क्या आप अपने सहकर्मियों के साथ दो मीटर की सामाजिक दूरी बनाए हुए हैं? मगर अध्ययन बताते हैं कि आपको इसके बावजूद कोरोना संक्रमण हो सकता है।
अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने इस बारे में महत्वपूर्ण अपडेट साझा किया है। शोध के अनुसार दो मीटर की तब कारगर थी, जब माना जा रहा था कि कोविड -19 संक्रमण केवल बोलने, खांसने और छींकने के दौरान मुंह और नाक से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से होता है। जबकि वैज्ञानिकों का कहना है कि अब हवा में कोरोना के एयरोसोल यानी छोटे कण मौजूद हैं, जो लंबे समय तक जीवित रहते हैं।
पीएनएएस नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन से पता चला कि इनडोर स्पेस में वक्त बिताना कितना सुरक्षित है, यह कई कारकों पर निर्भर करता है। जैसे फेस-मास्क का उपयोग, जगह और सही वेंटिलेशन।
टीम ने एयरबोर्न ट्रांसमिशन पर आधारित एक सैद्धांतिक मॉडल विकसित किया जो इस बात को समझने की पेशकश करता है कि एक संक्रमित व्यक्ति के साथ एक इनडोर स्थान में एक असंक्रमित व्यक्ति कब तक सुरक्षित रह सकता है।
एक वरिष्ठ शोधकर्ता मार्टिन जेड बेजेंट ने कहा कि “आप एक कमरे में तभी सुरक्षित हैं, जब कमरे में सही वेंटिलेशन और जगह हो। एक कमरे में तब अधिक जोखिम है, जब वहां मौजूद लोग अपने रेस्पिरेटरी रेट को बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज कर रहे हों, या गाना गा रहें हो या फिर चिल्ला रहे हों।”
उन्होंने यह भी देखा कि विभिन्न श्वसन गतिविधि, जैसे कि गायन, बोलना और सांस लेना, कमरे में संक्रमण बढ़ाने में योगदान करते हैं। इस प्रकार पैथोजन की संभावित मात्रा और बढ़ जाती है।
शोधकर्ताओं ने कहा, “संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए, अत्यधिक आबादी वाले क्षेत्रों में ज्यादा समय बिताने से बचना चाहिए।”
इन सभी तथ्यों से इस बात को समझना बेहद ज़रूरी है कि बंद कमरे में भी संक्रमण फैल सकता है, अगर वहां पर्याप्त वेंटिलेशन और दूरी नहीं है।
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