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शोध भी मान रहे हैं शहतूत और शहतूत की पत्तियों की पॉवर, ब्लड शुगर कंट्रोल करने में हैं असरदार 

पौधों से प्राप्त हर्ब्स और फ्रूट ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। शोध से यह प्रमाणित हो चुका है कि शहतूत फल और शहतूत की पत्तियां ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं।
शहतूत फल और शहतूत की पत्तियां ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:13 am IST
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फिजिकल इनएक्टिविटी, शुगर, कार्बोहाइड्रेट सहित अतिरिक्त कैलोरी का सेवन वजन बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। इससे टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes Mellitus) का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। कई शोधों से यह प्रमाणित हो चुका है कि कई प्लांट बेस्ड सामग्रियां जैसे कि फल, पत्तियां, पेड़ की छाल ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में असरकारक है। कुछ शोध यह प्रमाणित कर चुके हैं कि शहतूत के फल और शहतूत की पत्तियां ब्लड शुगर को नियंत्रित करने (Mulberry for Diabetes) में मदद करती हैं।

वेट गेन बढ़ा सकता है मधुमेह का जोखिम ( Weight Gain) 

ब्रिटेन के प्रमुख हेल्थ जर्नल प्लोस वन जर्नल में यूनाईटेड किंगडम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मार्क लॉउन और रिचर्ड फुलर की टीम के शहतूत (Research on Mulberry) पर किये गये शोध निष्कर्ष प्रकाशित हुए। इस शोध  में स्वास्थ्य पर आहार के प्रभाव की जांच करने वाले एक बड़े दीर्घकालिक यूरोपीय अध्ययन को शामिल किया गया। इसमें पाया गया कि मीठे के सेवन से अधिक खतरनाक साबित हुआ वजन बढ़ना। अध्ययन में वजन बढ़ने का मधुमेह के जोखिम पर बड़ा प्रभाव पड़ा। बॉडी मास इंडेक्स अधिक होने पर यह शुगर ड्रिंक से अधिक हानिकारक साबित हुआ।

कम करता है ग्लूकोज का अवशोषण (Glucose Absorption) 

शोध में मोटे और डायबिटीज के शिकार लोगों को शहतूत और शहतूत की पत्तियों के अर्क का सेवन कराया गया। यह अर्क ग्लूकोज टोलिरेंस (Glucose Tolerance) में सुधार करता है। नॉर्मोग्लाइकेमिक एडल्ट में इंसुलिन कॉनसनट्रेशन को कम करता है।

शहतूत और इसकी पत्ती का अर्क  आंत से ग्लूकोज के अवशोषण को कम करता है। इससे डाएटरी कार्बोहाइड्रेट सेवन के बाद ब्लड ग्लूकोज प्रतिक्रियाओं को कम कर सकता है। शोध के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि शहतूत की पत्ती का अर्क 120 मिनट में  माल्टोडेक्सट्रिन लेने के बाद टोटल ब्लड शुगर की वृद्धि को काफी कम कर देता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि  कुल इंसुलिन वृद्धि भी उस समय-अवधि में कम हो गई।

 ब्लड शुगर घटाने के लिए काला शहतूत (Black Mulberry) 

 जर्नल ऑफ़ फार्मेसी एंड बायो एलाइड साइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार, शहतूत (Black Mulberry) में कंपाउंड 1-डीऑक्सिनोजिरिमाइसिन (DNJ) होता है, जो आपके आंत में एक ऐसे एंजाइम को रोकता है, जो कार्ब्स को ग्लूकोज में तोड़ता है। भोजन के बाद ब्लड शुगर में वृद्धि हो जाती है। इसे धीमा करने के लिए डायबिटीज पेशेंट को शहतूत खिलाना फायदेमंद हो सकता है। यह शरीर में आयरन की मात्रा को भी बढ़ा देता है। इससे शरीर के टिश्यू और अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन भी मिलती रहती है।

डायबिटीज पेशेंट को शहतूत खिलाना फायदेमंद हो सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

नेचुरल शुगर का है स्रोत (Natural Sugar) 

न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, आमतौर पर शहतूत में चीनी प्राकृतिक रूप से मौजूद होती है। ये मीठे होने के बावजूद ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यदि मलबरी सूखे हुए हैं, तो 40 ग्राम रोज खाई जा सकती है। यदि संख्या में देखें तो 50-60 शहतूत रोज खा सकती हैं। वहीं यदि फ्रेश हैं, तो शहतूत की सिंगल सर्विंग ठीक है। इससे अधिक खाने पर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यदि आपका ब्लड शुगर लेवल घटता-बढ़ता रहता है, तो अपने शुगर इंटेक पर ध्यान दें। शहतूत भी कम मात्रा में ले सकती हैं

ग्लाइसेमिक लेवल पर नियंत्रण (Low Glycaemic index) 

जर्नल ऑफ़ फार्मेसी एंड बायो एलाइड साइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार, आमतौर पर मधुमेह में भोजन के बाद ग्लाइसेमिक लेवल बढ़ जाता है। इस पर नियंत्रण और प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। यदि ब्रेकफास्ट या मील के बाद मलबरी लीव्स की चाय ली जाती है, तो यह हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव वाली हो सकती है

मलबरी लीव्स की चाय हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव वाली हो सकती है। चित्र : एडोबी स्टॉक

ताजा बेरीज का किया जा सकता है सेवन (Berries for Diabetes) 

यदि आपको मधुमेह है,  तो आप शहतूत और शहतूत के पत्ते को ले सकती हैं। इनके अलावा, अपने आहार में ताजा बेरीज को शामिल कर सकती हैं। ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, ब्लैकबेरी और रसभरी—ये सभी बेरी लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले होते हैं। ये सभी फाइबर, विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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