लोहिड़ी का त्योहार देश भर में मनाया जाता है। इस अवसर पर मूंगफलियां खूब खाई और बांटी जाती हैं। असल में इन्हें उम्र बढ़ाने वाला माना जाता है। वैज्ञानिक भी इस तर्क से सहमत हैं कि मूंगफलियां आपकी उम्र को लंबा और स्वस्थ बना सकती हैं। इसलि लोहड़ी पर मूंगफली बांटी जाती हैं। तब आग में भुनी हुई मूंगफली सबसे अधिक खाई जाती हैं। पर सामान्य दिनों में भी आग में भुनी हुई, तेल में भुनी हुई, कच्ची, भिगोई हुई, उबली हुई और कच्ची मूंगफली भी खाई जाती है। पर वास्तव में क्या है इन्हें खाने का सबसे हेल्दी तरीका (best way to eat peanuts), आइए पता करते हैं।
दरअसल, मूंगफली दुनिया भर में उपजाई और खाई जाती है। यह फली (Legumes) में बीज (Seed) रूप पाई जाती है। पर स्वास्थ्य के लिए मूंगफली किस रूप में सबसे अधिक उपयोगी(which type of peanut is healthy) है। आइये मूंगफली पर हुए शोधों पर नजर डालते हैं।
जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस टेक्नोलॉजी में मूंगफली के पोषक तत्वों और खाए जाने वाले रूपों पर शोध आलेख प्रकाशित किया गया। शोधकर्ता शालिनी एस आर्य, अक्षता साल्वे और एस चौहान बताते हैं, मूंगफली किसी भी रूप में खाई जाए, यह स्वास्थ्यकर है। मूंगफली बटर और मूंगफली तेल भी स्वास्थय के लिए फायदेमंद है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, पॉलीफेनोल्स, एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और मिनरल्स जैसे कई कंपाउंड पाए जाते हैं। मूंगफली को जब भूना और उबाला जाता है, तो बायोएक्टिव यौगिकों के कंसंट्रेशन में वृद्धि दिखाई देती है। इन बायोएक्टिव कंपाउंड को रोग निवारक गुणों के लिए पहचाना गया है। ये लंबी आयु को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस टेक्नोलॉजी में प्रकाशित शोध आलेख में शोधकर्ता शालिनी एस आर्य के अनुसार, तेल के अलावा, मूंगफली का मक्खन, कन्फेक्शन, भुनी हुई मूंगफली, स्नैक उत्पादों, मांस उत्पाद निर्माण, सूप और डेजर्ट के उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है। मूंगफली प्रोटीन, तेल और रेशों से भरपूर होती है।
मूंगफली रेस्वेराट्रोल, फेनोलिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स और फाइटोस्टेरॉल जैसे यौगिकों का भी उत्कृष्ट स्रोत है। ये आहार से कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को रोकते हैं। यह को-एंजाइम Q10 का भी बढ़िया स्रोत है। इसमें आर्गिनिन की उच्चतम मात्रा वाले सभी 20 अमीनो एसिड होते हैं।
चीन के शंघाई यूनिवर्सिटी के लिन चेंग, जी लॉन्ग शोधकर्ताओं ने पानी में भीगे मूंगफली पर शोध किया। पानी में भिगोयी गई मूंगफली का रॉ मूंगफली से तुलना की गयी। भीगे और अंकुरित मूंगफली में फेनोलिक कंपाउंड की मात्रा बढ़ी हुई देखी गई। शोधकर्ताओं के अनुसार, जब नट्स को भिगोया जाता है, तो आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम और जिंक जैसे आवश्यक पोषक तत्व शरीर द्वारा बेहतर तरीके से अवशोषित हो पाते हैं।
पानी एसिड में मौजूद फाइटिक एसिड को हटा देता है, जो अपच का कारण बनता है। इससे पचाने में मदद मलती है। ये बीटा-सिटोस्टेरॉल से भरपूर होते हैं, जो कैंसर से बचाव करते हैं। पानी में भिगोने से विषाक्त पदार्थ कम हो जाते हैं या खत्म हो जाते हैं। ये पानी में अवशोषित हो जाते हैं।
जर्नल ऑफ द साइंस ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, जब तेल में मूंगफली को डीप फ्राई किया जाता है, तो उसके पोषक तत्वों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। तलने की प्रक्रिया ऑक्सीडेटिव स्थिरता को प्रभावित करती है। इससे टोक्सिन की मात्रा भी बढ़ जाती है।
वहीं कच्ची और भुनी हुई मूंगफली की तुलना में उबली हुई मूंगफली में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। ये एंटीऑक्सिडेंट कैंसर, हृदय रोग और अन्य पुरानी स्थितियों को रोकने में मदद कर सकते हैं। ये वेट लॉस में भी मदद करते हैं।
जर्नल ऑफ द साइंस ऑफ फूड एंड एग्रीकल्चर के अनुसार, मूंगफली के तेल में सेचुरेटेड फैटी एसिड अधिक होते हैं। इसलिए तलने के लिए इस तेल का प्रयोग अच्छा होता है।
शोध इस बात पर जोर देता है कि आग में भुनी हुई मूंगफली वास्तव में विटामिन और खनिजों का बड़ा स्रोत नहीं है।
इसमें आयरन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। इसलिए यह दिन भर आपको ऊर्जावान बनाये रख सकती हैं। शोध इस बात पर जोर देते हैं उबली हुई मूंगफली स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभदायी है।
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