हम सभी ने अपनी प्राइमरी क्लास में ही बेसिक ओरल हाइजीन के बारे में जान लिया था। साथ ही जब भी आप डॉक्टर के पास जाते हैं, तो डॉक्टर आपको दिन में दो बार ब्रश करने की सलाह को हर बार दोहराते हैं। पर क्या वाकई आप उनकी सलाह फॉलो कर रहे हैं? कहीं आप भी उन 72 फीसदी लोगों मे तो नहीं, जो रात में सोने से पहले ब्रश करना जरूरी नहीं समझते। या फिर सिर्फ कुल्ला करके काम चला लेते हैं? अगर ऐसा है, तो आप अपने स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रहे हैं।
आपके मुंह को फ्रेश और दांतों की परेशानियों को दूर रखने के लिए बाजार में कई डेंटल केयर प्रोडक्टस उपलब्ध है। दर्जनों दंत उत्पादों से भरे हुए इस मार्केट में डेंटल फ्लॉस, माउथ स्प्रे, माउथवॉश और ड्रॉप्स शामिल हैं। लेकिन क्या ये प्रोडक्टस सही मायने में आपके दांतों को स्वस्थ और मुंह की बदबू से बचते हैं?
चलते-फिरते उत्पादों का उपयोग करने से अच्छा है कि आप दो बार ब्रश करने के महत्व को समझे। आपको यह जानना होगा कि दिन में एक से ज्यादा बार ब्रश करने के क्या फायदे हैं। आपकी उम्र कोई भी हो, दिन में कम से कम दो बार अपने दांतों को ब्रश करना महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से काफी फायदे होते हैं। अक्सर दंत चिकित्सक दिन में दो बार ब्रश करने की सलाह देते है।
भारत में ओरल हेल्थ के मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि देश में माउथ कैंसर की दर दुनिया में सबसे अधिक है। भारत में विभिन्न प्रकार के दांतो की परेशानी कई कारणों से होती है। इनमें खराब ओरल हाइजीन, तंबाकू का उपयोग और शर्करा युक्त आहार शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, भारत में ओरल हेल्थ के महत्व के बारे में जागरूकता की कमी के कारण दंत संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं।
भारत में, लगभग 85% से 90% वयस्कों और 60% से 80% बच्चों के दांतों में कैविटी होती है। साथ ही, लगभग 30% बच्चों के जबड़े और दांत गलत तरह से संरेखित होते हैं। ओरल हेल्थ संबंधी समस्याओं वाले 50% से अधिक भारतीय डेंटिस्ट के अलावा किसी अन्य व्यक्ति से उपचार या सलाह प्राप्त करते हैं, जैसे कि केमिस्ट।
भारत की बहुत कम आबादी है, जो ओरल हाइजीन को गंभीरता से लेती है। लगभग 51% भारतीय अपने दांतों को ब्रश करने के लिए टूथब्रश और टूथपेस्ट का उपयोग करते हैं। साथ ही 28% आबादी अपने दांतों को दिन में दो बार ब्रश करते हैं। यह आंकड़ा काफी कम है न? हमे लगता है कि दो बार ब्रश करने के फ़ायदों को जानकर आप भी इसका हिस्सा जरूर बनेंगे।
आपके मुंह लगातार बैक्टीरिया और कीटाणुओं से भरे होते हैं। यह बीतते समय के साथ बढ़ते और फैलते रहते हैं। अपने दांतों को दिन में दो बार ब्रश करने से यह सुनिश्चित हो जाएगा कि यह खराब बैक्टीरिया नष्ट हो गया है या निकल गया है। यदि आप केवल सुबह अपने दांतों को ब्रश करते हैं, तो बैक्टीरिया का बढ़ता निर्माण आपके दांतों के इनेमल (enamel) को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देगा। साथ ही यह आपके मसूड़ों और जड़ों को कमजोर कर देगा, जिससे सड़न हो सकती है। खराब बैक्टीरिया की उपस्थिति दुर्गंध का कारण बनती है।
जागने की तुलना में आप सोते समय अधिक लार का उत्पादन करते हैं। लार प्लाक और बैक्टीरिया के खिलाफ एक अवरोध बनाने में मदद करती है और कैविटी को होने से रोकती है। इसलिए, शाम को या सोने से ठीक पहले अपने दांत ब्रश करें। यह सोते समय बैक्टीरिया और लार को कम करने में मदद करता है। यह सोते समय बनने वाले एसिड को कम करके सुबह मुंह की दुर्गंध को कम करता है।
मुंह को स्वस्थ रखने के लिए सिर्फ एक बार अपने दांतों को ब्रश करना काफी नहीं है। हकीकत यह है कि जितना कम आप अपने दांतों को ब्रश करते हैं, उतना ही अधिक नुकसान आप अपने मसूड़ों को भी पहुंचाते हैं। प्लाक, बैक्टीरिया और टार्टर आपके मसूड़ों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। यही संक्रमण और रक्तस्राव का कारण बनता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए आप दांतों को कम से कम दो बार ब्रश करें।
पिछले कुछ वर्षों में ओरल हाइजीन को लेकर लोगों में जागरुकता देखी गई है। लोग सक्रिय रूप से डेंटिस्ट की सलाह लेते हैं और दांतों का ख्याल रखते हैं। हमारे चिकित्सा ज्ञान में वृद्धि हुई है और दंत चिकित्सक, और सामान्य चिकित्सक अब जानते हैं कि खराब ओरल हेल्थ का सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है।
यह पेट संबंधी बीमारियों का कारण होता है। खराब मौखिक स्वास्थ्य से हृदय रोग, मधुमेह और ऑस्टियोपोरोसिस भी हो सकता है। अवसस्थ ओरल हाइजीन को गर्भवती महिलाओं में समय से पहले प्रसव और जन्म के समय कम वजन से भी जोड़ा गया है।
तो लेडीज, अब आप समझ गए होंगे कि रोजाना दो बार ब्रश करना कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए दो बार ब्रश जरूर करें और चमकते स्वस्थ दांत पाएं।
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