीन के नाम पर हर भोजन में नॉन वेज लेना सेहत को तमाम रूपों में नुकसान पहुंचा सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार नॉनवेज में प्रोटीन के साथ-साथ सैचुरेटेड फैट की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को बढ़ा देते हैं।
स्टडी की मानें तो नॉनवेज कंज्यूम करने वाले लोगों का लाइफ़स्पन वेजिटेरियन के मुकाबले कम होता है और उनमें क्रॉनिक समस्याएं होने का खतरा भी अधिक होता है। ऐसे लोगों को डायबिटीज, हार्ट डिजीज, और हाइपरटेंशन का खतरा बना रहता है
गुड फैट के लिए जरूरत से ज्यादा मात्रा में नट्स के सेवन से अन्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए इन्हें सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए। नट्स की अधिकता कब्ज, वेट गेन, विटामिन E के ओवरडोज का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा कुछ लोगों को एलर्जी, इन्फ्लेमेशन, रैशेज, सांस लेने में तकलीफ होना, जी मचकने के साथ ही ब्लड शुगर लेवल में स्पाईक देखने को मिल सकता है।
वहीं यह फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है और पाचन क्रिया के लिए बेहद फायदेमंद होता है। परंतु जब हम इसे अधिक मात्रा में लेते हैं तो यह पोषक तत्वों के अवशोषण में रुकावट बन सकता है। किसी भी चीज का फायदा तभी तक मिलता है, जब आप उसे सीमित रूप से करती हैं। ठीक इसी प्रकार ड्राई फ्रूट्स और नट्स की अधिकता भी आपके लिए खतरनाक हो सकती है।
जब आप शरीर को आवश्यकता से अधिक पानी देती हैं, तो बॉडी डिहाइड्रेटेड होना शुरू हो जाती है, जो सेहत को तमाम रूपों में हानि पहुंचा सकती है। जरूरत से ज्यादा पानी पीने से उल्टी और बैलेंस डेवलप करने में परेशानी होती है। इसके अलावा टिशु में स्वेलिंग हो जाती है और यह बॉडी में सूजन का कारण बन सकता है। ऐसा करने से बॉडी में वॉटर टाक्सीसिटी हो जाती है, जिसकी वजह से तमाम प्रकार की परेशानियां बढ़ जाती है। इसलिए हमेशा आवश्यकता पड़ने पर ही शरीर को पानी दें। यानी कि जब आपको प्यास लगती है तब ही पानी पीना चाहिए।
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