दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही खतरनाक बीमारियों में से एक है डायबिटीज। इसे साइलेंट किलर माना जाता है। इससे ग्रस्त व्यक्ति के लिए किसी भी बीमारी का जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
कोरोनावायरस में डायबिटीज और भी ज्यादा घातक हो जाती है। आंकड़े बताते हैं कि डायबिटीज से ग्रस्त लोग कोरोनावायरस से संक्रमित होने के ज्यादा रिस्क में होते हैं और इनकी मुकाबला करने की क्षमता उतनी ही कमजोर होती है।
कोरोनावायस के मामलों में ज्यादातर मौतों की वजह हृदय संबंधी समस्याएं और डायबिटीज ही रही। ऐसे में आपको इस बीमारी के प्रति और भी ज्यादा सतर्क होने की जरूरत है। लॉकडाउन के कारण हम में से ज्यादातर की दिनचर्या पर इसका असर पड़ा है।
हाल ही में हुए कुछ शोध ब्लड शुगर (Blood Sugar) के कुछ ऐसे लक्षणों की ओर संकेत कर रहे हैं, जिनके बारे में अभी तक ज्यादातर लोग अनजान हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वे संकेत –
क्या आपकी कोहनी और घुटने काले पड़ गए हैं? अगर हां तो एक बार ब्लड शुगर की जांच जरूर कराएं। संभव है कि आप या तो टाइप-2 डायबिटीज के शिकार हो चुके हों या फिर उसकी जद में आने की कगार पर पहुंच गए हों। अमेरिका स्थित ‘द मेयो क्लीनिक’ के हालिया अध्ययन में यह आशंका जताई गई है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने पर त्वचा कड़ी होने लगती है। यही नहीं, नसों में खून का थक्का जमने का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे कोहनी और घुटने की त्वचा काली पड़ने के अलावा गर्दन के पिछले हिस्से में धब्बे उभरने की समस्या हो सकती है।
मुख्य शोधकर्ता रीव कीव्स ने बताया कि टाइप-2 डायबिटीज में अग्नाशय या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन पैदा नहीं करता या फिर उसके इस्तेमाल की शरीर की क्षमता कमजोर पड़ जाती है। फास्टफूड का सेवन, व्यायाम से दूरी और अधूरी नींद इसकी मुख्य वजह है। खास बात यह है कि डायबिटीज अपनी दस्तक से पहले कई संकेत देती है। व्यक्ति अगर इन्हें भांपकर स्वस्थ जीवनशैली अपनाने लगे तो वह डायबिटीज को दूर रख सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंइससे पहले, ‘आईओेएसार जर्नल ऑफ डेंटल एंड मेडिकल साइंसेज’ में छपे अध्ययन में मुंह की दुर्गंध को हल्के में न लेने की सलाह दी गई थी। शोधकर्ताओं ने पाया था कि डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के न सिर्फ खून, बल्कि मुंह में भी ग्लूकोज का स्तर ज्यादा हो सकता है।
कीटाणु इसी ग्लूकोज को खाने के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। वे दांतों और मंसूड़ों के बीच के हिस्से में घर बनाने लगते हैं। इससे दांत-मंसूड़ों में सड़न के साथ मुंह से तीव्र दुर्गंध आने की समस्या पनप सकती है, जो बार-बार ब्रश करने पर भी दूर नहीं होती।