इन दिनों महिलाएं हार्ट डिजीज (Heart disease in women) खासकर स्ट्रोक (Heart Stroke) की चपेट में बहुत आ रही हैं। कार्डियोलॉजिस्ट हार्मोन को भी इसके लिए जिम्मेदार एक बड़ा कारण मानते हैं। कई बार तो स्वस्थ और फिट दिखने वाली महिलाएं भी हृदय संंबंधी बीमारियों से ग्रस्त हो जाती हैं। इसके लिए उनका खराब लाइफस्टाइल और जीन दोनों जिम्मेदार हो सकते हैं। हमारा शरीर स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के होने से पहले ही इसके संकेत देना शुरू कर देता है। बस जरूरत है इन्हें समय रहने पहचानने और सावधान होने की (how to keep heart healthy)। एक्सपर्ट हमें यहां उन्हीं संकेतों के बारे में बता रहे हैं जो हार्ट स्ट्रोक होने से पहले महिलाओं (pre heart attack symptoms female) में नजर आते हैं।
हाई हार्मोन लेवल खासकर एस्ट्रोजन ब्लड वेसल्स को अधिक प्रभावित करते हैं। वेसल्स स्ट्रेच होने के कारण आर्टेरियल डिजीज होने की संभावना बढ़ने लगती है।
यदि आपको कई दिनों से लगातार सिर दर्द हो रहा है, तो यहां भी सतर्क होने की जरूरत है।
शरीर में किसी भी प्रकार का असामान्य बदलाव महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। एक्सपर्ट हमें हार्ट स्ट्रोक के कुछ ऐसे ही लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें महिलाएं अकसर नजरंदाज कर जाती हैं। पर उनसे पहले हार्ट स्ट्रोक को ठीक से समझते हैं।
कोरोनरी आर्टरी ब्लड को हार्ट तक पहुंचाती हैं। कोरोनरी आर्टरीज में जब कोई दिक्कत पैदा हो जाती है, तो हार्ट तक ब्लड पहुंचने में दिक्कत होने लगती है।
इसके कारण ही स्ट्रोक होते हैं। ज्यादातर मामलों में इनके लक्षण (heart blockage symptoms in hindi) पहले ही दिखाई देने लगते हैं। पर वे इतने सामान्य और भ्रामक होते हैं कि ज्यादातर महिलाएं इन्हें नजरंदाज कर जाती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप उन लक्षणों पर ध्यान दें।
सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नीरज कुमार बताते हैं कि हार्ट स्ट्रोक होने से पहले शरीर संकेत देने लगता है। यदि आपको शरीर में किसी भी प्रकार की तकलीफ महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलने की कोशिश करें। थोड़ी भी देर करने पर समस्या और बढ़ सकती है।
डॉ. नीरज कुमार कहते हैं, जब हार्ट तक सही ढंग से ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है, तो हाथ में कमजोरी महसूस होने लगती है। हाथ और पैर में सुन्नता महसूस करना, कॉर्डिनेशन में दिक्कत आना जैसी कई समस्याएं आपको होने लग सकती हैं।
अक्सर ये सारी समस्याएं शरीर के एक तरफ ही होती हैं। लेकिन इसके कारण कमजोरी पूरे शरीर में महसूस हो सकती है।
कभी-कभी चक्कर भी आ सकते हैं। उल्टी जैसा भी लग सकता है। आप सोचेंगी कि उल्टी संभवत: फूड प्वायजनिंग के कारण महसूस हो रही है। पर यहां सतर्क होने की जरूरत है। यदि आपको अपने शरीर में इस तरह का कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से मिलने में देरी न करें।
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कस्टमाइज़ करेंकई बार आप जो शब्द बोलना चाहती हैं, वह बोल नहीं पाती हैं। वे शब्द अस्पष्ट या चाहकर भी धीमी आवाज में निकल पाते हैं। कभी-कभी आप बोलने में भी खुद को असमर्थ पाती हैं। संभव है कि आपकी बोलने में अस्पष्टता दूसरों को अधिक महसूस हो।
यदि इनमें से किसी भी प्रकार की असमर्थता आप खुद या आपके लिए दूसरे लोग महसूस करते हैं, तो ये लक्षण संभावित स्ट्रोक के हो सकते हैं। इसे आपको गंभीरता से लेना चाहिए।
यदि आप अचानक भ्रमित हो जाती हैं, जैसे आप कहां हैं। आपके आसपास क्या हो रहा है। कुछ सोचने पर आप असहज महसूस करने लगती हैं, आपको सुस्ती-सी होती है। हालांकि ये सभी लक्षण अधिक नशा करने के कारण भी हो सकते हैं।
पर अगर आप शराब नहीं पीती हैं और फिर भी आपको ऐसा महसूस हो रहा है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
अमेरिकन हार्ट हेल्थ एसोशिएशन के अनुसार, क्रोनिक माइग्रेन स्ट्रोक होने के जोखिम को 50 प्रतिशत तक बढ़ा देता है। आप कभी भी अचानक असहनीय सिरदर्द का अनुभव कर सकती हैं। ऐसा आपके साथ अक्सर होता है, तो आपको तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से मिलने की जरूरत है।
लगभग 30 सेकंड के लिए आपको हिचकी आती है, तो यह सामान्य समस्या है। जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी एंड न्यूरोफिजियोलॉजी में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, अगर आपको लगातार हिचकी आ रही हैं और सभी उपाय करने के बाद भी वह ठीक नहीं हो रही, तो यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है।
उपरोक्त में से कोई स्थिति या असामान्य बदलाव महसूस होने पर जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। थोड़ी सी भी देरी आपके लिए जोखिम कारक हो सकती है।
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