रेड मीट दिखने में काफी टेमप्टिंग लगता है। बहुत सारे लोग ये जानते हुए भी कि यह हृदय स्वास्थ्य के लिए जोखिम कारक है, इसे खाने से खुद को रोक नहीं पाते। पर हालिया अनुसंधान लोगों को रेड मीट के बारे में चेतावनी तो देता है, लेकिन थोड़ा अंडर टोन। इस शोध में केवल प्रोसेस्ड रेड मीट को हृदय स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बताया गया है। जबकि अनप्रोसेस्ड रेड मीट को उतना खतरनाक नहीं माना गया है। आइए जानते हैं हेल्थ हार्ट और रेड मीट (red meat and heart health) के बारे में क्या कहता है यह अध्ययन।
अमेरिका का इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) संस्थान अपने स्वास्थ्य आंकड़ों के लिए विश्व भर में जाना जाता है। इस संस्था द्वारा हाल में 180 क्षेत्रों में मौजूदा शोध का विश्लेषण किया गया। इसके आधार पर स्वास्थ्य जोखिम को अलग-अलग स्टार दिया गया। इसका उद्देश्य यह पता लगाना था कि एक विशेष जोखिम कारक स्वास्थ्य और किसी खास बीमारी से कितना अधिक या कम जुड़ा हुआ है।
अधिक जोखिम वाले कारक को 5 स्टार दिया गया, वहीं कम जोखिम कारक को 1 या 2 स्टार दिए गये। जैसे कि धूम्रपान फेफड़े के कैंसर के लिए कितना जिम्मेदार है। धूम्रपान और फेफड़ों के कैंसर के बीच संबंध को सबसे अधिक 5 स्टार रेटिंग दी गई। यह ठीक वैसा ही है कि जैसा कि उच्च रक्तचाप के कारण हृदय रोग होते हैं। इसका अर्थ है कि सबूत ठोस है। इसके भविष्य में बदलने की संभावना नहीं है।
हालांकि समीक्षा में शामिल लगभग दो तिहाई जोखिम-परिणाम संबंधों को केवल 1 या 2 स्टार मिले। इसके आधार पर यह सुझाव दिया गया कि अब तक जिस स्वास्थ्य सलाह को व्यापक रूप से मान्यता दी गयी थी, वास्तव में वह उतना अधिक जोखिम कारक नहीं है।
अब तक हुए शोधों के निष्कर्ष यह बताते थे कि अनप्रोसेस्ड रेड मीट खाने और स्ट्रोक के बीच संबंध है। पर हालिया समीक्षा इसे सिर्फ एक स्टार देती है।
रेड मीट और पेट के कैंसर, स्तन कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह के बीच की कड़ी को दो स्टार दिए गए। नेचर मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित आलेख ‘बर्डन ऑफ प्रूफ’ में लेखक क्रिस्टोफर मरे ने कहा कि वे बहुत हैरान थे कि बहुत सारे आहार जोखिम और उसके परिणाम के संबंध अपेक्षाकृत कमजोर हैं।
लेखक के अनुसार, मेटा-एनालिसिस इसके लिए किया गया कि हर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए नवीनतम प्रकाशित अध्ययन का अनुसरण करता है। भले ही परिणाम कुछ भी हो।
शोधकर्ताओं ने सब्जियों पर हुए शोधों की भी समीक्षा की। शोधकर्ताओं ने जांच में 34 देशों के 4.6 मिलियन प्रतिभागियों को शामिल करते हुए 50 अध्ययनों की जांच की। अधिक सब्जियां खाने से स्वास्थ्य परिणामों की समीक्षा की गई।
अध्ययन के सह-लेखक जेफरी स्टैनवे ने बताया कि सब्जियों की मात्रा को शून्य से बढ़ाकर चार दिन करने से इस्केमिक स्ट्रोक के जोखिम में 23 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। पुरानी बीमारी के जोखिम से सब्जी की कम खपत महत्वपूर्ण रूप से जुड़ी हुई है। सब्जियां खाने और टाइप टू डायबिटीज के बीच की कड़ी को केवल एक स्टार मिला।
यूके के एस्टन विश्वविद्यालय के आहार विशेषज्ञ डुआने मेलर के अनुसार रेड मीट पर शोध के परिणाम बहुत आश्चर्यजनक नहीं है। क्योंकि यह शोध अन प्रोसेस्ड मीट पर केंद्रित था।
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कस्टमाइज़ करें“आमतौर पर रेड मीट को सॉसेज के साथ बेक कर प्रोसेस किया जाता है। यह प्रोसेस्ड मीट बीमारी के हाई रिस्क से जुड़ा हुआ है। इसे समीक्षा में शामिल नहीं किया गया है।”