इनफर्टिलिटी की समस्या दूर कर सकता है मानव निर्मित प्लेसेंटा सेल, वैज्ञानिक बता रहे हैं और भी फायदे

गर्भावस्था के दौरान कई समस्याएं होती हैं। शोध बताते हैं कि मानव स्किन का प्रयोग प्लेसेंटा बनाने के लिए किया गया है। मानव निर्मित प्लेसेंटा सेल प्रेगनेंसी डिसऑर्डर को दूर करते हैं।
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मानव निर्मित प्लेसेंटा इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर कर सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 1 Jul 2023, 18:30 pm IST
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गर्भाशय के भीतर बढ़ते बच्चे के पोषण और विकास में मदद करता है प्लेसेंटा। प्लेसेंटा के कई घटक मां से आते हैं, तो कुछ घटक भ्रूण से उत्पन्न होते हैं। प्लेसेंटा अलग-अलग मूल की स्टेम कोशिकाओं से बना होता है। इसलिए प्लेसेंटा को जन्म के बाद मां और बच्चे के लिए मूल्यवान माना जाता है। इसलिए भविष्य के उपयोग के लिए प्लेसेंटा टिश्यू को प्लेसेंटा ब्लड बैंक में जमा किया जाता है। हालिया शोध बताते हैं कि प्रेगनेंसी डिसऑर्डर (placenta cells for pregnancy disorder) को खत्म करने में मदद करने के लिए प्लेसेंटा सेल को प्रयोगशाला में तैयार किया गया है।

दूर कर सकता है समस्या (Placenta Cell for Infertility)

इजरायल के हिब्रू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मानव स्किन सेल्स को फंक्शनल ह्यूमन प्लेसेंटा सेल्स में परिवर्तित करने में सफलता हासिल की है। इस प्लेसेंटा से भ्रूण के विकास, गर्भावस्था से संबंधित बीमारियों और इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसका उपयोग जीन थेरेपी को आगे बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। प्लेसेंटल सेल से 100 गर्भधारण में से होने वाले एक गर्भपात के कारण को भी खत्म करने में मदद मिलेगी।

ह्यूमन स्किन सेल से प्लेसेंटा सेल का निर्माण (Human Skin Cell for Placenta)

शोधकर्ताओं के अनुसार, इसमें एपिजेनेटिक तकनीक की मदद ली जाती है। इसमें जीनोम को बदला नहीं जाता है। लैब में वयस्क पुरुषों और महिलाओं के हयूमन स्किन सेल को प्लेसेंटा में बदल दिया गया। एपिजेनेटिक एक ऐसी तकनीक है, जो त्वचा या ब्लड कोशिकाओं को भ्रूण जैसी स्थिति में पुन: प्रोग्राम कर देती है। यह चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए जरूरी किसी भी प्रकार की मानव कोशिका के विकास को सक्षम बनाती है।

हयूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन का सीक्रेशन (placenta cells for pregnancy disorder) 

मानव त्वचा कोशिकाओं को प्लेसेंटा सेल में परिवर्तित करने में हिब्रू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने ही पहली बार सफलता पाई। 2015 में चूहों पर उन्होंने प्रयोग किया और सफलता पायी। प्लेसेंटा कोशिकाएं हयूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG) के सीक्रेशन के लिए जिम्मेदार होती है। यह गर्भावस्था परीक्षण के समय मापा जाता है।

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प्लेसेंटा कोशिकाएं हयूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG) के सीक्रेशन के लिए जिम्मेदार होती है। चित्र: शटरस्टॉक

प्लेसेंटा एबरप्शन की समस्या को दूर करने में मददगार (Placenta Abruption)

गर्भावस्था के दौरान कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। धूम्रपान करने वाली या कोकीन का सेवन करने वाली महिलाओं में कुछ प्लेसेंटल समस्याएं अधिक आम होती हैं। पेट पर लगा हुआ किसी भी प्रकार का आघात या चोट लगने पर भी समस्या हो जाती है। गाड़ी या ऑटो दुर्घटना या किसी अन्य प्रकार के झटके से प्लेसेंटा के समय से पहले गर्भाशय से अलग होने का खतरा बढ़ जाता है। इस प्लेसेंटा एबरप्शन के दौरान मानव स्किन से तैयार प्लेसेंटा मदद कर सकता है

घाव भरने में मदद कर सकता है (Placenta for Wound Healing)

टिश्यू इंजीनियरिंग जर्नल के अनुसार, मानव नाल या प्लेसेंटा एक जटिल अंग है, जो भ्रूण और मां के बीच आदान-प्रदान की सुविधा (placenta cells for pregnancy disorder) प्रदान करता है। इस पर पहले भी शोध किये जा चुके हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में बाह्य मैट्रिक्स (ECM) कंपोनेंट और संरक्षित एंडोजीनस डेवलपमेंट कारक होते हैं। इस अध्ययन में प्लेसेंटा के घाव भरने के प्रभाव को भी देखा गया। पूरी मोटाई के घाव भरने के लिए मानव प्लेसेंटा से एक नया स्किन अल्टरनेटिव तैयार किया गया। बहुत अधिक पोरस, डीसेल्यूलराइज्ड ईसीएम शीट प्लेसेंटा से तैयार की गई थी। हयूमन प्लेसेंटा के माध्यम से घाव भरने का काम तेजी से हुआ

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मानव स्किन से तैयार प्लेसेंटा स्किन एजिंग में भी फायदेमंद हो सकता है। चित्र- शटर स्टॉक

स्किन एजिंग को भी दूर कर सकता है (Placenta for Skin Aging)

मानव स्किन से तैयार प्लेसेंटा स्किन एजिंग में भी फायदेमंद हो सकता है। त्वचा में कोलेजन और इलास्टिन फाइबर जैसे बाह्य कोशिकीय मैट्रिक्स (ईसीएम) के टूटने से त्वचा की लोच और तनाव कम हो जाता है। त्वचीय कोशिकाएं, विशेष रूप से त्वचा परत में फ़ाइब्रोब्लास्ट मुख्य रूप से ईसीएम प्रोटीन का उत्पादन करती हैं। प्लेसेंटल अर्क का स्किन हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह स्किन एजिंग के खिलाफ कार्य करता है। हालांकि इस पर अभी और अधिक शोध किये जा रहे हैं।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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