आज पूरा देश 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। जल, थल और वायु सेना को जब अनुशासित होकर परेड में शामिल होते देखते हैं, तब दृश्य कितना सुंदर हो जाता है। असल में अनुशासन बड़े से बड़े समूह और छोटी से छोटी यूनिट को भी अपना लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करता है। यही नियम हर व्यक्ति और स्वास्थ्य पर भी लागू होता है।
लक्ष्य को हासिल करने और शरीर को स्वस्थ रखने, दोनों के लिए जरूरी है रूल्स को फॉलो करना। ये रूल्स इतने हार्ड नहीं होते हैं कि इन्हें फ़ॉलो करना बोरिंग लगे। देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था कि प्रति व्यक्ति को अनुशासन का पालन यानी रूल्स को फ़ॉलो करना चाहिए। इससे पर्सनल लेवल पर उसे सफलता (self discipline tips) मिलेगी और देश का भला हो पायेगा।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश भर में सार्वजनिक राष्ट्रीय अवकाश होता है। 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान के प्रभाव में आने की तारीख को चिह्नित करने के लिए हम यह दिवस मनाते हैं। इस अवसर पर हम सिर्फ छुट्टी ही नहीं मनाएं, बल्कि अपने लिए बनाये गये रूल्स को फॉलो करने का प्रण भी लें। ये रूल्स पर्सनल सक्सेस के लिए भी जरूरी हैं।
उद्योगपति और टाटा कंपनी के भूतपूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने एक बार कहा था कि हम किसी भी प्रोफेशन को अपनाएं, अपने लिए यह रूल बना लें कि हम अपने काम को पूरे उत्साह के साथ करेंगे। चेहरा लटकाकर और निराश होकर काम करने से न सिर्फ असफलता हाथ लगती है, बल्कि हमारा आउटपुट भी देश के विकास को सहयोग नहीं दे पाएगा। हर गण (जन) में उत्साह का संचार करने के लिए ही राष्ट्र पर्व मनाए जाते हैं। अपने रोजमर्रा के काम से समय निकालकर मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस में सम्मिलित होना भी अपना कर्तव्य मानें। इन समारोहों से आपके अंदर ऊर्जा का संचार होगा और आपमें देश प्रेम की भावना जगेगी।
हम अपने काम को पूरा करने में कोताही बरतते हैं। काम को अधूरा छोड़ देते हैं। जिम्मेदारी लेने से बचते हैं। इससे तात्कालिक लाभ तो मिल जाता है, लेकिन आगे सफलता का रास्ता रुक जाता है।
इस स्थान पर हमें बुद्धि-विवेक से काम लेना चाहिए। सोशल रिफॉर्मर मेधा पाटकर ने एक बार कहा था कि जब भी आपको काम से जी चुराने का मन करे, तो अपने विल पॉवर को मजबूत करने की कोशिश करें। अपने लाभ मिलने के सीमित नजरिये को विस्तृत रूप में देखने की कोशिश करें। देश हित की बात सोचें। इससे अपने दायित्वों की पूर्ति ईमानदारी से करने की प्रेरणा मिलेगी।
हॉलीवुड अभिनेत्री और सोशल वर्कर जेना ओर्टेगा (Jenna Ortega) कहती हैं कि कोई भी काम छोटा नहीं होता है। हर व्यक्ति अपने हुनर और योग्यता के अनुसार काम पाता है। इसलिए देश या समाज की व्यवस्था से शिकायत रखने की बजाय अपनी कमियों को जानकर उन्हें ठीक करने की कोशिश करें।
यदि यह भाव प्रत्येक व्यक्ति में मौजूद होगा, तो वह अपने बनाये रूल्स या अनुशासन से कभी विचलित नहीं हो पाएगा। व्यक्ति को किसी भी तंत्र से शिकायत करने की बजाय पॉजिटिव सोच और काम करना चाहिए। स्वयं को सफल होते हुए देखना चाहती हैं, तो दूसरों को सहयोग देने और देश के विकास में सहयोग देने की बात पहले सोचें।
गंदगी में कई रोग पलते हैं। बीमारी को दूर रखने पर ही आप स्वस्थ होंगी और अपने काम कर पाएंगी। आसपास की गंदगी बीमारियां फैलाने के साथ-साथ आपके मन में भी नकारात्मक भाव भरने लगते हैं। अपने लिए यह भी रूल बनाएं कि प्रकृति और अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखना है।
चारों ओर स्वच्छता मौजूद रहने से ही मन में सुंदर विचार आते हैं। सिर्फ स्वयं और घर की सफाई नहीं, बल्कि बाहर भी स्वच्छ रखना जरूरी है। गंदगी और प्रदूषण फैलाने से स्वयं को रोकें। हमें सिर्फ अपने अधिकार ही नहीं गिनाने चाहिए, बल्कि अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।
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