आज ही छोड़ दें स्मोकिंग, वरना हो सकता है ब्रेन ट्यूमर का खतरा : शोध

अमेरिका में हुए एक शोध में यह सामने आया है कि स्मोकिंग करने वालों में फेफड़े के कैंसर के साथ-साथ ब्रेन ट्यूमर का भी जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है।
smoking bhi ho sakti hai early menopause ka kaaran
स्‍मोकिंग भी हो सकती है अर्ली मेनोपॉज़ का कारण। चित्र: शटरस्‍टॉक
IANS
  • 60

अगर आप स्मोकिंग करती हैं, तो अब आपको और ज्यादा सावधान हो जाने की जरूरत है। क्योंकि इससे सिर्फ आपके फेफड़े ही बीमार नहीं हो रहे, बल्कि ब्रेन ट्यूमर का जोखिम भी बढ़ रहा है। अमेरिका में हुए एक शोध के बाद आए परिणाम चेताने वाले हैं।

हाल ही में हुए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि तंबाकू में पाया जाने वाला एक गैर-कार्सिनोजेनिक रसायन है जो वास्तव में फेफड़े के कैंसर की कोशिकाओं के मस्तिष्क में फैलने को बढ़ावा देता है जहां वे घातक मेटास्टेटिक ट्यूमर को जन्म देती हैं।

क्‍यों ज्‍यादा घातक है निकोटीन

अध्ययन में कहा गया है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में फेफड़ों के कैंसर के विकास की संभावना अधिक होती है।

अमेरिका में वेक फॉरेस्ट स्कूल ऑफ मेडिसिन के लीड लेखक कोनोसुके वबाबे ने कहा, “हमारे निष्कर्षों के आधार पर, हम कह सकते हैं कि निकोटीन स्मोकिंग छोड़ने के लिए रिप्लेसमेंट प्रोडक्ट्स के तौर पर सुरक्षित तरीका नहीं है।”

स्‍मोकिंग आपके ब्रेन की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

फेफड़े के कैंसर के लगभग 40 प्रतिशत रोगियों में मस्तिष्क की मेटास्टेसिस भी विकसित होती है, लेकिन नए शोध में पाया गया है कि धूम्रपान करने वालों में यह संख्या नाटकीय रूप से अधिक है।
जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में, शोध टीम ने पहली बार 281 फेफड़े के कैंसर रोगियों की जांच की और पाया कि सिगरेट स्मोकिंग करने वालों में मस्तिष्क कैंसर की घटनाएं काफी ज्यादा थीं।

मस्तिष्‍क की कोशिकाओं को पहुंचता है नुकसान

फिर, एक माउस मॉडल का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि निकोटीन माइक्रोग्लिया को बदलने वाले ब्लेड ब्रेन बैरियर को पार कर ब्रेन मेटास्टेसिस को बढ़ाता है। माइक्रोग्लिया ब्रेन में पाया जाने वाला वह इम्यूीन सेल है जो ट्यूमर के विकास से सुरक्षा प्रदान करता है।

इसके बाद टीम ने ऐसी दवाओं की तलाश की, जो निकोटीन के प्रभावों को उलट सकती हैं और पार्थेनोलाइड की पहचान कर सकती है। यह एक प्राकृतिक औषधि है जो बुखार की कुछ दवाओं में प्राकृतिक रूप से मौजूद रहती है। यह चूहों में निकोटीन से प्रेरित मस्तिष्क मेटास्टेसिस को रोकता है।

पोल

प्रदूषण से बचने के लिए आप क्या करते हैं?

फीवरफ्यू का उपयोग वर्षों से किया जाता है और इसे सुरक्षित माना जाता है, शोधकर्ताओं का मानना है कि पैराथेनोलाइड मस्तिष्क मेटास्टेसिस से लड़ने के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रदान कर सकता है, खासकर उन रोगियों के लिए जो धूम्रपान करते थे या अभी भी धूम्रपान करते हैं।

यह भी पढ़ें – जब आप स्‍मोकिंग छोड़ती हैं, तो आपके शरीर में हो सकते हैं ये बदलाव

वाटेबे कहते हैं, “इस विनाशकारी बीमारी का अभी तक एकमात्र उपचार रेडिएशन थेरेपी है।”
वे आगे कहते हैं, “पारंपरिक कीमोथेरेपी दवाएं रक्त-मस्तिष्क की बाधा को पार नहीं कर सकती हैं, लेकिन पार्थेनोलाइड कर सकती हैं, और इस तरह एक उपचार के रूप में संभवतः मस्तिष्क मेटास्टेसिस को रोकने का एक तरीका है।”

अगला लेख