हम सभी जानते हैं कि पान, तंबाकू, स्मोकिंग और शराब का सेवन सेहत के लिए हानिकारक है। यह कई बीमारियों को जन्म दे सकता है। साथ ही, मृत्यु का कारण भी बन सकता है। अक्सर हम वयस्क लोगों को इसे छोड़ने की सलाह देते हैं, लेकिन तब क्या हो जब आपके बच्चे ही इसके आदि हो जाएं! हां… आपने सही सुना क्योंकि ऐसी एक चौंका देने वाली खबर मध्य प्रदेश (MP) से सामने आ रही है।
ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में लड़कियां औसतन सात साल की उम्र में सिगरेट पीना शुरू कर देती हैं। तो वहीं, लड़के औसतन 11.5 साल की उम्र में सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि सिगरेट पीने वाली लड़कियों की राष्ट्रीय औसत आयु 9.3 वर्ष है। तो वहीं लड़कों की राष्ट्रीय औसत आयु 10.4 वर्ष है। मध्य प्रदेश में सिगरेट की शुरुआत करने वाले लड़के और लड़कियों की औसत उम्र 8.5 साल है। राज्य में करीब 2.10 फीसदी लड़कियां और 2.40 फीसदी लड़के सिगरेट पीते हैं।
इसी तरह करीब 2.30 फीसदी लड़के और 1 फीसदी लड़कियां बीड़ी का सेवन करती हैं। राज्य में लगभग 4.40 प्रतिशत लड़के और 3.50 प्रतिशत लड़कियां, तंबाकू का सेवन करते हैं।
इन लड़के और लड़कियों की उम्र 13 से 15 साल के बीच है। फिर भी, 35 अन्य राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश के युवाओं में तंबाकू (tobacco) की सबसे अधिक खपत में 29वें स्थान पर है।
बच्चे कब खराब संगत में पड़ कर स्मोकिंग जैसे कदम उठा लें, पेरेंट्स के लिए पता कर पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। मगर यदि आपको पहले से ही कुछ साइंस पता चल जाएं, तो आपको काफी मदद मिल सकती है।
जो कोई भी स्मोकिंग करता है उसमें से स्मोकिंग की स्मेल आती है (smoker’s breathe) । इतना ही नहीं, बच्चे के कपड़ों को सूंगने से भी आपको यह पता लग सकता है। इसके अलावा, यदि आपका बच्चा लगातार मिंट या च्विंग गम चबाते हुये घर आता है तो हो सकता है कि उसने सिगरेट पी हो।
स्मोकिंग किसी के भी दांतों को खराब कर सकती है। दांतों को ब्रश करने और माउथवॉश का उपयोग करने से भी दांतों पर धूम्रपान के नकारात्मक प्रभावों का मुकाबला नहीं किया जा सकता है। यदि ब्रश करके के बाद भी आपको अपने बच्चे के दांत पीले नज़र आ रहे हैं तो निश्चित ही वे स्मोकिंग करने लगे हैं।
जो लोग स्मोकिंग करते हैं उनके गले में हमेशा खराश रहती है। खांसी या कफ रहना इन लोगों के लिए आम बात है। गले में जकड़न, आवाज़ बैठना यह सब सिगरेट पीने के कारण होता है। इसलिए अपने बच्चे पर नज़र रखें।
यदि आपका बच्चा आजकल बहुत चिड़चिड़ा रहने लगा है और उसे जल्दी गुस्सा भी आ जाता है तो यह स्मोकिंग का संकेत हो सकता है। क्योंकि, जब कोई व्यक्ति निकोटीन का आदी हो जाता है, तो इसका प्रभाव समाप्त होने पर वे उखड़े – उखड़े रह सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंतो यदि आपको भी लग रहा है कि आपका बच्चा स्मोकिंग का शिकार हो रहा है, तो जांच करने के लिए उनमें इन संकेतों को समझने की कोशिश करें।
यदि आपका बच्चा स्मोकिंग कर रहा है तो ओवर रीएक्ट करने से बचें। अचानक से बच्चे पर बहुत गुस्सा न करें, यह उन्हें कनफ्रंट करने का सही तरीका नहीं है।
बस अपने बच्चे को याद दिलाएं कि ये जानलेवा है। इससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
साथ ही, उन्हें यह भी समझाएं कि अगर वे नशा कम कर देंगे तो उनके पैसे भी बचेंगे और वे खुद को स्वस्थ रख पाएंगे।
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