सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) एक खगोलीय घटना है। लोग इसके गवाह बनना चाहते हैं। पर नेत्र रोग विशेषज्ञ इसे सीधे न देखने की सलाह देते हैं। उनका मानना है कि इससे आंख के रेटिना को गंभीर नुकसान हो सकता है।
सूर्य ग्रहण से जुड़ी लोगों की उत्सुकता उन्हें इसके परिणामों से दूर रखती है। सूर्य ग्रहण के द्वारा आपकी आंखों को कितना नुक्सान हो सकता है इसका अंदाजा शायद आप नहीं लगा सकते। इन वैज्ञानिकों का मानना है कि बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है।
ऑस्ट्रेलियन रेडिएशन प्रोटेक्शन एंड नुक्लेअर सेफ्टी एजेंसी (ARPANSA) ने आंखो की रौशनी और सूर्य ग्रहण पर कुछ महत्वपूर्ण फैक्ट्स सांझा किये हैं। 21 जून को पड़ने वाला सूर्य ग्रहण आपकी आंखो पर कैसा असर डालेगा इस पर डिटेल में हर पहलूू को डिसकस किया गया है।
रेटिना हमारी आंखो का वह हिस्सा है, जो सीधे तौर पर कुछ भी देखने के लिए जिम्मेदार होता है। रेटिना के खराब होने पर कोई सेंसटिविटी या कोई दर्द आपको नहीं होगा। बल्कि इसका नुकसान भी आपको घंटों तक महसूस नहीं होगा। इसकी कोई चेतावनी नहीं होती ना ही इसके कोई लक्षण होते हैं। जिससे आपको पता चले कि अब आपकी आंखें खराब हो चुकी हैं।
सूर्य ग्रहण को पूर्ण या आंशिक रूप से प्रत्यक्ष देखने पर आंखों की रौशनी जा सकती है। ARPANSA अप्रत्यक्ष तरीकों का उपयोग करके ग्रहण देखने की सलाह देता है।
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है और चंद्रमा पूरी तरह से या आंशिक रूप से सूर्य को ढक देता है। सूर्य ग्रहण के दौरान सीधे सूर्य को देखना बेहद खतरनाक होता है। आपको कभी भी नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए।
सूर्य ग्रहण को देखने की सबसे सुरक्षित तकनीक, इसे अप्रत्यक्ष रूप से देखना है। जैसे आप स्क्रीन पर सूर्य की छवि को आसानी से प्रोजेक्ट कर सकते हैं या टीवी पर, ऑनलाइन या लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं। विशेष रूप से यह रौशनी बच्चों की आंखें को बहुत नुकसान देती है। बच्चों की आंखें नाजुक होती हैंं और रेटिना के माध्यम से ज्यादा रौशनी ट्रांसमिट कर सकती हैं। इसका तीव्र प्रकाश उनकी आंखों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
‘एक्लिप्स आई ग्लासेस (Eclipse eye glasses) आजकल काफी पॉपुलर है। जिन्हें ग्रहण को देखने के लिए खास तौर पर तैयार किया जाता है। इनका सुरक्षित होना उनकी फिल्टर एबिलिटी और फ्रेम के डिजाइन पर निर्भर करता है। बल्कि जहां एक तरफ यह लेंस सर्टिफाइड स्टैंडर्ड एप्लीकेशंस द्वारा प्रमाणित होते हैं, वहीं दूसरी ओर इनका अनुचित उपयोग आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
आमतौर पर इस समय सूर्य की रोशनी इतनी तीव्र होती है कि उसे सीधे देखना ना सिर्फ मुश्किल है बल्कि बहुत खतरनाक भी हो सकता है। इस समय सूर्य की रोशनी को केवल क्षण भर के लिए भी देखा जाए तो यह आपकी आंखों की रेटिना को परमानेंटली खराब कर सकता है।
बस यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप ने सूरज को कितनी देर तक कितने समय तक देखा है। यह हर व्यक्ति कि आंखों के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है। लेकिन किसी भी व्यक्ति कि आंखें सूर्य ग्रहण को झेलने के लिए नहीं बनी है।
संपूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूरज कितना ढका होगा यह जानने कि उत्सुकता हर व्यक्ति में होती है। इसका मतलब यह नहीं है कि उसे सीधे तौर पर देखा जाए। लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि किसी भी प्रकार के सूर्य ग्रहण को देख कर गंभीर और परमानेंट नुकसान आंखों को हो सकता है। इसका कोई इलाज भी नहीं है। बच्चों के लिए इसका खतरा अधिक हो जाता है। क्योंकि बड़ों के मुकाबले बच्चों की आंखों में उनके रेटिना में यह रोशनी ज्यादा तेज और शीघ्र पहुंचती है।
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