Solar eclipse 2023 : सूर्य ग्रहण के दौरान बढ़ जाता है प्रोलैक्टिन हाॅर्मोन? सेहत पर ग्रहण के प्रभाव पर क्या कहते हैं शोध

जिस तरह से मौसम बदलने का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है, ठीक उसी तरह सूर्यग्रहण का प्रभाव भी मानव शरीर पर पड़ता है। कुछ शोध इस ओर इशारा करते हैं।
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प्रकाश की अनुपस्थिति मनुष्यों के व्यवहार और हार्मोन को भी प्रभावित करता है। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Apr 2023, 12:07 pm IST
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समय के एक निश्चित अंतराल पर सूर्य ग्रहण होता है। यह फिजिकल एनवायरनमेंट पर प्रभाव डालता है। हम स्पष्ट रूप से देखते हैं कि जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, तो सूर्य ग्रहण होता है। इससे पृथ्वी को मिलने वाली धूप अवरुद्ध हो जाती है। सूर्य ग्रहण के दौरान हम देख पाते हैं कि पशु-पक्षी भी अंधेरा होने पर अशांत हो जाते हैं। ठीक इसी तरह प्रकाश की अनुपस्थिति मनुष्यों के व्यवहार और हार्मोन को भी प्रभावित करती है। कई शोध इस ओर इशारा करते (effect of solar eclipse on health) हैं।

साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 20 April 2023)

साल का पहला सूर्य ग्रहण आज दिखाई दे रहा है। यह हाइब्रिड सूर्य ग्रहण (Hybrid Solar Eclipse) कहला रहा है। दरअसल, यह सुबह 7.04 मिनट से शुरू होकर 12:29 बजे खत्म होने वाले इस सूर्यग्रहण में रिंग्स ऑफ़ फायर (Rings Of Fire) दिखाई देगा।

दक्षिण-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में यह दिखाई देगा। कुछ शोध बताते हैं कि यह हमारे शरीर पर भी प्रभाव डालता है।

क्या हो सकते हैं सेहत पर सूर्य ग्रहण के प्रभाव ? (effect of solar eclipse on health)

1 रेटिना पर सूर्य ग्रहण का असर (Eye Health) 

ऑस्ट्रेलियन रेडिएशन प्रोटेक्शन एंड न्यूक्लियर सेफ्टी एजेंसी के अनुसार, सूर्य की रोशनी इतनी तेज होती है कि इसे सीधे देखना कठिन और बहुत खतरनाक है। कुछ सेकंड के लिए भी सूर्य की तीव्र रोशनी को देखने से रेटिना को स्थायी नुकसान हो सकता है। सूर्य ग्रहण के दौरान आंखों की उचित सुरक्षा के बिना सूर्य के संपर्क में आने से रेटिनल बर्न (Solar Retinopathy) हो सकता है।

2 प्रोलैक्टिन हॉर्मोन लेवल बढ़ सकता है (Prolactin Hormone)

जर्नल ऑफ़ फार्मेसी एंड बायोएलाइड साइंस के अध्ययन से पता चला है कि सूर्य ग्रहण के तुरंत बाद मनुष्यों में प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ जाता है। प्रोलैक्टिन हार्मोन चयापचय (Metabolism), प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) और अग्न्याशय (Pancreas) को नियंत्रित करता है।

prolactin hormone apke metabolism ko affect karta hai
प्रोलैक्टिन हॉर्मोन आपके मेटाबॉलिज़्म को भी प्रभावित करता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

ग्रहण के बाद प्रोलैक्टिन लेवल बढ़ जाता है। प्रोलैक्टिन में वृद्धि आमतौर पर आरईएम नींद (REM Sleep) के दौरान और सुबह की रोशनी के साथ के साथ देखी जाती है। यदि प्रोलैक्टिन का प्रोडक्शन बहुत अधिक होने लगे, तो पुरुषों और महिलाओं में बिना प्रेगनेंसी या ब्रेस्ट फीड नहीं कराने के बावजूद ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन का कारण बन सकता है। महिलाओं में बहुत अधिक प्रोलैक्टिन पीरियड की समस्याओं और इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है।

3 रीप्रोडक्टिव हेल्थ (Reproductive Hormone) 

जर्नल ऑफ़ फार्मेसी एंड बायोएलाइड साइंस के अध्ययन के अनुसार, ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल में सूक्ष्म परिवर्तन होता है। चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण में बदलाव के कारण पृथ्वी के महासागरों में ज्वार-भाटे उठते और गिरते हैं।

यह एक ऐसा बल है, जो कई जानवरों के हार्मोन को नियंत्रित करता है। जानवरों के आहार और रेप्रोडक्टिव हार्मोन सीधे चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल में बदलाव से प्रभावित होते हैं।

4 व्यवहार संबंधी परिवर्तन (Mood swings)

सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा और सूर्य का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव एक सीध में आ जाता है, जिससे पृथ्वी एक ही समय में दोनों के संयुक्त बल को महसूस करती है। इस असामान्य गुरुत्वाकर्षण बल के कारण हार्मोनल और व्यवहार संबंधी परिवर्तन को महसूस किया जा सकता है। हालांकि इस पर अभी बहुत अधिक शोध नहीं किये जा सके हैं।

5 मस्तिष्क पर प्रभाव (Brain health) 

इंडियन जर्नल ऑफ़ सायकियेट्री के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी पर होने वाले भौतिक बल में तीसरा परिवर्तन पृथ्वी के आयनोस्फेयर में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में बदलाव होता है। कई प्रयोगों से पता चला है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में विद्युत तनाव में वृद्धि होती है। विद्युत तनाव संभवतः मानव शरीर विज्ञान को भी प्रभावित कर सकती है। इससे दिमाग भी प्रभावित हो सकता है।

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असामान्य गुरुत्वाकर्षण बल के कारण हार्मोनल और व्यवहार संबंधी परिवर्तन को महसूस किया जा सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

6 हार्ट का इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (Heart Health)

मानव तंत्रिका तंत्र (Nervous System) के न्यूरॉन्स के भीतर इलेक्ट्रिकल चार्जेज के पोलेराइजेशन और डी पोलेराइजेशन की प्रणाली काम करती है। यह न्यूरॉन्स को संवेदनाओं, विचारों और भावनाओं जैसी सूचनाओं को प्रसारित करने का कारण बनता है।

पृथ्वी की सतह की तरह कोशिका के भीतर न्यूरॉन्स सेल के बाहर आसपास के क्षेत्र में मौजूद पॉजिटिव चार्ज के साथ निगेटिव चार्ज होता है। इसके अलावा, ब्रेन और हार्ट का इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड लगभग 0.5-100 हर्ट्ज पर पृथ्वी के आयनोस्फेयर के समान सीमा में कार्य करता है।

7 ग्रोथ हार्मोन (Growth Hormone) 

हालांकि ब्रेन के इलेक्ट्रोएन्सेफालोग्राफी पर सूर्य ग्रहण के प्रभावों पर बहुत अधिक शोध नहीं किया गया है, लेकिन कुछ डेटा यह दर्शाता है कि आयनोस्फीयर में सूर्य ग्रहण के दौरान इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में उतार-चढ़ाव मस्तिष्क और हृदय दोनों में महत्वपूर्ण बायो इलेक्ट्रिक चेंजेज को प्रभावित करता है।

इसके कारण कैल्शियम आयन का अपटेक बदल जाता है, जिससे मस्तिष्क और हृदय दोनों प्रभावित होते हैं। मेलाटोनिन और ग्रोथ हार्मोन लेवल भी प्रभावित होते हैं। सोलर जीओ मैगनेटिक एक्टिविटी में परिवर्तन से जुड़े अन्य प्रभावों में ब्लड प्रेशर में वृद्धि, प्रजनन, प्रतिरक्षा प्रणाली, हृदय और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही तनाव-संबंधी मनोवैज्ञानिक स्थितियां भी शामिल हैं

अंत में

सूर्य ग्रहण के दीर्घकालीन प्रभावों को आंकना आसान नहीं है। लेकिन जिस तरह से मौसम बदलने का प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। ठीक इसी तरह सूर्यग्रहण भी एक प्राकृतिक घटना है, जिसका प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ सकता है। भले ही हम इसके वैज्ञानिक कारणों का ठीक-ठीक पता नहीं लगा पाए हैं।

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