हमारे समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बेहतर नींद बहुत महत्वपूर्ण है। न केवल यह शरीर को खुद की मरम्मत के लिए समय देती है, बल्कि यह तनाव के स्तर, शरीर के वजन, सूजन और अवसाद के जोखिम को कम करने में भी मददगार साबित होती है।
एक अच्छी नींद मस्तिष्क को मेमोरी बनाने में मदद करती है और आपको चीजों को बेहतर तरीके से याद रखने और संसाधित करने में सहायक होती है। आरईएम नींद (Rapid eye movement sleep), आप
आपकी भावनाओं के संयोजन, स्मृति समेकन, सामाजिक बातचीत और रचनात्मक समस्या को हल करने से संबंधित है। वास्तव में, आरईएम के स्तर तक पहुंचने को ही एक बेहतर नींद माना जाता है।
आरईएम, नींद का एक खास चरण है, जो आंखों के रेपिड मूवमेंट से जुड़ा है।
एक हालिया अध्ययन में इस सवाल का जवाब मिलता है। अध्ययन में यह सामने आया है कि जब आप अपने पति/पत्नी या साथी के साथ सोते हैं, तो आपको ज्यादा अच्छी और गहरी नींद आती है। जाहिर है, जो लोग अकेले सोते हैं, उनकी तुलना में अपने पार्टनर के साथ सोने वाले लोग बेहतर नींद का अनुभव करते हैं।
वैवाहिक संघर्ष या जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव में भी साथ में सोना कई समस्याओं को बेहतर तरीके से हल करने में मददगार हो सकता है। तो, आप यह जान ही गई हैं कि अपने पति के साथ सोना आपके तनाव मुक्त रहने और खुशहाल जीवन जीने की चाबी है।
अभी तक हुए अधिकांश अध्ययनों में अकेले सोने और पार्टनर के साथ सोने में केवल शारीरिग गतिविधियों की ही तुलना की गई थी। जबकि, डॉ हेनिंग जोहान्स ड्रेज़ और इंटीग्रेटिव मनोरोग केंद्र (ज़िप), जर्मनी के उनके सहयोगियों ने बिस्तर साझा करने वाले जोड़ों में नींद के आर्किटेक्चर को भी मापने में सफलता पाई है।
उन्होंने पॉलीसोमोनोग्राफी तकनीक का उपयोग कर पार्टनर के साथ होने और अकेले होने, दोनों ही स्थितियों का आकलन किया। जो उनके मुताबिक नींद के विभिन्न चरणों का अध्ययन करने का बहुत ही सटीक, विस्तृत और व्यापक तरीका है। इसमें मस्तिष्क की तरंगों की गति, श्वसन, मांसपेशियों में तनाव, हृदय गतिविधि और मूवमेंट शामिल है।”
इसके अलावा अध्ययन में प्रतिभागियों ने रिश्ते की अवधि, प्रेम में भावुकता का स्तर और रिश्ते की गहराई आदि से संबंधित सवालों का जवाब दिया।
टीम ने पाया है कि जब वे बिस्तर साझा करते हैं तो जोड़े अपनी नींद पैटर्न को सिंक्रनाइज़ करते हैं। यह सिंक्रनाइज़ेशन इस तथ्य से संबंधित नहीं है कि पार्टनर रात के दौरान एक-दूसरे को परेशान करते हैं। वास्तव में, यह सकारात्मक संबंध की गहराई से जुड़ा हुआ है। इसका तात्पर्य है कि प्रतिभागियों ने अपने जीवन में अपने रिश्ते को महत्व दिया, और उन्होंने एक-दूसरे के सहवास को अपनाया।
दिलचस्प बात यह है कि शोधकर्ताओं ने बिस्तर साझा करने वाले जोड़ों में लिम्ब मूवमेंट ज्यादा देखी। हालांकि, ये हलचल नींद के आर्किटेक्चर को परेशान नहीं करते बल्कि वे नींद में मददगार ही होते हैं। डॉ. ड्र्यूज बताते हैं, “आप यह कह सकते हैं कि जब आप किसी के साथ बिस्तर साझा करते हैं तो आपके शरीर में हलचल होती है पर आपका मस्तिष्क रिलैक्स होता है।”
वे कहते हैं:
अपने पार्टनर के साथ सोना वास्तव में आपके मानसिक स्वास्थ्य, स्मृति और रचनात्मक कौशल बढ़ाने में काफी मददगार साबित हो सकता है।
हालांकि, अध्ययन में अभी तक बहुत सारे सवालों के जवाब दिए जाने बाकी हैं। फ्रंटियर्स पत्रिका में प्रकाशित अपने प्रपत्र में उन्होंने लिखा है कि, “भविष्य में इस बात का मूल्यांकन करने में आसानी होगी कि हमारा पार्टनर हमारी नींद पर (बेहतर REM नींद) कितना असर कर सकता है। खासतौर से तब जब वृद्धावस्था में दोनों में से कोई एक किसी बीमारी से ग्रस्त हो।”
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शोध हमें यह समझने में मदद करता है कि नींद का पैटर्न आपके आपसी रिश्ते और मानसिक स्वास्थ्य से किस तरह जुड़ा हुआ विषय है। हालांकि शायद आपने भी नहीं सोचा होगा कि अपने पति के साथ नींद की एक छोटी सी खुराक आपके लिए कितनी फायदेमंद हो सकती है।
( आईएएनएस से इनपुट के साथ)