हर प्रेगनेंसी कम कर देती है महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर का जोखिम, जानें क्या कहती है ये स्टडी

खुशखबरी! अध्ययन से पता चला है कि हर गर्भावस्था एंडोमेट्रियल कैंसर के जोखिम को कम करने में मददगार साबित होती है।
प्रेगनेंसी कम कर देती है महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर का जोखिम।
हर प्रेगनेंसी कम कर देती है महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर का जोखिम। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 22 Nov 2020, 14:00 pm IST
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ऑस्ट्रेलियाई रिसर्चर्स ने अपनी रिसर्च में पाया है कि महिलाओं का गर्भवती होना उनके लिए वरदान के समान है। क्योंकि उनका प्रेग्नेंट होना उनके शरीर में एंडोमेट्रियल कैंसर के खतरे को कम करता है।

अगर आप प्रेगनेंसी के बारे में सोचकर ही डर जाती हैं, तो इस रिसर्च के बारे में जानने के बाद आपके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाएगी। क्यूआईएमआर बर्गॉफ़र मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के रिसर्चर्स के एक समूह ने हाल ही में एक अध्ययन किया था। जिसमें कहा गया है कि हर प्रेगनेंसी के साथ महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा कम हो जाता है।

एंडोमेट्रियल कैंसर एक ऐसा कैंसर है जो गर्भ के अंदर की परतों में शुरू होता है। सबसे बुरी बात यह है कि इसका कोई बड़ा लक्षण नहीं है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार कुछ लोगों को श्रोणि के हिस्से में दर्द, योनि से रक्तस्राव, थकान और भारी मासिक धर्म जैसा अनुभव हो सकता है। यह इस समस्या को प्रारंभिक चरण में निदान करने के लिए और अधिक कठिन बना देता है। लेकिन शुक्र है कि गर्भवती होने से आप सुरक्षित और स्वस्थ रह सकती हैं।

हर गर्भावस्था एंडोमेट्रियल कैंसर के जोखिम को कम करने में मददगार साबित होती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

जानिए क्या कहती है स्टडी

शोधकर्ताओं के अनुसार, हर प्रेगनेंसी जो एक महिला अनुभव करती है, जिसमें गर्भपात का परिणाम भी शामिल किया जाता है। इससे एंडोमेट्रियम कैंसर के विकास और उसके जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।

संस्थान के स्त्री रोग कैंसर समूह के प्रमुख प्रोफेसर पेनेलोप वेब के नेतृत्व में किए गए शोध में पाया गया है कि प्रत्येक गर्भावस्था के साथ आठ से अधिक गर्भधारण तक का जोखिम लगातार कम होता जा रहा है।

यह भी जानें

प्रोफेसर वेब ने कहा कि अध्ययन के निष्कर्षों ने एंडोमेट्रियल कैंसर के बारे में नई जानकारी दी है, जिसका अनुमान है कि हर 5वीं ऑस्ट्रेलियाई महिलाओं में सबसे ज्यादा आम कैंसर का निदान शामिल है।

प्रोफेसर वेब ने कहा कि यह तो सभी जानते हैं कि पूर्ण गर्भावस्था होने से एक महिला के एंडोमेट्रियल कैंसर के विकास का खतरा कम हो जाता है। लेकिन हमारे शोध से पता चला है कि न केवल प्रत्येक अतिरिक्त पूर्ण गर्भावस्था में उस जोखिम को लगभग 15% कम किया जाता है, यह कमी कम से कम आठ गर्भधारण तक जारी रहती है।

प्रोजेस्टेरोन का उच्च स्तर एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है

शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में 30 अध्ययनों से गर्भावस्था के आंकड़ों की जांच की, जो कि ऑस्ट्रेलिया, एंडोमेट्रियल कैंसर कंसोर्टियम की महामारी विज्ञान (Epidemiology of Endometrial Cancer Consortium) द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें एंडोमेट्रियल कैंसर वाली 16,986 महिलाएं और 39,538 महिलाएं थीं जिन्हें कभी यह बीमारी नहीं हुई।

 

प्रोफेसर जॉर्डन ने कहा कि महिलाओं के इस बड़े समूह में हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि जब एक पूर्ण-अवधि गर्भावस्था एंडोमेट्रियल कैंसर के लिए जोखिम में सबसे बड़ी कमी से जुड़ी है, ऐसे में यह पहली या दूसरी तिमाही में समाप्त होने वाली गर्भधारण में भी महिलाओं को कुछ सुरक्षा प्रदान करती है।

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इससे पता चलता है कि गर्भावस्था के अंतिम तिमाही में बहुत अधिक प्रोजेस्टेरोन का स्तर गर्भावस्था के सुरक्षात्मक प्रभाव के लिए एकमात्र स्पष्टीकरण नहीं है। यदि गर्भपात का अनुभव करने वाली महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर का जोखिम 7 से 9 प्रतिशत कम हो जाता है, तो गर्भावस्था के शुरुआती कारक भी इस बीमारी के खिलाफ एक सुरक्षात्मक भूमिका निभा सकते हैं।

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