लिवर आपकी सेहत की छननी है। जो आपके द्वारा खाई या पी गई हर चीज को छानकर उसके पोषक तत्वों को आपके शरीर में पहुंचाता है। यही पोषक तत्व शरीर के तमाम अंगों को काम करने की ऊर्जा देते हैं। हालांकि इस काम में लिवर काफी अधिक थक जाता है। मगर कुछ अच्छी आदतें आपके लिवर को फिर से रिपेयर कर देती हैं और वे हर दिन उसी मेहनत से दोबारा काम करने के लिए तैयार हो जाता है। मगर कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जो आपके लिवर को ही बर्बाद कर देती हैं। अंदाजा लगाइए जब आपके शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने वाली छननी को ही आपने बर्बाद कर दिया, तब आपकी सेहत का क्या हाल होगा। रोजमर्रा की ये 5 गलतियां लिवर डैमेज (liver Damage) कर देती हैं। अगर आप नहीं चाहते कि आपका लिवर बर्बाद हो जाए, तो इन पर अभी से लगाम लगाएं।
धर्मशिला नारायणा हॉस्पिटल, दिल्ली के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. महेश गुप्ता बताते हैं कि लिवर को शरीर की रक्षा करने के लिए प्रकृति ने तैयार किया है। मगर आपकी रोजमर्रा की कुछ आदतें जिनमें खानपान और डेली रुटीन दोनों ही शामिल हैं, वे इसे नुकसान पहुंचाते हैं। धीरे-धीरे लिवर पर ठहर जाने वाले ये टॉक्सिन्स उसे चोटिल करते हैं और उसमें छोटे-छोटे जख्म होने लगते हैं। मेडिकल टर्म में इसे लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis) कहा जाता है।
लिवर सिरोसिस के लक्षणाें को लगातार इग्नाेर करना और सुरक्षात्मक उपाय न अपनाना लिवर फेलियर (Liver failure) या लिवर डैमेज (liver Damage) का कारण बनता है।
डॉ महेश कहते हैं, “सबसे अच्छी बात यह है कि आपका शरीर लिवर के खराब होने के हर चरण में अलग तरह के संकेत देता है। शुरुआत में ही अगर इन लक्षणों पर गौर किया जाए, तो उपचार की संभावनाएं बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं।”
यह लिवर की सेहत खराब होने का सबसे प्रारंभिक संकेत है। फिर चाहें वह पीलिया हो या हेपेटाइटिस। त्वचा और आंखों के पीले पड़ने पर आपको ध्यान देना चाहिए। इसके साथ कुछ लोगों को बार-बार बुखार आने की समस्या भी हो सकती है।
जब आपके यकृत पर जख्म होते हैं, उसमें सूजन आती है या छोटे स्कार्स होने लगते हैं, तब स्वभाविक रूप से पेट में दर्द और सूजन का सामना करना पड़ता है। अगर आपको बार-बार पेट दर्द की समस्या हो रही है, तो बिना देर किए किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।
यह एक प्रमुख संकेत है जो आपकी खराब सेहत की ओर इशारा करता है। आपने गौर किया होगा कि जब आप कोई दवा खा रहे होते हैं तो पेशाब का रंग गाढ़ा पीला हो जाता है। यानी दवाओं का असर यकृत पर पड़ रहा है। दवाओं के बगैर भी अगर पेशाब का रंग ज्यादा पीला हो तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
पेट भरा हुआ या फूला हुआ महसूस होना, भूख कम लगना या मर जाना, खाना देखते ही मतली आना भी संकेत हैं कि आपके यकृत में कुछ समस्या है। इन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए।
पैरों या टखनों में सूजन यूरिक एसिड बढ़ने और लिवर खराब होने की स्थिति में नजर आती है। कभी-कभी डायबिटीज के कारण भी पैरों में सूजन का सामना करना पड़ता है। यानी पैरों की सूजन कभी भी सामान्य नहीं है।
जब आपके शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते तभी आपको हर समय कमजोरी और थकान महसूस होती है। यह लिवर के खराब होने पर भी हो सकता है। क्योंकि अब आपका लिवर टॉक्सिंस को बाहर निकालने और पोषक तत्वों की आपूर्ति का काम ठीक से नहीं कर पा रहा होता है।
ये ब्लड क्लॉटिंग का संकेत है। जब लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता तो उसके संकेत त्वचा पर ड्राईनेस और जगह-जगह नीले निशानों के रूप में नजर आते हैं। आयुर्वेद में इसे रक्त में पित्त की मात्रा बढ़ जाने के तौर पर भी जाना जाता है।
डॉ. महेश कहते हैं, “कुछ चीजें आपके वश में नहीं होतीं, जबकि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनसे आप बच सकते हैं। लाइफस्टाइल संबंधी ये गलतियां ऐसी ही चीजें हैं, जिनसे बचा जा सकता है।”
विशेषज्ञ बार-बार कहते हैं कि शराब भारतीय जलवायु और जीवनशैली के अनुरूप बिल्कुल भी नहीं है। फिर भी फैशन के कारण ये शानदार पार्टियों का हिस्सा बन गई है। जबकि आम भारतीयाें के लिए चाहें वे पुरुष हैं या स्त्रियां, उनके लिए शराब का एक पेग भी लिवर काे नुकसान पहुंचा सकता है। वे उन अमेरिकन डाटा पर न जाएं, जिनमें सप्ताह में तीन पेग को सेफ बताया गया है। वे आपके लिए नहीं हैं।
यह समझिए कि, अच्छा या बुरा जो भी आप खाते हैं, वह पहले आपके लिवर के पास ही जाता है। मगर दवाओं को विभिन्न रसायनों के इस्तेमाल से इस तरह तैयार किया जाता है कि वे जल्द असर करें। जबकि आपका लिवर इन हार्ड रसायनों के लिए तैयार नहीं होता। यही वजह है कि हल्के जुकाम-बुखार की दवा लेने पर भी आपको कब्ज की समस्या हो जाती है। दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से ड्रग इन्ड्यूस्ड हेपेटाइटिस भी हो सकता है।
सिगरेट, वेपिंग, हुक्का, खैनी या किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके विषैले पदार्थ ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करते हैं। जिससे कोशिकाएं फ्री रेडिकल्स के संपर्क में आती हैं। ऐसा बार-बार होने से लिवर में सूजन और जख्म हो सकते हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन रिफाइंड शुगर का ज्यादा इस्तेमाल भी आपके यकृत के लिए शराब की तरह ही खतरनाक है। असल में यह फ्रुक्टोज़ को फैट में परिवर्तित करता है। इस प्रक्रिया के दौरान कुछ कण उसके भीतरी परतों में ही चिपक जाते हैं। जिससे यकृत के अंदर फैट डिपॉजिट होने लगता है। इस फैट का डिपॉजिशन ज्यादा बढ़ने से यह नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) का कारण बन जाता है।
जब आप जरूरत से ज्यादा कैलोरी का सेवन करते हैं, तब यह फैट के रूप में शरीर में जमा होने लगती हैं। यह फैट यकृत को भी अपना शिकार बनाता है। अध्ययनों में यह भी सामने आया है कि ज्यादा वजन लिवर की कार्यक्षमता को धीमा कर देता है। सिर्फ इतना ही नहीं ज्यादा वजनी लोगों की त्वचा, हार्ट और ब्लड प्रेशर भी नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है।
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