कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपनाई जा रही सोशल डिस्टेंासिंग और बहुत सारी परेशानियां लेकर आ रही है। यह मानसिक स्वाबस्य् के लिए तो खतरनाक है ही, अब हार्ट हेल्थि पर भी इसका नकारात्मतक असर देखने में आया है।
हाल ही में हुए एक ताजा शोध में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि लोगों के अलग-अलग थलग पड़ जाने से उनमें हार्ट अटैक और हार्ट स्ट्रोंक को जोखिम 40 % तक बढ़ सकता है।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो लोग सामाजिक रूप से अलग-थलग हैं, उनकी किसी भी कारण से मृत्यु होने की संभावना लगभग 50 प्रतिशत अधिक है।
जर्मनी के एस्सेन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के अध्ययन शोधकर्ता डॉ जेनेन ग्रोनवॉल्ड कहते हैं, “हम कुछ समय से यह देख रहे हैं कि करीबी दोस्तों और परिवार के साथ अकेलापन या कमी महसूस करना, आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है।”
ग्रोनवॉल्ड आगे कहते हैं, “यह अध्ययन हमें बताता है कि मजबूत सामाजिक संबंध आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। इससे स्वस्थ रक्तचाप, स्वीकार्य कोलेस्ट्रॉल के स्तर और सामान्य वजन जैसे सुरक्षात्मक कारक बनते हैं।”
निष्कर्षों के लिए, शोधकर्ताओं ने 4,316 व्यक्तियों (औसत आयु 59.1 वर्ष) के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिन्हें 2000 और 2003 के बीच बड़े कम्यूनिटी बेस्डो रिसर्च में शामिल किया गया था। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों में हृदय रोग नहीं था। औसतन 13 वर्षों तक उन्हें फॉलो किया गया।
शोध के प्रारंभ में, विभिन्न प्रकार के सामाजिक समर्थन पर जानकारी एकत्र की गई, सामाजिक एकीकरण के साथ वैवाहिक स्थिति और सहवास, करीबी दोस्तों और परिवार के साथ संपर्क, और राजनीतिक, धार्मिक, समुदाय, खेल या पेशेवर संगठनों की सदस्यता के आधार पर मूल्यांकन किया गया।
13.4 वर्षों के दौरान, 339 कार्डियोवस्कुलर परेशानियां जैसे दिल का दौरा या स्ट्रोक हुआ, और अध्ययन में शामिल 530 प्रतिभागियों की मौत हो गई।
इन घटनाओं और मौतों के लिए जिम्मेदार कारणों का समायोजन किया गया। इसमें सामाजिकता की कमी ने हृदय संबंधी समस्यााओं का जोखिम 44 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। वहीं मौत के जोखिम में 47 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। निष्कर्षों से यह भी पता चला कि हार्ट अटैक या मृत्युल में पैसे की कमी सिर्फ 30 फीसदी कारण थी।
ग्रोनवॉल्ड ने कहा, “COVID-19 महामारी के दौरान यह शोध और भी जरूरी हो जाता है। क्योंणकि आजकल सामाजिक संबंधों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।”
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कस्टमाइज़ करेंअध्ययनकर्ता डर्क एम हरमन ने कहा, “हमें इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है, सामाजिक संबंध हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं और सामाजिक अलगाव से जुड़ी समस्याओं से निपटने के प्रभावी तरीके क्याि हो सकते हैं।”
अध्ययन 23 मई को यूरोपीय एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी (ईएएन) वर्चुअल कांग्रेस में प्रस्तुत किया जाना है।
पिछले महीने, थोरैक्स पत्रिका में प्रकाशित एक अन्य शोध में पाया गया कि सामाजिक अलगाव उम्र दराज लोगों में श्वसन रोग के जोखिम को भी बढ़ा देता है।