साइंस कहता है, ज़िन्दगी के प्रति सकारात्मक नज़रिया आपको रखता है फि‍जिकली फि‍ट

हम सभी ज़िन्दगी में खुश रहना चाहते हैं, पर यह भूल जाते हैं कि हैप्पीनेस के लिए जिंदगी में सकारात्मक दृष्टिकोण होना बहुत जरूरी है।
Apni routine ko badle
यह खुद को खुश रखने का तरीका है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 27 Jul 2020, 12:28 pm IST
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जीवन में आधी समस्याओं का कारण तो हमारा नकारात्मक नज़रिया होता है। यह आपने कई बार सुन रखा होगा। पॉज़िटिव दृष्टिकोण अपनाया जाए, तो जीवन में हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। अगर आपको लगता है कि ये सब कहने की बातें हैं, तो हम आपको पॉज़िटिव रहने के साइंटिफिक रिसर्च के बारे में बताते हैं।

साइकोलॉजिकल साइंस नामक एक जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार खुश और पॉज़िटिव रहने का फ़ायदा आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर होता है। जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफ़ेसर कोस्टेडिन कुश्लेव बताते हैं, “हमारी रिसर्च में हमनें हेल्दी एडल्ट्स पर कंट्रोल्ड ट्रायल्स किये। जिसमें उनके मानसिक स्वास्थ्य से शारीरिक स्वास्थ्य के सम्बंध को स्टडी किया गया।” कुश्लेव ने इस रिसर्च में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

छह महीने तक किये गए इस शोध में यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलम्बिया के अलग-अलग ट्रीटमेंट से गुज़र रहे मरीज़ों के मेंटल वेलनेस को नोट किया गया। 25 से 75 वर्ष के बीच के 155 लोगों को 12 हफ़्ते तक पॉज़िटिव साइकोलॉजिकल वातावरण में रखा गया और उनकी हेल्थ को स्टडी किया गया।

इस ट्रायल में तीन स्टेज थे- कोर सेल्फ, एक्सपेरिमेंटल सेल्फ और सोशल सेल्फ।
पहले तीन हफ़्तों में कोर सेल्फ पर फोकस किया गया, जिसमें खुद की वैल्यू करना, अपने स्ट्रेन्थ और गोल्स पर ध्यान देना जैसी बातें बताई गयीं।

अगले पांच हफ़्ते एक्सपेरिमेंटल सेल्फ स्टेज पर काम किया गया जिसमें इमोशन को संयमित करना और सन्तुष्ट रहना सिखाया गया।
अंतिम चार सप्तायह में सोशल सेल्फ स्टेज पर फोकस किया गया, जिसमें ग्रेटफुल होना, पॉज़िटिव सोशल इंट्रैक्शन्स इत्यादि सिखाया गया।

इस रिसर्च का क्या परिणाम निकला?

कुश्लेव कहते हैं,”इस रिसर्च में प्रयोग हुई सभी टेक्नीक पॉज़िटिव दृष्टिकोण बढ़ाने में सफल साबित हुई हैं।” सभी प्रतिभागियों को एक इवैल्यूएशन फॉर्म दिया गया, जिसे उन्होंने ट्रायल के पहले और बाद में अलग अलग भरा। प्रोग्राम का हिस्सा बनने वाले मरीजों की हालत में बाकी मरीज़ों के मुकाबले ज्यादा सुधार रहा।

अध्‍ययन में यह सामने आया कि पॉजीटिविटी हेल्‍दी डाइट और वर्कआउट से ज्‍यादा काम करती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

समझें क्‍या है ENHANCE

एंड्योरिंग हैप्पीनेस एंड कॉन्टिन्यूड सेल्फ-एन्हांसमेंट या ENHANCE एक वीकली प्रोग्राम है, जिसके आधार पर यह रिसर्च हुई है। इसमें फिजिकल हेल्थ के लिए एक भी एक्टिविटी नहीं है। कोई डाइट, स्लीप या एक्सरसाइज इसमें शामिल नहीं है। यह प्रोग्राम केवल साइकोलॉजिकल लेवल का रूटीन है जिसको इस रिसर्च के सभी प्रतिभागियों ने फॉलो किया।

क्‍या रहा निष्कर्ष

यह शोध पूर्ण रूप से वैज्ञानिक आधार पर की गई है, जिसमें हमें यह पता चलता है कि मेंटल वेलनेस का शारीरिक स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

यह रिसर्च ENHANCE प्रोग्राम का इस्तेमाल किये जाने पर ज़ोर देती है। कॉलेज और दफ्तरों में इस प्रोग्राम का इस्तेमाल करके लोगों को स्वस्थ रखा जा सकता है। यह न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए मददगार है, बल्कि शारीरिक रूप से उन्हें स्वस्थ रखेगा जिससे उनके पोटेंशियल को पूरी तरह अनलॉक किया जा सकता है।

इसका प्रयोग होगा या नहीं यह तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन हम इससे यह जरूर सीख सकते हैं कि खुद को पॉज़िटिव और खुश रखकर हम खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।

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