World Ovarian Cancer Day : गैस और ब्लोटिंग भी हो सकते हैं ओवेरियन कैंसर के लक्षण, हरगिज न करें इग्नोर

खट्टे डकार आना, पेट फूला रहना और खाना हजम न होना, ये ऐसे लक्षण हैं जिन्हें अकसर लोग बदहजमी मानकर इग्नोर कर देते हैं। पर अगर आप इनका लगातार अनुभव कर रहीं हैं, तो आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
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डिम्बग्रंथि के कैंसर के लक्षणों को वक्त रहते पहचान कर बचाई जा सकती है 80 फीसदी महिलाओं की जान। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 23 Oct 2023, 09:23 am IST
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दिन प्रतिदिन ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) की संख्या बढ़ती जा रही है। हर साल भारत में लगभग 50,000 ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) के मामलों का पता चलता है। यह महिला प्रजनन प्रणाली के किसी भी अन्य कैंसर की तुलना में अधिक मौतों का कारण बनता है। बढ़ती उम्र के साथ इसका खतरा अधिक हो जाता है, वहीं धूम्रपान (smoking) और अन्य नशीले पदार्थों का उपयोग करने वाली महिलाओं में इसका खतरा अधिक होता है। यदि शुरुआती चरण में इसका निदान कर लिया जाए, तो लगभग 80 से 90% महिलाएं इससे रिकवर हो जाती है।

आज वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे के अवसर पर हम आपके लिए लेकर आए हैं, ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer) से जुड़ी कुछ मत्वपूर्ण जानकारियां। तो चलिए जानते हैं, इसके लक्षण, आकड़ें साथ ही जानेंगे किनको होता है इसका सबसे अधिक खतरा।

हेल्थ शॉट्स ने ओवेरियन कैंसर के लक्षणों (ovarian cancer symptoms) और बचाव के उपायों (How to avoid ovarian cancer) के बारे में जानने के लिए मारेंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, डॉ नितिन सिंघल से बात की।
क्या है ओवेरियन कैंसर (ovarian cancer)

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ओवेरियन कैंसर के बारे में जागरूक होना बहुत ज़रूरी। चित्र : शटरस्टॉक

ओवेरियन कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो ओवरी के सेल्स में बनता है। इस कैंसर का सबसे आम प्रकार है ओवरी की सतह पर “उपकला” कोशिकाओं का बनना। इसके अलावा कैंसर अंडे बनाने वाली “रोगाणु” कोशिकाओं या अंडाशय के सहायक ऊतक (स्ट्रोमा) से विकसित होते हैं।

वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे (world ovarian cancer day)

हर साल 8 मई को वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का मकसद लोगों को ओवेरियन कैंसर से जु़ड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना और उन्हें इसके प्रति जागरूक करना है। इस दिन बडे-बड़े चिकित्सीय संस्थानों में कई कैंपेन चलाए जाते हैं। यह कैंपेन केवल महिलाओं के लिए ही नहीं होते, बल्कि पुरुषों को भी इसकी उचित जानकारी होना अनिवार्य है।

इसके प्रति जागरूक रहना इसलिए अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचान पाना थोड़ा मुश्किल होता है। इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं, कि आमतौर पर लोग इसे पाचन संबंधी समस्या समझने लगते हैं।

इस साल वर्ल्ड ओवेरियन कैंसर डे की थीम “नो वीमेन लेफ्ट बिहाइंड” रखा गया है। इसका मतलब यह है कि कोई भी महिला इसके बारे में जागरुक होने से पीछे न रह जाए।

समय पर हो जाए पहचान, तो बचाई जा सकती है जान

डॉ नितिन के अनुसार इस कैंसर से ग्रस्त 80% महिलाएं तब इलाज के लिए आती हैं, जब उनका कैंसर तीसरे स्टेज या उससे भी आगे पहुंच चुका होता है। क्योंकि इस समस्या में नजर आने वाले लक्षण बिल्कुल आम दिनों के जैसे हैं। इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल है।

ग्लोबोकैन 2018 की फैक्ट शीट के अनुसार ओवेरियन कैंसर भारतीय महिलाओं में तीसरा और विश्व में आठवां सबसे आम कैंसर है। इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च द्वारा प्रकाशित डेटा के अनुसार ओवरऑल कैंसर में से 3.44% ओवेरियन कैंसर के मामले देखने को मिलते हैं। पहली स्टेज में ओवेरियन कैंसर के डायग्नोसिस हो जाने पर लगभग 94% महिलाएं 5 साल तक जीती हैं। केवल 15% केस ही इस स्तर पर डायग्नोसिस हो पाते हैं।

लगभग 62% मामलों का पता III और IV स्टेज में लगता है। इस स्टेज पर मामलों का पता लगने पर केवल 28% महिलाएं ही 5-वर्ष की अवधि को पूरा कर पाती हैं।

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ज्यादातर महिलाओं को एपीथेलियल कैंसर होता है। चित्र : शटरस्टॉक

ओवेरियन कैंसर के इन लक्षणों को न करें इग्नोर (ovarian cancer early symptoms)

पेट में सूजन आना या हर समय ब्लोटिंग महसूस होना।
पेट और कूल्हे के बीच के क्षेत्र में दर्द या कोमलता का एहसास।
भूख न लगना या खाने के बाद पेट का अधिक भरा हुआ महसूस होना।
बार-बार पेशाब आना।
खट्टी डकार आना।
कब्ज या दस्त होना।
पीठ में अधिक दर्द महसूस होते रहना।
हर समय थकान महसूस होना।
अचानक बेवजह वजन का गिरना।
सेक्स के दौरान अधिक दर्द का अनुभव होना।
सांस लेने में तकलीफ होना।
पीरियड्स फ्लो में बदलाव होना।
बुखार आना।

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इन महिलाओं को रहना चाहिए ज्यादा सावधान

1. बढ़ती उम्र

उम्र बढ़ने के साथ ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। आमतौर पर 50 से अधिक उम्र की महिलाओं में ओवेरियन कैंसर के मामले देखने को मिलते हैं।

2. जीन परिवर्तन

ओवेरियन कैंसर का एक कारण जीन परिवर्तन भी होता है। माता-पिता से मेले जीन भी कही न कहीं इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। BRCA1 और BRCA2 जीन ओवेरियन कैंसर के जोखिम को बढ़ा देते हैं। ये जीन ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को भी बढ़ाते हैं।

3. फैमिली हिस्ट्री

यदि आपके परिवार में कोई भी महिला कभी ओवेरियन कैंसर से पीड़ित रही हैं, तो आम महिलाओं की तुलना में आपमें इसका अधिक खतरा होता है।

4. बढ़ता वजन भी हो सकता है इसका कारण

अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त होने से ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए एक हेल्दी वेट मेंटेन करना बहुत जरुरी है।

5. पोस्टमेनोपॉज़ल हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी

मेनोपॉज के संकेतों और लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी लेने से ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

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यदि यह कैंसर शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचता है, तो यह लक्षण बदल भी सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

6. कभी प्रेगनेंट न होने पर

यदि आप कभी गर्भवती नहीं हुई हैं, तो आपमें ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

7. कम उम्र में पीरियड्स आना और उचित उम्र में मेनोपॉज न होना

कम उम्र में मासिक धर्म का शुरू होना और अधिक उम्र में मेनोपॉज होना यह दोनों ही ओवेरियन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं।

इससे बचाव के लिए इन बातों का रखें खास ध्यान

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार ओवेरियन कैंसर से बचाव मुश्किल है आप इसे होने से नहीं रोक सकती परन्तु इसके कारणों पर काम करते हुए इसे प्रिवेंट किया जा सकता है। अपने पुरे जीवन काल में एक बच्चे को जरूर जन्म दें, इसके अलावा बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग करवाना बहुत जरुरी है, क्युकी कई रिसर्च का मानना है की ब्रेस्टफीड न करवाना भी ओवेरियन कैंसर का कारण बनता है।

यदि पेट में अधिक ब्लोटिंग और गैस का एहसास होता है तो एक रेगुलर चेक अप करवाने में कोई हर्ज नहीं है।

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इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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