कबूतर की बीट बन सकती है गंभीर संक्रमण का कारण, जानिए क्यों जरूरी है सावधान रहना

कबूतर को दाना डालना न सिर्फ अच्छा माना जाता है, बल्कि ये आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद कहा गया है। मगर कबूतर की बीट आपके फेफड़ों और श्वसन पथ के लिए गंभीर संक्रमण का कारण बन सकती है। जिससे सावधान रहना जरूरी है।
Pigeon dropping health hazards
पिछले पांच वर्षों में, कबूतरों के संपर्क से जुड़ी श्वसन समस्याओं में 10 से 15% की वृद्धि हुई है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
Published On: 6 Dec 2024, 02:33 pm IST
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कबूतर पर्यावरण को साफ रखने में एक प्राकृतिक भूमिका निभाते हैं, बचे हुए भोजन और अन्य जैविक कचरे को साफ करने में मदद करते हैं। पर हम में से बहुत से लोग अपने घर की बालकनी और छत पर कबूतरों को दाना डालते हैं। आपको जानकर हैरानी हो सकती है, परंतु यह गतिविधि आपको गंभीर संक्रमण का शिकार बना सकती है (Pigeon dropping health hazards)। उन्हें खिलाने से, हम उनके प्राकृतिक व्यवहार को बाधित करते हैं।

पिछले पांच वर्षों में, कबूतरों के संपर्क से जुड़ी श्वसन समस्याओं में 10 से 15% की वृद्धि हुई है। वहीं कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिनमें कबूतर के बीट को संक्रमण का कारण बताया जा रहा है (Pigeon dropping health hazards)। यदि आपको पूरे मामले को जानकारी नहीं है, तो इस लेख को जरूर पढ़ें। यहां कबूतर के बीट से फैलने वाले संक्रमण से जुड़ी कई जरूरी जानकारी दी गई है (Pigeon dropping health hazards)।

क्या है पूरा मामला

पुणे के एक 35 वर्षीय व्यक्ति को आदित्य बिड़ला मेमोरियल अस्पताल (ABMH) में हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस का पता चला था। वह कबूतर के बरसे के पास एक ऊंची बिल्डिंग में रहता है, और उसे लगातार खांसी और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत थी।

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हर साल क्रिप्टोकोकल मेनिन्जाइटिस के दो से तीन मामले और साइटाकोसिस के एक से दो मामले सामने आते हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक

उसे हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस का पता चला, एबीएमएच में, हर महीने में हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस के लगभग आठ से 10 मामले सामने आते हैं। इसके अतिरिक्त हर साल क्रिप्टोकोकल मेनिन्जाइटिस के दो से तीन मामले और साइटाकोसिस के एक से दो मामले सामने आते हैं।

जानिए क्यों आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है कबूतर की बीट (Health hazards of Pigeon dropping)

1 आपको बीमार कर सकती है कबूतर की बीट

कबूतर की बीट से जुड़ी बीमारियों में क्रिप्टोकॉकोसिस, हिस्टोप्लाज्मोसिस और सिटाकोसिस शामिल हैं। कबूतर का मल और मूत्र साफ करते समय जो धूल बनती है, उसमें सांस लेने से आप इन बीमारियों से संक्रमित हो सकती हैं। कबूतर संबंधी बीमारियों का खतरा दुर्लभ है। इन बीमारियों से सबसे अधिक खतरा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को होता है।

2 एंटीजन्स जीव फैलाते हैं बीमारियां

क्रिएटर-वायरस कबूतर की बीट और उसके पंख में होते हैं। जब कोई व्यक्ति लगातार कबूतर और उसकी बीट के संपर्क में होता है, तो ये एंटीजन सासों के माध्यम से फेफड़े में प्रवेश करते हैं। इस प्रकार ये फेफड़ों को संक्रमित कर सकते हैं।

3 लंग्स टिशू हो सकता है डैमेज

कबूतर के बीट के संपर्क में रहने से कीटाणुओं द्वारा फैलाया गया संक्रमण लंग टिशू को डैमेज कर सकता है। इतना ही नहीं यह एयरवेज़ को भी नुकसान पहुंचाता है। वहीं इंटरनेशनल लैंग्वेज डिजीज (आईएलडी) का खतरा बढ़ जाता है।

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कबूतर का पूप बन सकता है संक्रमण का कारण। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4 अस्थमा के मरीजों को है ज्यादा खतरा

अस्थमा से पीड़ित सभी मरीजों को इसके प्रति अधिक सचेत रहने की आवश्यकता हैं। कबूतर का बीट या उन्हें घर की बालकनी में दाना देना, अस्थमा ट्रिगर की तरह काम करता है। हालांकि, जिन घरों में नियमित रूप से कबूतर आते हैं, उन्हें अस्थमा न होने के बावजूद भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

5 कमजोर इम्युनिटी वाले जल्दी हो सकते हैं संक्रमित

जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, उनमें कबूतर के बीट से निकलने वाले हानिकारक बैक्टीरिया एवं कीटाणुओं से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। ऐसे लोगों को कबूतर से दूरी बनाए रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि एक बार संक्रमित हो जाने के बाद, ट्रीटमेंट में भी मुश्किल आ सकती है।

6 पहले से बीमार व्यक्ति रहें अधिक सचेत

अगर लंग्स ख़राब हैं या पहले से ही त्वचा की बीमारी है, तो मरीज़ की स्थिति अधिक ख़राब हो सकती है। बच्चों और बुजुर्गों में इसका अधिक जोखिम होता है। ऐसे लोग आसानी से और तेजी से संक्रमित हो सकते हैं। इन लोगों को कबूतरों से हमेशा दूर रहना चाहिए।

7 पालतू जानवर भी हो सकते हैं बीमार

आमतौर पर पालतू जानवर पूरे घर में घूम रहे होते हैं। कई बार ये जानवर अनजाने में कबूतर की बीट खा लेते हैं, और उनके पंख मुंह में लेकर चबाते हैं, इनसे संक्रमण होने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।

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कबूतर के बीट से निकलने वाले हानिकारक बैक्टीरिया एवं कीटाणुओं से संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

संक्रमण से बचने के लिए क्या करें (How to avoid infection from pigeon dropping)

कबूतरों का दाना हमेशा घर के बाहर डालें।
यदि पब्लिक प्लेस पर उन्हें दाना डाल रही हैं, तो वहां खड़े होकर उनके खाने का इंतजार न करें वहां से लौट आएं।
यदि बहुत से कबूतरों के बीच दाना डाल रही हैं, तो मास्क जरूर पहनें।
कबूतरों के लगातार एक्स्पोज़र से बचें।
बालकनी और जहां से भी कबूतर घर में आ सकते हैं, उस जगह को नेट से कवर करवाएं।

कबूतरों की बीट की सफाई करते वक्त इन सावधानियों का ध्यान रखें (Tips to cleaning Pigeon dropping)

अगर आप बिना मास्क और गलव्स के बीट की सफाई कर रही हैं, तो आपको हाइपरसेंसस नॉर्मियालिटी न्यूमोनिटिस हो सकता है। ऐसे में हमेशा बीट की सफाई करते वक्त हाथों में दस्ताने पहने, साथ ही मुंह को मास्क से अच्छी तरह कवर करें और बीट को घर से दूर फेंके। सफाई के दौरान संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है, इसलिए सचेत रहें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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