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किडनी की समस्या से पीड़ित थे पंडित शिव कुमार शर्मा, आज सुबह कार्डियक अरेस्ट से हुआ निधन

इस बारे में बहुत कम जागरुकता है कि किडनी रोग भी हृदय संबंधी समस्याओं और गंभीर मामलों में कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकते हैं।
Updated On: 10 May 2022, 06:12 pm IST
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cardiac arrest se hua santoor maestro pandit shiv kumar sharma ka nidhan
कार्डियक अरेस्ट से हुआ पंडित शिव कुमार शर्मा का निधन।

मंगलवार सुबह कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest) के कारण महान संतूर वादक (Santoor maestro) पंडित शिव कुमार शर्मा का निधन (Pandit Shiv Kumar Sharma passes away) हो गया। वे इन दिनों मुंबई में थे, और पिछले छह माह से किडनी रोग (Kidney disease) से मुकाबला कर रहे थे। 84 वर्षीय पंडित शिव कुमार शर्मा का जाना भारतीय संगीत की दुनिया के लिए अपूरणीय क्षति है। वे अभी तक सक्रिय थे और आगामी 15 मई को भोपाल में होने वाले एक कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे। उनके इस तरह चले जाने ने किडनी संबंधी रोगों की गंभीरता की ओर लोगों का ध्यान खींचा है। हालांकि अध्ययन बताते हैं किडनी के रोग हृदय संबंधी विफलताओं (Kidney diseases and poor heart health) का जोखिम 20 गुना तक बढ़ा सकते हैं।

सूनी हो गई संगीत की दुनिया

शिव-हरि की जोड़ी में से एक माने जाने वाले पंडित शिवकुमार शर्मा, संगीत की दुनिया का अनमाेल सितारा रहे हैं। पद्मभूषण से सम्मानित शर्मा का जन्म 1938 में जम्मू में हुआ था और संगी की शिक्षा उन्होंने अपने पिता पंडित उमादत्त शर्मा से ली थी। हालांकि वे बचपन में तबला बजाया करते थे, पर पिता के आदेश पर उन्होंने संतूर को थामा और उस पर कई शास्त्रीय धुनें छेड़ीं। वे अंतिम समय तक संतूर और संगीत की सेवा में रत थे। जबकि पिछले छह माह से वे गुर्दे संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे, और डायलिसिस पर थे।

क्या किडनी के रोग घातक हो सकते हैं?

इसका जवाब है ‘हां’। किडनी और हृदय दोनों आंतरिक अंग हैं और दोनों का कार्य एक-दूसरे के कार्य को समर्थन देता है। पब मेड सेंट्रल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार किडनी रोगियों को सडन कार्डियक अरेस्ट और हृदय संबंधी अन्य विफलताओं का सामना करना पड़ सकता है।

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खराब किडनी स्वास्थ्य हृदय के लिए जोखिम बढा देता है। चित्र : शटरस्टॉक

वर्ष 2014 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक शोध में यह सामने आया था कि 20 मिलियन से अधिक अमेरिकी क्रोनिक किडनी रोग से ग्रस्त हैं। और गंभीर मामलों में क्रोनिक किडनी रोगियों में सामान्य आबादी की तुलना में, हृदयाघात का जोखिम चार से 20 गुना अधिक हो सकता है।

अध्ययन में यह भी सामने आया कि जैसे-जैसे किडनी के कामकाज में विफलता आनी शुरू होती है, वैसे-वैसे हृदय स्वास्थ्य के लिए जोखिम बढ़ता जाता है।

असल में किडनी और हार्ट दोनों एक-दूसरे को सपोर्ट करते हैं। हृदय जहां रक्त को पंप करने का काम करता है, वही किडनी अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब किडनी ठीक से काम नहीं कर पातीं, तो आपके हार्ट को एक्स्ट्रा मेहनत करनी पड़ती है। जिसके गंभीर होने पर हृदयाघात का भी जोखिम बढ़ता जाता है।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया शोक

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जाने माने संतूर वादक और संगीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा के निधन पर मंगलवार को शोक प्रकट किया । राष्ट्रपति ने कहा कि वह जानकर बेहद दुखी हैं कि अब उनका (शिवकुमार शर्मा का) संतूर शांत हो गया। राष्ट्रपति भवन ने कोविंद के हवाले से ट्वीट किया कि पंडित शिवकुमार शर्मा का संगीत भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रेमियों को नि:शब्द कर देता था तथा उन्होंने जम्मू कश्मीर के पारंपरिक वाद्य यंत्र संतूर को लोकप्रिय बनाया।

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उन्होंने कहा, ” यह जानकर बेहद दुखी हूं कि अब उनका संतूर शांत हो गया । उनके परिवार, परिजनों एवं प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं ।”

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विख्यात संतूर वादक और संगीतकार पंडित शिव कुमार शर्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मंगलवार को कहा कि उनके निधन से सांस्कृतिक जगत दरिद्र हो गया। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ”शिव कुमार शर्मा जी के निधन से हमारा सांस्कृतिक जगत आज दरिद्र हो गया। उन्होंने संतूर को वैश्विक ख्याति दिलाई। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा। उनसे हुई मुलाकातें और संवाद मुझे याद आ रहे हैं। उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”

पद्मभूषण से सम्मानित शर्मा का जन्म 1938 में जम्मू में हुआ था। माना जाता है कि वह पहले संगीतकार थे, जिन्होंने संतूर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के सुर बिखेरे। संतूर जम्मू कश्मीर का एक लोक वाद्य यंत्र है।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

योगिता यादव एक अनुभवी पत्रकार, संपादक और लेखिका हैं, जो पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से हिंदी मीडिया जगत में सक्रिय हैं। फिलहाल वे हेल्थ शॉट्स हिंदी की कंटेंट हेड हैं, जहां वे महिलाओं के स्वास्थ्य, जीवनशैली, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी सामग्री का संयोजन और निर्माण करती हैं।योगिता ने दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, जी मीडिया और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया है। वे 'हेल्दी ज़िंदगी' नाम का उनका हेल्थ पॉडकास्ट खासा लोकप्रिय है, जिसमें वे विशेषज्ञ डॉक्टरों और वेलनेस एक्सपर्ट्स से संवाद करती हैं।

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