scorecardresearch

शोध में साफ हुआ कि दोपहर में कुछ देर सोना आपके दिमाग के लिए है फायदेमंद

कुछ दिनों पहले एक अध्ययन में पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से दोपहर में झपकी लेते हैं, वे मानसिक रूप से अधिक चुस्त और बेहतर याददाश्त वाले होते हैं।
Published On: 29 Jan 2021, 06:04 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
झदैाी लोज ेतााज मबमता कद वापूोी वोलो ेोकूो पोग
लेडीज, झपकी लेना आपके स्लीप साइकल को बेहतर बना सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

दोपहर की छोटी सी नींद के बारे में काफी कुछ कहा गया है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिन को ली गयी पॉवर नैप आपको पूरे दिन फ़्रेश रखती है और आपको चुस्त-दुरुस्त बनाए रखती है, तो वही कुछ मानतें हैं कि ये आपको ज़्यादा सुस्त बनाती है।

यहां हम आपको दोपहर में ली गयी पॉवर नैप के बारे में बताएंगे

दिन के समय ली गयी झपकी आपको मानसिक रूप से तेज़ बनाती है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह – ऑनलाइन जर्नल ऑफ जनरल साइकियाट्री ( online journal General Psychiatry) में प्रकाशित एक अध्ययन में सामने आया है।
शोध के अनुसार, दोपहर की नींद- बेहतर लोकल अवेयरनेस, वर्बल फ्लुएन्सी और वर्किंग मेमोरी से जुड़ी हुई है।

जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, उनकी नींद का पैटर्न बदलने लगता है। जिसमें दोपहर की झपकी अक्सर कम होती जाती है। लेकिन आज तक किसी भी शोध में यह पुष्टि नहीं हुई है कि दोपहर में सोने से सुस्ती आती है या संज्ञानात्मक शक्ति कम हो जाती है।

आइये जानते हैं कि दोपहर की नींद के बारे में अध्ययन कैसे हुआ:

शोधकर्ताओं ने बीजिंग, शंघाई, और जियान सहित चीन के आसपास के कई बड़े शहरों में कम से कम 60 वर्ष की आयु के लोगों का अध्ययन किया।

अध्ययन में शामिल 2214 में से तकरीबन 1534 लोगों ने ही हर रोज़ दोपहर को झपकी ली। जबकि 680 लोगों में ऐसा देखने को नहीं मिला। सभी प्रतिभागियों को मानसिक भ्रम यानि डिमेंशिया की जांच के लिए मिनी मेंटल स्टेट एग्जाम (Mini Mental State Exam MMSE) से गुजरना पड़ा।

दोनों समूहों में रात की नींद की का अंतराल लगभग 6.5 घंटे था

यह परीक्षण दोपहर के खाने के बाद किया गया था, जिसमें प्रतिभागियों से पूछा गया कि उन्होंने एक हफ्ते में कितनी बार दोपहर को झपकी ली- और जवाब में पता चला कि यह हफ्ते में एक बार से लेकर हर रोज़ है।

दिन में 5 मिनट से 2 घंटे की नींद लेना आपके मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है। चित्र-शटरसटॉक।

सभी प्रतिभागियों में डिमेंशिया (Dementia) का चेकअप किया गया

डिमेंशिया स्क्रीनिंग परीक्षणों में 30 आइटम शामिल थे जो संज्ञानात्मक क्षमता के कई पहलुओं को मापते थे। साथ ही इसमें विज़ुओ-स्थानिक कौशल (visuo-spatial skills), कार्यशील मेमोरी (working memory) , ध्यान अवधि (attention span), समस्या-समाधान (problem-solving), स्थानीय जागरूकता (locational awareness) और मौखिक प्रवाह (verbal fluency) जैसे टेस्ट शामिल थे।

Pollपोल
प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

दोपहर को झपकी लेने वाले लोगों के स्कोर्स न सोने वालों की तुलना में ज़्यादा अच्छे थे| साथ ही उनकी स्थानीय जागरूकता, मौखिक प्रवाह और स्मृति में काफी अंतर देखने को मिला।

यह भी पढ़ें: रोजाना सिर्फ 1 घंटा दौड़ना बढ़ा सकता है आपकी उम्र, जानिए क्‍या कहता है शोध

दोपहर की झपकी और बेहतर स्मरण शक्ति

एक सिद्धांत के अनुसार दोपहर में झपकी लेने के कुछ दुष्परिणाम है पर अभी तक इसका कोई ठोस सबूत नहीं मिल पाया है| पर ऐसा देखा गया है कि इंफ्लमैशन की वजह से लोग दोपहर को ज़्यादा सोते हैं|

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
टीम हेल्‍थ शॉट्स
टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं।

अगला लेख