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भारत में भले ही गैरकानूनी हो, पर कई देशों में स्वास्थ्य विशेषज्ञ देते हैं भांग के इस्तेमाल की सलाह

उत्तर भारत में जैसे ही मौसम बदलता है, कुछ अलग तरह के औषधीय पौधों को सेलिब्रेट करने वाले त्योहार शुरू हो जाते हैं। ऐसा ही एक त्योहार है शिवरात्रि, जब लोग भांग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं।
मरिजुआना पौधे की पत्तियों से बनकर तैयार होने वाली भांग न केवल पेय पदार्थों में मिलाई जाती है बल्कि इसके पकौड़े भी बनते हैं। चित्र: अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 23 Oct 2023, 09:06 am IST
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शिवरात्रि (Shivratri) हो या होली का त्योहार (Holi festival) भांग के बिना अधूरे से लगते हैं। दूध,पानी और बादाम में मिलाकर बनाई जाने वाली भांग की ठंडाई (Thandai) मस्ती के रंग में चार चांद लगा देती है। भारत में भांग का इस्तेमाल सदियों से परंपरागत तरीके से किया जाता रहा है। मरिजुआना पौधे (Marijuana  की पत्तियों से बनकर तैयार होने वाली भांग न केवल पेय पदार्थों में मिलाई जाती है बल्कि इसके पकौड़े भी बनते हैं। भक्त जिसे भोले का प्रसाद कहते हैं, आइए जानते हैं शिवरात्रि (Shivratri) पर उसी भांग के कुछ स्वास्थ्य लाभों के बारे में (Bhang aka marijuana benefits)

दूध पानी और बादाम में मिलाकर बनाई जाने वाली भांग की ठंडाई मस्ती के रंग में चार चांद लगा देती है। चित्र अडोबी स्टॉक

क्या है शिवरात्रि और भांग का कनैक्शन

भांग को शिवरात्रि के मौके पर खूब पसंद किया जाता है। एक तरफ जहां भगवान शिव को भांग के पत्ते अर्पित किए जाते हैं, वहीं जगह-जगह लोग भांग के व्यंजन भी बनाते और खिलाते हैं। इस दिन भगवान शिव को भांग चढ़ाने का विधान है। हांलाकि विशेषज्ञों की मानें, तो धार्मिक ग्रंथों में भांग का कोई उल्लेख नहीं मिलता है।

वहीं देवीभागवत पुराण में ऐसा कहा गया है कि भगवान शिव के शरीर को क्रोध और तापमुक्त करने के लिए उन्हें जल और औषधियों को अर्पित किया गया था, ताकि वे शांत हो सकें। उन्हीं जड़ी बूटियों में भांग भी शामिल है। इन औषधियों में ब्रह्माण्ड में फैली नेगेटिविटी को दूर करने की ताकत होती है।

नेशनल सर्वे ऑन डग यूज एंड हेल्थ 2021 के हिसाब से साल 2021 में 12 साल और उससे अधिक उम्र के 18.7 फीसदी यानि 52.5 मिलियन लोगों में कैनबिस के सेवन की सूचना है।

किन देशों में लीगल है भांग का इस्तेमाल

कनाडा, जमाइका, नीदरलैंण्ड, कोलंबिया, साउथ अफ्रीका, पुर्तगाल, स्पेन, बेल्जियम समेत कई देशों में कुछ खास मापदण्डों के हिसाब से भांग के सेवन की परमिशन दी गई है। जहां बेल्जियम में रूल्स के हिसाब से 18 साल से ज्यादा उम्र के लोग 3 ग्राम तक भांग अपने साथ ले जा सकते हैं। मगर पब्लिक प्लेस पर उसे लेने की मनाही है। वहीं जमायका में आप मेडिकल रीज़न के हिसाब से इसका प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा नीदरलैंड्स में आप कैफे और दुकानो में वीड ले सकते हैं। मगर घरों में इसे ले जाने की मनाही है।

भारत में भी बड़ी तादाद में इसकी पैदावार होती है। बिहार, केरला, राजस्थान, तमिलनाडू, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में इसको उगाया जाता है। परम्परागत उपयोगों को छोड़कर भारत में भांग का इस्तेमाल करना पूरी तरह से अवैध है। एक कप भांग में 124 कैलोरीज़ पाई जाती हैं। इसके बावजूद इसे मस्तिष्क को रिलैक्स करने और डाइजेशन को सुधारने वाला माना गया है। यह वेटलॉस में भी मदद करती है। आइए जानते हैं इसके अन्य फायदे।

1 दर्द से राहत दिलाता है भांग का तेल

प्राकृतिक चिकित्सक अनिल बंसल का कहना है कि भांग के बीजों से बनने वाला तेल किसी भी प्रकार के दर्द, जलन और जख्म को ठीक करने का काम करता है। वे बताते हैं कि भांग भूख बढ़ाने से लेकर गठिया के दर्द तक हर चीज़ में फायदेमंद हैं।

भांग के बीजों से बनने वाला तेल किसी भी प्रकार के दर्द, जलन और जख्म को ठीक करने का काम करता है। चित्र अडोबी स्टॉक

2 भूख बढ़ाए

मोटापे के शिकार लोगों के लिए भांग का सेवन परेशानी का कारण बन सकता है। विशेषज्ञों की मानें, तो इसके सेवन से भूख बढ़ने लगती है। अगर आप पहले से ओवरवेट हैं, तो इसके सेवन से बचने का प्रयास करें। 500 मिलीग्राम कालीमिर्च और भांग को शहद के साथ मिलाकर खाने से भी भूख न लगने की समस्या दूर होती है।

3 सीजर अटैक से बचाये

अगर आप एक दवा के तौर पर इसका इस्तेमाल करते हैं, तो सीजर अटैक यानि बार बार पड़ने वाले दौरे की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही एक नियमित मात्रा में इसका इस्तेमाल ब्रेन को रिलैक्स रखता है। साथ ही यादाश्त को बढ़ाने में भी कारगर साबित होता है।

4 पेट दर्द से राहत

पेट दर्द से राहत पाने के लिए काली मिर्च और भांग को मिलाकर छोटी छोटी गोलियां तैयार लें। उसके बाद उन्हें गुड़ के साथ खाने से पेट दर्द से राहत मिलती है।

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5 सिरदर्द और कानदर्द से राहत

कान और सिर में दर्द होने की सूरत में मरिजुआना की पत्तियों के तेल में लहसुन गर्म करके इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। इसके बाद इस मिश्रण की दो से तीन बूंद कान में टपका दें। इसे सिरदर्द और कानों में होने वाली पीड़ा दुर हो जाती है।

आर्थराइटिस के दर्द में भी है लाभकारी

अगर आपको गठिया का दर्द जोड़ों में होता है, तो तेल का प्रयोग करे। इसके तेल को दर्द वाली जगहों पर लगाते ही आराम का अनुभव होगा।

नोट : भांग एक हाइली मेडिसनल प्रोपर्टी है। बिना स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह का इसका इस्तेमाल कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों का भी कारण बन सकता है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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