सांस की बीमारी से ग्रस्त लोगों को ज्यादा हो सकता है कोरोना वायरस का जोखिम

लंग केयर फाउंडेशन द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण में यह सामने आया कि पिछले एक साल में दिल्ली में रहने वाले 38% लोग प्रदूषण के कारण श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रस्त हुए। ये लोग कोरोना वायरस के संदर्भ में सबसे ज्यादा जोखिम वाले लोग हो सकते हैं।
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कोरोना काल में आपके काम आएगी नास्य थेरेपी। चित्र: शटरस्‍टॉक
योगिता यादव Published: 4 Jun 2020, 19:23 pm IST
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राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोसी इलाकों में 38.8 प्रतिशत लोगों ने गुरुवार को यहां जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, पिछले एक साल में सांस की परेशानी के कारण अस्पतालों का दौरा किया। फरवरी में सर्वेक्षण करने वाले लंग केयर फाउंडेशन ने कहा कि कोविड -19 संक्रमण होने पर ये लोग उच्च जोखिम में हो सकते हैं।

सर्वेक्षण में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के 1,757 निवासियों को शामिल किया गया और इसका उद्देश्य वायु गुणवत्ता के प्रति लोगों के ज्ञान और दृष्टिकोण को समझना था।

प्रदूषण से बीमार हो रहे हैं लोग

लगभग 82.2 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे अपने स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव से अवगत थे। सर्वेक्षण में कहा गया है, “हालांकि 76.5 प्रतिशत लोग जानते हैं कि वायु प्रदूषण फेफड़ों को प्रभावित करता है, 14.7 प्रतिशत यह हृदय को प्रभावित करता है, 9.2 प्रतिशत यह मस्तिष्क और 1.7 प्रतिशत को प्रभावित करता है।”

बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों को बीमार बना रहा है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अपनी स्थिति से अनजान हैं ज्‍यादातर लोग

फाउंडेशन ने कहा कि लोग इस बात से अवगत थे कि खराब वायु गुणवत्ता ने उनके स्वास्थ्य को प्रभावित किया है, लेकिन नुकसान की सीमा के बारे में पता नहीं था।

लंग केयर फाउंडेशन के संस्थापक और सीईओ अभिषेक कुमार ने कहा कि एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए व्यापक, नवीन और बहुप्रचारित सार्वजनिक शिक्षा अभियान विकसित करने में इस सर्वेक्षण के परिणाम महत्वपूर्ण होंगे।

विश्व पर्यावरण दिवस (world environment day) के अवसर पर, फाउंडेशन की एक पहल और अमेरिकी दूतावास द्वारा समर्थित, साफ़ हवा और नागरिक ’(SHAN) के लिए वेबसाइट भी लॉन्च की गई।

वेबसाइट स्वच्छ वायु के लिए नागरिक कार्रवाई को सक्षम करने, वायु प्रदूषण, इसके कारणों और स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जानकारी प्रदान करेगी। यह वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार की पहलों के बारे में भी नागरिकों को अपडेट करेगा।

आपको समझने चाहिए श्‍वसन संबंधी बीमारी के लक्षण (Respiratory disease symptoms)

ज्‍यादातर लोगों को यह पता ही नहीं होता कि वे श्‍वसन संबंधी किसी बीमारी से ग्रस्‍त हैं। जबकि इनके संकेत बहुत सामान्‍य हैं। आप भी इन लक्षणों पर गौर कर अपने और अपने परिवार की सेहत के प्रति ज्‍यादा जागरुक हो सकती हैं।

आपको अपने घर के वातावरण को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्‍त रखना होगा। चित्र: शटरस्‍टॉक
  • सांस तेजी से चलना या सांस उखड़ना
  • आवाज में घरघराहट
  • छाती में जलन, इरिटेशन महसूस होना
  • लगातार खांसी होना
  • पैर की उंगलियों में सूजन
  • खराश और सूजन के कारण गले में दर्द
  • खांसी के साथ खून आना
  • आवाज में बदलाव
  • शरीर दर्द
  • थकान
  • जरूरी है सावधानी

अगर आप उपरोक्‍त लक्षणों के साथ श्‍वसन संबंधी बीमारी से ग्रस्‍त हैं, तो आपको इस समय और ज्‍यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।

ऐसे में सबसे ज्‍यादा जरूरी है कि आप अपने घर के अंदर के माहौल को बिल्‍कुल भी प्रदूषित न होने दें। इसके साथ ही कुछ और सावधानियां बरतना भी जरूरी है।

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कस्टमाइज़ करें

1 एयर प्यूरीफायर, इनहेलर्स, नोजल स्प्रे और मास्क का उपयोग करें। ये आपको धूल, प्रदूषण और कई अन्‍य कीटाणुओं से बचाने में मदद करेंगे।

2 अगर घर में सफाई कर रहीं हैं, या किताबें पलट रहीं हैं, तो भी अपनी नाक और मुंह को कवर करके रखें।

3 स्‍मोकिंग आपके लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए इससे दूर रहें। आपको एक्टिव स्‍मोकिंग के साथ खुद को पेसिव स्‍मोकिंग से भी बचाए रखना है।

4 एयर कंडीशनर की बहुत ज्‍यादा कूलिंग, ठंडा पानी, और अन्‍य ठंडी चीजें आपकी बीमारी को ट्रिगर कर सकती हैं। इसलिए इनसे बचकर रहें।

5 पालतू जानवरों के शरीर पर भी बहुत सारी डर्ट और जीवाणु होते हैं। इनसे दूर रहें, हो सके तो इन्‍हें चूमने से परहेज करें।

6 योग, व्‍यायाम और ध्‍यान को अपने रूटीन में शामिल करें। यह आपको कई तरह से मदद कर सकते हैं।

7 आपको अपनी डाइट का बहुत ध्‍यान रखना है। हेल्‍दी डाइट लें और उन चीजों से परहेज करें जो आपको ट्रिगर करती हैं।

8 श्वसन विकार के लक्षणों को पहचान कर डॉक्टर से परामर्श करें व  दवाई लें।

(IANS इनपुट के साथ )

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लेखक के बारे में

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय। ...और पढ़ें

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