बोन इंफेक्शन (Bone infection) ज्यादातर बैक्टीरिया के कारण होता है। लेकिन यह कवक (fungus) या अन्य कीटाणुओं के कारण भी हो सकता है। जब किसी व्यक्ति को ऑस्टियोमाइलाइटिस (osteomyelitis) होता है, तो बैक्टीरिया या अन्य रोगाणु संक्रमित त्वचा, मांसपेशियों, या हड्डी के बगल में टेंडन से हड्डी में फैल सकते हैं। यह त्वचा वाले घाव के नीचे हो सकता है। संक्रमण शरीर के दूसरे हिस्से में शुरू हो सकता है और रक्त के माध्यम से भी हड्डी में फैल सकता है। यह एक घातक समस्या है। इसलिए जरूरी है कि आप बोन इंफेक्शन (Bone infection) या ऑस्टियोमाइलाइटिस (osteomyelitis) के बारे में सब कुछ जानें।
बाेन इंफेक्शन के बारे में बात करते हुए अमेरी होम हेल्थ केयर, एशियन हॉस्पिटल फरीदाबाद की डॉक्टर चारू दत्त अरोड़ा कहते हैं, “यह एक घातक संक्रमण है और कई बार हड्डी की सर्जरी के बाद भी शुरू हो सकता है। यदि चोट लगने के बाद सर्जरी की जाती है या हड्डी में स्टील या प्लेट लगाई जाती है, तो इसका जोखिम अधिक होता है।
बच्चों में इसका सबसे ज्यादा रिस्क होता है। उनके हाथ या पैर की लंबी हड्डियां इससे जल्दी प्रभावित हो सकती हैं, क्योंकि ये कमज़ोर होती हैं। वयस्कों में, पैर, रीढ़ की हड्डियां, और कूल्हे (श्रोणि) इससे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। इसके अलावा
मधुमेह
हीमोडायलिसिस
खराब रक्त आपूर्ति
हाल की चोट
इंजेक्शन वाली अवैध दवाओं का प्रयोग
हड्डियों से जुड़ी सर्जरी
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को भी बोन फीवर का जोखिम ज्यादा होता है।
डॉक्टर अरोड़ा कहते हैं कि कोविड होने के कारण लोगों की इम्युनिटी कमज़ोर हुई है। कमज़ोर इम्युनिटी के कारण बोन फीवर और ज्यादा गंभीर और खतरनाक हो सकता है। एस्परजिलस फंगस (Aspergillus fungus) जिसका स्पाइन बोन्स से खास जुड़ाव है, के कारण, यह स्पाइन बोन पर सबसे ज़्यादा असर करता है। कोविड के बाद से यह फंगस होना काफी खतरनाक हो गया है, क्योंकि इससे रिकवरी बेहद मुश्किल हो जाती है।
इतना ही नहीं कोविड 19 के ऐसे मरीज़ जिनमें सर्दी ज़ुकाम ज़्यादा गंभीर थे, को बोन फीवर आसानी से चपेट में ले लेता है।
ऑस्टियोमाइलाइटिस के लक्षण उम्र के साथ बदलते हैं। मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:
हड्डी में दर्द
बहुत ज़्यादा पसीना आना
बुखार और ठंड लगना, प्रभावित हड्डी के आसपास सूजन, लालिमा और गर्म शरीर
संक्रमित स्थान पर पर दर्द
बोन फीवर होने की स्थिति में डॉक्टर आम तौर पर ये टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं:
ब्लड कल्चर
बोन बायोप्सी
बोन स्कैन
हड्डी का एक्स-रे
काउंटिंग ब्लड सेल्स (सीबीसी)
सी-रिएक्टिव प्रोटीन (4)
एरिथ्रोसाइट सैक्रेशन रेट (ESR)
डॉक्टर अरोड़ा कहते हैं कि बोन्स में होने वाले बैक्टीरियल इन्फेक्शन का इलाज यदि समय पर न हो तो इसकी वजह से लीवर और किडनी पर बुरा असर हो सकता है। इतना ही नहीं इसका बुरा असर रीढ़ की हड्डी तक पहुंच सकता है, जिससे अपंगता तक की स्थिति हो सकती है।
यदि आपकी हाल ही में हड्डी टूट गई है या सर्जरी हुई है, या प्लास्टर हुआ है, तो किसी भी संक्रमण के संकेत मिलने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें। लेकिन कई मामलों में, ऑस्टियोमाइलाइटिस को रोकने के लिए कुछ नहीं किया जा सकता है।
ऑस्टियोमाइलाइटिस का उपचार
बाेन इंफेक्शन होने पर संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं। एक समय में एक से अधिक एंटीबायोटिक भी दिए जा सकते हैं।
यदि आपको मधुमेह है, तो इस पर गंभीरता से ध्यान दिया जाना जरूरी है। अच्छी तरह नियंत्रित करने की आवश्यकता होगी। यदि संक्रमित क्षेत्र में रक्त की आपूर्ति में समस्या है जैसे कि पैर, संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए रक्त प्रवाह में सुधार के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
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