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बच्चों में गंभीर हो सकते हैं कोविड-19 के बाद के प्रभाव, जानिए क्यों बच्चों में बढ़ रही है सूजन

12 साल से कम उम्र के बच्चों में कोविड-19 के दुर्लभ लेकिन गंभीर लक्षण पाया है, जिसको बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम या एमआईएस-सी के रूप में जाना जाता है।

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वायु प्रदूषण के कारण बच्चों की लंग्स ग्रोथ धीमी हो जाती है। चित्र: शटरस्टॉक
मोनिका अग्रवाल Published: 19 Aug 2021, 15:30 pm IST
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कोरोना संक्रमण की चपेट में आए बच्चों में शरीर में सूजन जैसे दुर्लभ लक्षण देखने को मिल रहे हैं। इसमें हृदय सहित शरीर के कई अंगों में सूजन आ जाती है। साथ ही इसका असर बच्चों की त्वचा और आंखों पर भी देखा जा सकता है। हालांकि अभी इस पर शोध जारी है। कोविड के बाद बच्चों में नजर आने वाला मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम या एमआईएस-सी अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है। 

एमआईएस-सी के लक्षण 

  1. बुखार
  2. दर्द और हृदय में सूजन
  3. फेफड़े, गुर्दे में सूजन
  4. त्वचा, आंखों में सूजन
  5. जठरांत्र संबंधी मार्ग में सूजन
  6. अन्य कई अंगों में सूजन होना

क्या कहती है सीडीसी की रिपोर्ट 

सीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमण के साथ सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों की संख्या 86 फीसदी पहुंच गई थी, इन बच्चों की उम्र लगभग 15 साल से कम थी। हाल ही में अमेरिका के न्यूयॉर्क में माउंट सिनाई अस्पताल में किए गए शोध में बताया कि रक्त के नमूनों के आरएनए अनुक्रमण ने यह खोज की है। एमआईएस-सी वाले बच्चों में प्रतिरक्षा प्रणाली की विशिष्ट संक्रमण-विरोधी कोशिकाओं को डाउनग्रेड किया जाता है। जोकि कोविड -19 वायरस का कारण बन जाता है।

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बच्चों में कोविड-19 के बाद कई तरह के गंभीर लक्षण देखने में आ रहे हैं। चित्र: शटरस्टॉक

86 फीसदी बच्चे 15 साल से कम

जिन बच्चों की उम्र पांच साल से कम थी, उनमें हृदय संबंधी तकलीफ का खतरा कम पाया गया था और उन्हें आईसीयू की जरूरत भी लगभग कम ही पड़ी थी। दस साल या इससे अधिक उम्र वाले बच्चों को बीपी और हृदय की मांसपेशी में सूजन की तकलीफ देखी गई है जो घातक हो सकती है।

अंगों में सूजन आने संबंधी रिसर्च नेचर कम्युनिकेशंस में पब्लिश हुआ था। शोध से जुड़ी टीम ने एमआईएस-सी और कोविड -19 के बाल चिकित्सा मामलों का विश्लेषण किया और जीन के जटिल नेटवर्क और सबनेटवर्क से जुड़े नए खोज किए।

कोशिकाओं में होने लगती है थकावट 

इनमें से एक अधिक महत्वपूर्ण जीन नेटवर्क में दो प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाओं का दमन शामिल था। बीते शोध में पता चला कि जब सीडी 8+ टी कोशिकाएं लगातार रोगजनकों के संपर्क में आती हैं, तो वे “थकावट” फील करने लगती हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनकी प्रभावशीलता और बढ़ने की क्षमता का नुकसान होने लगता है।

नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने विशेष रूप से सीडी 8+ टी कोशिकाओं के इस थके हुए राज्य में होने की ओर इशारा किया, इस प्रकार संभावित रूप से सूजन प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कमजोर कर दिया। एनके कोशिकाओं में वृद्धि भी समाप्त सीडी 8+टी कोशिकाओं से जुड़ी है।

corona virus ka asar kuchh bachcho me ambe samay tak dekha ja raha hai
कोरोनावायरस का असर कुछ बच्चों की प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर लंबे समय तक रहता है। चित्र: शटरस्टॉक

एमआईएस-सी रोगियों में इस बीमारी के संभावित ड्राइवरों में से एक के रूप में टी सेल थकावट सामने आई है। कोशिकाओं में वृद्धि और सीडी 8+ टी कोशिकाओं को प्रसारित करने से सूजन संबंधी बीमारी के लक्षणों में सुधार हो सकता है।

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इस नेटवर्क के नौ प्रमुख नियामकों को एनके सेल के साथ जुड़ाव के लिए जाना जाता है और सीडी 8+ टी सेल की कार्यक्षमता समाप्त हो गई है। बच्चों में कोविड से हुए सूजन की दुर्लभ बीमारी के 110 मामलों की जांच चल रही थी। बच्चों में गंभीर बीमारी और बच्चों की मौत, सूजन की गंभीर बीमारी से संबंधित है जिसे कोविड-19 से जुड़ा ‘पीडियाट्रिक मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम कहा जाता है।

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लेखक के बारे में
मोनिका अग्रवाल मोनिका अग्रवाल

स्वतंत्र लेखिका-पत्रकार मोनिका अग्रवाल ब्यूटी, फिटनेस और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर लगातार काम कर रहीं हैं। अपने खाली समय में बैडमिंटन खेलना और साहित्य पढ़ना पसंद करती हैं। ...और पढ़ें

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