आमतौर पर स्ट्रोक या हार्ट अटैक की स्थिति में एस्पिरिन का सेवन करने का सुझाव दिया जाता हैं। इन स्वास्थ्य मुश्किलों में एस्पिरिन को फर्स्ट एड माना जाता है। हार्ट अटैक या स्ट्रोक एक गंभीर स्थिति होती है और एक भी गलत कदम मनुष्य के जीवन को दाव पर लगा सकता है। ऐसे में क्या बिना डॉक्टर की सलाह के एस्पिरिन का सेवन करना उचित है? क्या आपको पता है कि कुछ लोगों के लिए एस्पिरिन के गंभीर साइड इफेक्ट हो सकते हैं? इन्हीं जरूरी बातों को हम आपके सामने ला रहें हैं।
इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. अतुल माथुर सलाह देते हैं कि दिल का दौरा पड़ने पर एस्पिरिन की गोली ली जा सकती है। यह मानना है कि इस परिस्थिति से गुजरने वाले लोग डॉक्टर की सलाह से एस्पिरिन की निर्धारित खुराक का सेवन कर सकते हैं। यह दूसरे अटैक को रोकने में मदद करता है।
यदि आपके घर में किसी को हार्ट अटैक हुआ है, तो बिना देर किए मरीज को एस्पिरिन की एक गोली पानी में घोलकर पिला दें। यह आपको हस्पताल तक जाने का समय दे सकता है। उसके बाद डॉक्टर परिस्थिति की गंभीरता को परखकर अपना इलाज करेंगे।
हार्वर्ड हेल्थ के अध्ययन के अनुसार एस्पिरिन को कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज के समय दिया जा सकता है। यह हार्ट अटैक के जोखिमों को कम करने में मदद करती है। एस्पिरिन आपके खून को पतला करने में मदद करती है। जिसकी वजह से वह आसानी से आपके हृदय से गुजर सकता है। हार्ट में मौजूद ब्लॉकेज के बावजूद यह खून के प्रवाह को जारी रखता है।
एस्पिरिन के आम दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
रैशेज
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अल्सरेशन
पेट में दर्द, पेट की ख़राबी
सीने और पेट में जलन
अनियमित नींद
सरदर्द
ऐंठन
जी मिचलाना
खून बहना
चूंकि एस्पिरिन आपके खून को पतला कर देती है, आपको तात्कालिक परिस्थियों के अलावा इसका सेवन करने से बचना चाहिए। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार आपको बिना डॉक्टर की सलाह के एस्पिरिन का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि आप एस्पिरिन के प्रति एलर्जिक हैं, लगातार शराब का सेवन करते हैं, किसी चिकित्सा से गुजर रहें है या 70 वर्ष से अधिक आयु के हैं, तो एस्पिरिन का सेवन करने से बचें।
ऐसी नाजुक परिस्थियों में आप बिना डॉक्टर की सलाह के आप एस्पिरिन न खाएं।
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