अगस्त में शुरू होगा ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ट्रायल, 1000 रुपये तक हो सकती है कीमत

ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश कंपनी एंस्ट्राजेनेका के टीके के फेज-3 का ट्रायल भारत में सेरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया करवा रहा है, इसके लिए पांच हजार वॉलंटियर्स शामिल किए जाने हैं।
कोरोना वैक्सीन के लिए नेज़ल वैक्सीन को मिल गयी है मंज़ूरी। चित्र: शटरस्‍टॉक
कोरोना वैक्सीन के लिए नेज़ल वैक्सीन को मिल गयी है मंज़ूरी। चित्र: शटरस्‍टॉक
योगिता यादव Published: 22 Jul 2020, 10:04 am IST
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कोविड-19 से मुकाबले के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एक अच्छी खबर आई है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित की गई कोरोना वैक्सीन का ट्रायल सफल रहा है। अब इसका अलग-अलग लोगों पर ट्रायल किया जाना है। भारत में इसका निर्माण सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करेगी और इसके लिए अगस्त के अंत तक ह्यूमन ट्रायल शुरू किए जाने हैं।

दुनिया भर में विख्यात ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित की गई कोरोना वैक्सीन के रेस्पॉन्स को बेहतर बताया जा रहा है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के डायरेक्टर एंड्रयू जे पोलार्ड के अनुसार एंटीबॉडी रेस्पॉन्स से पता चलता है कि ये वैक्सीन काफी कारगर है। पर इसके ट्रायल में सफलता नजर आने के बावजूद हमें इस पर और ज्यादा साक्ष्य जुटाने की जरूरत है कि यह कोरोना वायरस का खात्मा कर सकती है।

इसके तीसरे फेज का ट्रायल भारत में भी किया जाएगा। चित्र: शटरस्‍टाॅॅॅक

इसलिए अब इस वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग लोगों पर किया जाएगा। ताकि इसके असर का पूरी तरह परीक्षण किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान वैक्सीन बनाना और इसे पूरी दुनिया को सप्लाई करना एक बड़ी चुनौती है और इसमें हम अन्य देशों को अपना प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि सामुहिक प्रयास का हिस्सा मानते हैं।

भर्ती किए जाएंगे 5 हजार वॉलंटियर्स

भारत में इसका निर्माण सेरम इंस्टीनट्यूट ऑफ इंडिया करेगा। इसके लिए 5000 हजार वॉलंटियर्स को जोड़ा जाएगा ताकि अगस्त के अंत तक इसका ह्यूमन ट्रायल किया जा सकेगा।
कंपनी के सीईओ एडर पूनावाला ने कहा कि एक साल के भीतर टीके की एक अरब खुराक भी तैयार करने की तैयारी है।

भारत में भी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश कंपनी एंस्ट्राजेनेका के टीके के फेज-3 का परीक्षण अगस्त के अंत में शुरू होगा। इसके लिए कंपनी अगले दो दिन में जरूरी मंजूरी के लिए  आवेदन करेगी। मंजूरी मिलने में एक-दो हफ्ते का वक्त लग सकता है, जिसके बाद परीक्षण शुरू होंगे।

कम ही रखी जाएगी कीमत

कीमत के संदर्भ में पूनावाला ने कहा कि हमारा उद्देश्यस फि‍लहाल मुनाफा कमाना नहीं इस महामारी का मुकाबला करना है। इसलिए इसकी कीमत 1000 रुपये या इससे कम हो सकती है। पर यह वैक्सीलन किसे दी जानी है, इसका निर्णय सरकार करेगी।

मुंबई और पुणे में बड़े पैमाने पर वॉलंटियर्स को वैक्‍सीन दी जाएगी। चित्र: शटरस्‍टाॅॅक

अगले साल जून तक करना होगा इंतजार

पूनावाला का कहना है कि अगर आखिरी दौर के परीक्षण भी सफल रहे, तो अगले साल जून से वैक्सीन बाजार में उतारी जा सकती है। कंपनी टीके के बाजार में लांच करने की मंजूरी से पहले जोखिम मोल लेते हुए 20 करोड़ डॉलर से वैक्सीन की 30 करोड़ खुराक तैयार कर रही है।

दरअसल, सेरम ने ऑक्सफोर्ड के साथ टीके की एक अरब खुराक तैयार करने का करार भी किया है। यह आपूर्ति उत्पादन शुरू होने के एक साल में की जानी है। यह टीका भारत के अलावा कम आय वाले देशों के लिए होगा, जिन्हें गावी एलांयस के तहत बेहद कम दामों पर आपूर्ति की जाएगी।

सेरम ने दुनिया भर के तमाम टीकों का बेहद कम कीमत पर उत्पादन किया है। सेरम अमेरिकी बायोटेक फर्म कोडजेनिक्स के साथ एक वैक्सीन का प्री क्लीनिकल ट्रायल भी कर रही है। पूनावाला के अनुसार, सेरम दुनिया में परीक्षण के विभिन्न चरणों में चल रहे टीकों के उत्पादन का करार भी कर चुकी है। संस्थान उनके नतीजों का भी इंतजार कर रहा है।

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(एजेंसियों से प्राप्‍त इनपुट के साथ)

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कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय। ...और पढ़ें

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