पढ़ाई, करियर बनाने और दूसरों से आगे निकलने के लिए युवा दिन-रात प्रयास करते रहते हैं। नतीजा होता है डिप्रेशन, एंग्जायटी। यह समस्या इतनी अधिक हो गई है कि आपको हर दूसरे दिन तनाव दूर करने के नुस्खे कहीं न कहीं मिल जायेंगे। पर ये कितने कारगर होंगे, इसकी गारंटी नुस्खा बताने वाला भी नहीं दे सकता है। पर विश्व स्तर पर विख्यात विश्वविद्यालय के शोध बताते हैं कि यदि अपने दिमाग को किसी भी प्रकार की गेमिंग में लगाएंगी, तो डिप्रेशन और एंग्जायटी (gaming for depression and anxiety) की समस्या को कम कर सकती हैं।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के जर्नल बीजे साइकोलॉजी में युवा लोगों में डिप्रेशन और एंग्जायटी को कम करने में खेलों के प्रभाव को जांचने पर एक शोध आलेख प्रकाशित हुआ। वर्ष 2020 में शोधकर्ता क्रिस्टोफर टाउनसेंड, क्लारा हम्पस्टन, जैक रोजर्स की टीम ने 12-25 वर्ष की आयु के युवाओं में अवसाद या चिंता के इलाज के लिए गेमिंग इन्टरवेनशन के प्रभाव की व्यवस्थित स्टडी की। इसके निष्कर्ष बताते हैं कि गेमिंग से अवसाद और क्रोध या चिंता को कम किया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन(World Health Organisation) के वर्ल्ड मेंटल हेल्थ इंटरनेशनल कॉलेज के स्टूडेंट प्रोजेक्ट के निष्कर्ष भी इस ओर संकेत देते हैं। इसमें देखा गया कि कॉलेज के प्रथम वर्ष के एंग्जायटी और डिप्रेशन से जूझ रहे छात्रों ने जब खेल से खुद को जोड़ा, तो उनमें सकारात्मक बदलाव देखे गये।
इन दिनों गेमिंग से मतलब हम विडियो गेम से लगाते हैं। पर यहां गेमिंग में विडियो गेम सहित आउटडोर गेम और इनडोर गेम भी शामिल है। युवाओं के जीवन में गेमिंग की लोकप्रियता, पहुंच और प्रासंगिकता अधिक है। इसलिए यह मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए एक आशाजनक उपचार बना हुआ है। ब्रिटेन में 12 – 15 वर्ष के 81% बच्चे प्रति सप्ताह 11 घंटे से अधिक गेम खेलते हैं। वे आउटडोर गेम (exercise or physical activity game) के अलावा कंसोल, स्मार्टफोन, टैबलेट जैसे गजेट पर भी खेलते हैं।
बच्चे और युवा सिंगल गेम, मल्टीप्लेयर गेम, प्रतिस्पर्धी गेम, रणनीति गेम, ई-स्पोर्ट्स भी आजमाते हैं। शोध में गेमिंग इन्टरवेंशन को मापने के लिए तीन तरह के गेम को शामिल किया गया। पहला एक्सरसाइज गेम्स है। इस खेल में व्यायाम के रूप में शारीरिक परिश्रम शामिल होता है। दूसरा विडियो गेम है, जो थ्री डाइमेंशनल वातावरण के कंप्यूटर-जनित सिमुलेशन का उपयोग करता है।
तीसरा और प्रमुख सीबीटी आधारित खेल, जिसमें संज्ञानात्मक चिकित्सा के सिद्धांतों का उपयोग करने वाले खेलों को शामिल किया जाता है। इसमें पजल, रीजनिंग प्रमुख है। इनके अलावा, ऐसा मनोरंजक खेल जो खिलाड़ी को खुशी की भावना देने के उद्देश्य से खेला जाये और सीखने में मदद करे। ये सभी खेल एंग्जायटी और डिप्रेशन से लड़ने में मदद करने वाले साबित हुए।
मेंटल हेल्थ के लिए गेमिंग का उपचार के रूप में प्रयोग किये जाने पर 12 और स्टडीज हुई हैं। सभी स्टडीज में पाया गया कि गेमिंग प्रमुख बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकता है। उपचार की पहुंच नहीं होने, लंबे समय तक प्रतीक्षा करने और उपचार कराने के लिए संलग्न होने के लिए प्रेरणा की कमी होने पर इसे आजमाया जा सकता है। गेमिंग लगभग हमेशा सुलभ हो सकता है, क्योंकि यह स्वतंत्र है। गेमिंग के माध्यम से मनोरोगियों का हस्तक्षेप किया गया।
स्टडी में पाया गया कि जिस खेल में नेतृत्व कौशल की अधिक आवश्यकता पड़ती है, वह अधिक प्रभावी साबित हुआ। रोल-प्लेइंग और दूसरी तरह के स्ट्रैटेजी वाले गेम ने समस्या सुलझाने के स्किल को भी मजबूत करने में मदद की। कोई भी खेल जिसमें आपको अधिक सोचना पड़ता है या आपको तर्क प्रस्तुत करने पड़ते हैं, वे सभी डिप्रेशन और एंग्जायटी को दूर भगाने में कारगर हैं।
चेस, कार्ड्स या किसी भी प्रकार के आउटडोर गेम जैसे कि बैडमिंटन, टेनिस या फुटबॉल जिसमें आपको अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने के लिए स्ट्रेटेजी बनानी पड़ती है, डिप्रेशन और एंग्जायटी को दूर भगाने में कारगर होगी।
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