पसीने के पीछे के कारण को समझना इस बीमारी के लिए एक समाधान खोजने की दिशा में पहला कदम है। इसलिए, हमने फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग, नई दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. अजय अग्रवाल से बात की और उन्होंने बताया कि, “शरीर के अन्य अंगों की तरह, हमारी हथेलियों में भी पसीना आता है। यह पसीना पर्यावरणीय, भावनात्मक या चिकित्सीय कारकों से उत्पन्न होता है। “
डॉक्टर अग्रवाल ने हमें पसीना निकलने के पीछे 6 संभावित कारणों के बारे में बताया है:-
डॉ अग्रवाल कहते है कि “यदि आप तनावपूर्ण या असहज स्थिति में हैं, तो यह ट्रिगर का काम करेगा। चिंता कई लोगों की हथेली में पसीना लाती है।” शरीर में अचानक एड्रेनालाईन की अधिकता हथेलियों में पसीने का कारण बनती है। यह कथित खतरे के लिए आपके शरीर की प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप होता है।
इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि गर्म और आर्द्र मौसम हमें बहुत पसीना देता है। चाहे वह आपकी अंडरआर्म्स हो, गर्दन या हथेलियां, गर्म मौसम भी आपके पसीने से भीगी हथेलियों का कारण हो सकता है।
अनहेल्दी डाइट भी पसीने से भीगी हथेलियों को जन्म दे सकता है। लहसुन, प्याज और मसालेदार भोजन जैसे खाद्य पदार्थ पसीने की ग्रंथियों को ट्रिगर करते हैं। इसके अलावा, शराब पीने और धूम्रपान पसीने की ग्रंथियों को उत्तेजित करता है, जिसमें आपकी हथेलियां भी शामिल हैं।
सिगरेट में मौजूद निकोटीन आपके शरीर में प्रवेश करने के बाद आपके तंत्रिका तंत्र में न्यूरॉन रिसेप्टर्स को बांध सकता है जो कि पसीना निकलने के पीछे का कारण भी हो सकता है।
आपके मूड और पीरियड्स को प्रभावित करने के अलावा, यह तंत्रिका अंत को भी प्रभावित कर सकता है। जो आपके पसीने की ग्रंथियों को उत्तेजित करता है। इसलिए, यदि आपको थायरॉयड विकार, पीसीओएस या किसी अन्य हार्मोनल मुद्दे हैं, तो आपकी हथेलियों पर पसीना आ सकता है।
यदि पसीना उम्र के साथ बढ़ रहा है, तो इसकी जांच होनी चाहिए और आपको थायराइड के स्तर की जांच भी करवानी चाहिए।” इससे पता चलता है कि परेशानी किस हद तक है।
डॉ. अग्रवाल कहते हैं कि “यहां तक कि बुखार के कारण भी आपको मामूली पसीने का सामना करना पड़ सकता है।” यदि ये कारक आप पर लागू नहीं होते हैं, तो हाइपरहाइड्रोसिस जैसी कुछ अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति हो सकती है। हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जो हथेलियों, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर पसीना पैदा करती है।
इस बीमारी का इलाज आसानी से किया जा सकता है। इसलिए, ऐसे मामले में अपने डॉक्टर को दिखाना न भूलें। डॉ.अग्रवाल अपने हाथ को निरंतर साफ रखने की सलाह भी देते हैं।
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