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खाना जितना सुंदर दिखेगा, हमारे दिमाग को लगता है उतना ही हेल्‍दी, जानिए क्‍या कहती है यह स्‍टडी

क्या आपने भी मेनू में आकर्षक फोटो देखकर कोई नई डिश मंगाई है, चाहें वह ज्यादा महंगी हो? इसके पीछे आपके दिमाग का खेल है।
Updated On: 15 Nov 2020, 01:01 pm IST
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सुंदर दिखने वाला खाना बढ़ा देता है आपकी भूख। चित्र : शटरस्‍टॉक

विज्ञापन में टेस्टी दिख रहे भोजन को ट्राई करना, जबकि आपने इससे पहले उसे कभी नहीं खाया- ईमानदारी से कहें तो हम सब की कहानी यही है। इसके पीछे जिम्मेदार है ह्यूमन साइकोलॉजी जो हमें हमारी आंखों पर अन्य इंद्रियों के मुकाबले ज्यादा निर्भर बनाती है। जी हां, आप अपनी आंखों का बाकी किसी भी सेंस से ज्यादा विश्वास करते हैं।

क्या है यह स्टडी?

USC मार्शल स्कूल ऑफ बिज़नेस द्वारा किये गए इस रिसर्च में फूड इंडस्ट्री में भोजन को आकर्षक दिखाने के ट्रेंड पर प्रकाश डाला गया।

जर्नल ऑफ मार्केटिंग में प्रकाशित इस स्टडी में पब्लिक हेल्थ और मार्केटिंग के प्रभाव को स्टडी किया गया। “बाजारीकरण के चलते भोजन को अधिक से अधिक सजाकर परोसने का ट्रेंड बन गया है। इसके कारण लोग समझने लगे हैं कि अच्छा दिखने वाला भोजन हमारे लिए हेल्दी है और यह उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है”, कहती हैं इस स्टडी की लीड ऑथर और मार्केटिंग की प्रोफेसर लिंडा हेगन।

आपको जंक फूड से बचना चाहिए। चित्र: शटरस्‍टाॅॅक

साउथ कैलिफोर्निया में प्रत्येक व्यक्ति हर दिन 19 रेस्टोरेंट के विज्ञापन देखता है। विज्ञापनों में भोजन को सुंदर बनाया जाता है। ताकि आप इसे खाने के प्रति लालायित हो जाएं। समस्या ये है कि हेल्दी भोजन को सजाया नहीं जाता है। जितनी खूबसूरती से चीज पिज़्जा या हैमबर्गर का प्रचार होता है, फ्रूट सलाद का नहीं होता।

इस रिसर्च से हेगन विज्ञापनों के दिमाग पर प्रभाव को स्टडी करती हैं ताकि लोगों को ह्यूमन साइकोलॉजी की इस प्रक्रिया से अवगत कराया जा सके।
इस तरह के एडवरटाइमेन्ट का हमारे मस्तिष्क पर हमारी समझ से कहीं ज्यादा प्रभाव पड़ता है। हम यह नहीं समझ पाते हैं और अनजाने में ही इन विज्ञापनों की ओर खिंचे जाते हैं।

हेगन का कहना है कि इस ट्रेंड को पालिसी मेकर्स को संज्ञान में लेना चाहिए। इससे हेल्दी भोजन को लेकर बन रहे गलत परसेप्शन को खत्म किया जा सकता है। साथ ही इससे लोगों में हेल्दी भोजन को प्रोमोट किया जा सकता है।

आपके सबकॉन्शियस दिमाग पर इन विज्ञापनों का बहुत प्रभाव होता है।चित्र- शटरस्टॉक।

आपको इस स्टडी से क्या सीख लेनी चाहिए

सबसे पहले तो जरूरी है आप जानें कि आपके सबकॉन्शियस दिमाग पर इन विज्ञापनों का बहुत प्रभाव होता है। इसलिए आप जब भी बाहर खाएं या खाना आर्डर करें, कुछ ऐसा चुनें जिसके पोषण को लेकर आप आश्वस्त हों।
किसी भी डिश को लेते वक्त ध्यान रखें कि उसमें कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स सभी पर्याप्त मात्रा में हों।
बाहर खाना हो या घर पर कुछ नया बना रही हों, इस नियम का ध्यान रखें कि प्लेट का आधा हिस्सा सलाद होना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
विदुषी शुक्‍ला
विदुषी शुक्‍ला

पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते।

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