कोविड – 19 से जुड़ी समस्याएं नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसे में कई लोग लॉन्ग कोविड सिम्टम्स जैसे अत्यधिक थकान, सांस की तकलीफ, तेज़ धड़कन, सीने में दर्द, याददाश्त और एकाग्रता में कमी, जोड़ों का दर्द, स्वाद और गंध में बदलाव आदि समस्याओं से जूझ रहे हैं।
ऐसा ही एक लॉन्ग कोविड सिम्पटम्स है रेस्टलेग लेग सिंड्रोम (Restless Leg Syndrome), जिसका कई लोगों नें कोविड – 19 की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद सामना किया।
हाल ही में जापान में इसी तरह का एक मामला सामने आया, जिसमें एक 77 वर्ष के व्यक्ति में ‘deep anal discomfort’ यानी गुदा में गंभीर समस्या की शिकायत की है। डॉक्टरों का मानना है कि यह एक तरह का ‘पोस्ट कोविड जटिलता’ (post-covid complication) है। आपको बता दें कि इस तरह की समस्या पहली बार किसी में कोविड – 19 के बाद देखने को मिली है।
गले में खराश, खांसी और बुखार जैसे हल्के कोविड लक्षणों की वजह से व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें 10 दिनों तक हल्का बुखार रहा जिसके बाद उन्हें निमोनिया का ट्रीटमेंट दिया गया। अस्पताल में भर्ती होने के 21 दिन बाद उनकी श्वसन क्रिया में सुधार होने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।
हालांकि, कोविड से ठीक होने और नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट के हफ्तों बाद, उन्हें बेचैनी और गुदा में असुविधा का अनुभव होने लगा। कई तरह के टेस्ट से गुजरने के बाद डॉक्टरों नें पता लगया कि यह रेस्टलेस एनल सिंड्रोम (Restless Anal Syndrome) है। जापानी सेप्टुजेनेरियन का केस स्टडी बीएमसी इनफेक्शियस डीजीज (BMC Infectious Diseases) में प्रकाशित हुआ था।
टोक्यो यूनिवर्सिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने पाया कि उसके लक्षण रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (Restless Leg Syndrome) के समान थे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम एक ‘कॉमन न्यूरोलॉजिकल, सेंसरिमोटर डिसऑर्डर’ है, जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम के खराब होने की वजह से होता है। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के सबसे सामान्य संकेत हैं – पैरों को हिलाने की इच्छा।
ठीक इसी तरह रेस्टलेस एनल सिंड्रोम होता है, बस यहां पैरों कि बजाय यह लक्षण गुदा में दिखाई दे सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ अभी भी निश्चित रूप से यह नहीं पहचान पाए हैं कि रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का कारण क्या है। वे इसे मस्तिष्क में डोपामाइन के असंतुलन के रूप में मानते हैं। डोपामाइन आपकी मांसपेशियों की गति को नियंत्रित करने में भूमिका निभा सकता है। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम कब विकसित हो सकता है, इसकी कोई आयु या सीमा नहीं है।
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम जीवन के लिए खतरा नहीं है और न ही यह सिंड्रोम किसी और गंभीर चिकित्सा स्थिति को जन्म देगा। यह अन्य गंभीर चिकित्सा स्थितियों जैसे कि न्यूरोपैथी, आइरन की कमी और रीढ़ की हड्डी की समस्याओं जैसा हो सकता है।
क्लोनज़ेपम के एक कोर्स के माध्यम से आदमी की गुदा असुविधा को कम करने में सक्षम थे। हालांकि, यह कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं है, मगर कोविड – 19 नें दिन प्रतिदिन घातक साबित होता जा रहा है।
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