अन्य देशों की तरह भारत में भी यह आशंका जताई जा रही है कि कोविड 19 के केस फिर से बढ़ सकते हैं। ऐसी रिपोर्ट भी सामने आईं हैं जिनमें एक बार कोरोना से ठीक हुए मरीज पुनः संक्रमित हो गए हैं। कुछ डॉक्टर्स का कहना है कि यह रीलैप्स का केस हो सकता है। जबकि कुछ यह मानते हैं कि ये लापरवाही का परिणाम हो सकता है।
उजाला सिग्नस हेल्थकेयर सर्विसेस के डायरेक्टर, डॉ शुचिन बजाज कहते हैं, “पुनरावृत्ति किसी भी बीमारी में हो सकती है, तो कोविड-19 में भी यह हो सकता है। हमने प्लाज्मा डोनेशन सेंटर में ऐसे कई कोविड सर्वाइवर्स देखे जिनके अंदर एक भी एन्टीबॉडी नहीं था।”
तो यह बहुत जरूरी है कि इस वायरस से ठीक हुए मरीज भी सावधान रहें और सारे गाइडलाइन्स का पालन करें। हमने कुछ रीलैप्स केस भी पाए हैं। अगर हमें कोरोनावायरस था, तो हमें रोज कसरत कर के, स्वस्थ आहार लेकर और एस.एम.एस. (सेनीटाईजेसन, मास्क और सोशल डिस्टेन्सिंग) की प्रैक्टिस कर अपनी इम्युनिटी बनाए रखनी चाहिए। जंक फूड से भी दूर रहें।”
गुरुग्राम के पारस अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के डॉ पी वेंकटा कृष्णन कहते हैं, “जैसा कि हमें पता है कि इसकी वैक्सीन आसानी से नहीं मिल सकती। हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि हमें फिर से कोविड-19 इन्फेक्शन न हो जाए। यह कहना मुश्किल है कि ये कितना सच है, मगर भारत और सिंगापोर से कोविड-19 के पुनः संक्रमण की रिपोर्ट आईं हैं।”
मगर इन रिपोर्ट्स के प्रमाण भी हैं। “कोविड 19 से पुनः संक्रमित होना संभव है और ये काफी गंभीर है क्योंकि हमारे लंग्स बार-बार इंजरी नहीं ले सकते। हम बस यह कर सकते हैं कि जो एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है वे बरतें। स्ट्रिक्ट मास्क रूल का पालन जरूर करना होगा। बाहर जाने पर हैंड सैनीटाईजर का उपयोग भी जरूरी है। बार-बार अपने हाथ धुलना भी बहुत जरूरी है, खास कर खाने से पहले।”
एक संपूर्ण नूट्रिशनिस्ट, ट्विंकल कंसल कहती है, “एक बैलेंस्ड मील लें जिसमें साबुत अनाज हो, अच्छी क्वालिटी का फैट हो और कई प्रकार की सब्जियां हों। कोरोना वायरस संक्रमण के बाद प्रोबायोटिक लेना बहुत जरूरी है। क्योंकि इस दौरान आपका पेट काफी समस्याओं से जूझता है। तो नेचुरल प्रोबायोटिक लें जैसे कि घर पर बना अदरक और हल्दी का अचार, निम्बू का अचार, छाछ इत्यादि।
कुछ वक्त धूप के नीचे बिताएं जिससे आपकी हड्डियों और पेट का स्वास्थ बेहतर हो। खूब सारे फल और सब्जियां खाएं जिससे कई प्रकार के विटामिन्स और मिनरल्स मिलें। अलग-अलग पेय पदार्थों की मदद से खुद को हाईड्रेटेड रखें जैसे कि नारियल का पानी, हर्बल चाय, नीम्बू पानी, पानी, छाछ और गर्म सूप।
आपकी पाचन शक्ति इस वक्त थोड़ी कमजोर होती है, तो रोजाना कम से कम एक बार हल्का खाना खाएं जैसे कि देसी घी में बनी खिचड़ी। आखिर में, आराम सबसे अच्छी दवा है आपके शरीर को ठीक करने के लिए।”
नूट्रीशनिस्ट और योगा कोच, परमीत सिंह कहती हैं, “यह सबसे ज्यादा आपके पाचन क्रिया, स्टैमिना और इम्युनिटी को प्रभावित करता है। तो आपकी डाइट में प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट रिच खाना, बहुत सारे फल और ऐसा भोजन जो आपके पेट के स्वास्थ्य को बेहतर करे, यह जरूर होना चाहिए। इस वायरस के इलाज के वक्त, इम्यून सिस्टम बहुत प्रभावित होता है। इसलिए ताजे फल और सब्जियों को खाना बेहद जरूरी है। उनमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं- जैसे कि विटामिन सी, ई और ए।
सब्जियों को ऐसे पकाना चाहिए जिससे वो पचने में आसान रहें। रोजाना नट्स और सीड्स लेना भी आवश्यक है क्योंकि इनमें विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। प्रोटीन रिच फूड लेने से खोये हुए मसल्स वापस आएंगे। शरीर टिश्यूज को बनाने के लिए प्रोटीन का इस्तेमाल करता है। रोजाना दाल, दूध, पनीर, सोया, अंडे, मछली और मुर्गा अपनी हर मील में रखना जरूरी है।
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कस्टमाइज़ करेंकोविड-19 के बाद पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, फाइबर रिच फूड, प्याज और लहसुन व दही लेना भी बहुत जरूरी है। स्वस्थ पेट पाचन क्रिया बेहतर बनाने में, न्यूट्रिएंट अब्सॉर्ब करने में और इम्युनिटी बढ़ाने में आपकी मदद करता है। 8-10 गिलास पानी पीना भी आवश्यक है”
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