इस अध्ययन के अनुसार सतह को छूने से कोरोना वायरस से संक्रमित होने का जोखिम बहुत कम

कपड़े, जूते, सब्जियां और दूध के पैकेट पिछली बार आपने सब रगड़-रगड़ कर धोए। पर इस बार आपको मास्‍क और वेंटिलेशन पर ज्‍यादा ध्‍यान देना है।
किसी सतह को छूने से कोरोना वायरस का जोखिम बेहद कम है. चित्र : शटरस्टॉक
किसी सतह को छूने से कोरोना वायरस का जोखिम बेहद कम है. चित्र : शटरस्टॉक

कोरोना वायरस अभी भी शोध का विषय है। यह तो तय है कि यह सांस के द्वारा फैलता है। पर अन्‍य और कई उपक्षेत्र ऐसे हैं जिन पर लगातार शोध जारी है। इसी संदर्भ में एक नया शोध आया है। जो सतह पर मौजूद वायरस से संक्रमित होने के जोखिम को न के बराबर मान रहा है।

कोविड-19 की दूसरी लहर

कोरोना वायरस की दूसरी लहर अपने चरम पर है और हर व्यक्ति इसके प्रकोप से डरा हुआ है। ऐसे में हर रोज़ ख़बरें सामने आ रही हैं कि भारत कम्युनिटी ट्रांसमिशन में प्रवेश कर चुका है। जिसका मतलब है कि कोविड – 19 के वायरस हवा में मौजूद हैं। ऐसे में सब्जियां, जूते, दरवाज़ों, या टेबल की सतह पर वायरस के कण मौजूद हो सकते हैं, जिससे कोविड – 19 से संक्रमित होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।

महामारी की शुरुआत में एक्सपर्ट्स ने सतहों द्वारा उत्पन्न कोविड-19 के जोखिम के बारे में चेतावनी दी थी। जिसकी वजह से लोगों ने किराने का सामान घर लाकर धोना शुरू कर दिया था और सार्वजनिक परिवहन को साफ किया गया था।

घरेलू प्रदूषण है ज्‍यादा खतरनाक

मगर अब यह समझा जा रहा है कि लोग इनडोर, भीड़भाड़ और कम वेंटिलेशन वाले स्थानों में कोरोनोवायरस से संक्रमित हो सकते हैं। जहां संक्रमित लोग दूसरों के साथ लंबे समय तक समय बिताते हैं, वहां सफाई और सैनिटाइजेशन भी कारगर नहीं है।

सतह पर कोरोना वायरस के ड्रॉपलेट्स हो सकते हैं । चित्र: शटरस्‍टॉक
सतह पर कोरोना वायरस के ड्रॉपलेट्स हो सकते हैं । चित्र: शटरस्‍टॉक

सीडीसी के निदेशक डॉ. रोशेल वालेंस्की ने व्हाइट हाउस ब्रीफिंग में कहा है, “लोग दूषित कणों और वस्तुओं के संपर्क के माध्यम से कोविड -19 वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।

इन्ही सब जटिलताओं के कारण अगर आप भी कन्फ्यूज हैं कि क्या करें और क्या नहीं, तो हम आपकी चिंता दूर कर देते हैं –

हाल ही में अमेरिका में हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि सतह को छूने से कोरोना वायरस से संक्रमित होने का जोखिम बेहद कम है! सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के अपडेट किए गए दिशा निर्देश बताते हैं कि यह संभावना 10,000 में 1 से कम है।

वर्जीनिया टेक के एयरबोर्न वायरस के विशेषज्ञ लिनसी मार ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, “हम यह लंबे समय से जानते हैं और अभी भी लोग सतह की सफाई पर इतना ध्यान दे रहे हैं। वास्तव में अभी तक ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला है कि दूषित सतह को छूने से किसी को कोविड -19 हुआ हो।”

अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी के एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट एमानुएल गोल्डमैन कहते हैं, ” यह वायरस सांस लेने से होते हैं, छूने से नहीं”।

क्‍या है डब्‍ल्‍यूएचओ की राय

यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने यह भी कहा कि वायरस फैलने का मुख्य कारण रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स हैं। वो भी उन लोगों में जो एक- दूसरे के निकट संपर्क में हों। इसलिए कम से कम अभी सतह पर मौजूद वायरस के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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