घर की खूबसूरती को बढ़ाने के अलावा पौधे हमारी सेहत के सच्चे साथी है। शरीर को ऑक्सीजन प्रदान करने वाले पौधे हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों को दूर करने का काम करते हैं। आमतौर पर लोग फ्रैश एयर के लिए पहाड़ों, उंची वादियों और बाग बगीचों का रूख करते हैं। पर्यावरण को सुरक्षित और ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए पौधों की मदद भी ली जा सकती है। इन्हें आप अपने कमरों से लेकर बालकोनी तक कहीं भी लगा सकते है। जानते हैं वर्ल्ड एनवायरमेंट डे (World Environment Day) पर उन पौधों के नाम जो ऑक्सीजन की कमी को करते हैं दूर।
हर साल मनाए जाने वाले विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) का मकसद लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना है। साल 2023 की थीम बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन है। इसके तहत दिनों दिन बढ़ रहे प्लास्टिक के इस्तेमाल की रोकथाम पर विशेष कदम उठाना है। यूएन एनवायरमेंट प्रोग्राम (UN Environment Program) के तहत की गई रिसर्च के मुताबिक हर साल 400 मिलियन टन से ज्यादा प्लास्टिक का उत्पादन होता है। इसमें से आधा प्लास्टिक सिर्फ एक बार इस्तेमाल होता है। वहीं 10 प्रतिशत से भी कम को रिसाइकिल किया जाता है। इसका प्रभाव झीलों, नदियों और समुद्रों पर नज़र आ रहा है।
इंटरनेशनल जर्लन ऑफ क्रिएटिव रिसर्च थॉटस आईजेसीआरटी के मुताबिक इनडोर पौधों को लगाकर ऑक्सीजन के स्तर में बढ़ोतरी की जा सकती है। नियमित ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण सिरदर्द, चक्कर आना, अस्थमा और जी मचलना समेत स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगती है। एक सर्वे में पाया गया कि शहरी इलाकों में भीड़भाड़ के चलते बाहरी हवा में कैमिकल होने के साथ साथ इंडोर में भी बेंजीन, फॉर्मलाडेहाइड, टोल्यूनि आदि जैसे जहरीले रसायन मौजूद होते हैं। ये कैमिकल कमरों में मौजूद पेंट, क्लीनर, इत्र और डियोड्रेंट में भी पाए जाते हैं। इनडोर ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाने के लिए इन पौधों को लगाना बेहद ज़रूरी है।
पीस लिली एक इनडेर प्लांट है, जो हवा में मौजूद प्रदूषण को दूर करने में सहायक है। 1989 में नासा (NASA) ने अपने क्लीन एयर स्टडी के तहत कई एयर प्यूरीफाई करने वाले प्लाटंस को टेस्ट किया। उन्हीं में से एक है पीस लिली। ऑक्सीजन रिच इस पौधे को स्पैथिफिलम व मौना लोआ भी कहा जाता था। स्टडी में पाया गया कि पीस लिली पौधा पॉल्यूशन को कम करने में कारगर साबित होता है। इस पौधे में बेंजीन, फॉर्मलाडेहाइड और अमोनिया जैसे तत्व पाए जाते हैं। इससे प्रदूषण दूर होता है।
एस्परेगस फैमिजी से ताज्जुक रखने वाला स्नेक प्लांट घर की खूबसूरती को बढ़ाता है। इसके अलावा ये पौधा एयर मौजूद बेंजीन, टोल्यूनि, फॉर्मलाडेहाइड, जाइलीन और ट्राइक्लोरोएथिलीन जैसे जहरीले पदार्थों को दूर करता है। इसके अलावा ये ऑक्सीजन के स्तर को भी बढ़ा देता है। इस पौधे की खासियत ये है कि ये रात में सबसे ज्यादा ऑक्सीजन का उत्पादन करता है। ऐसे में आप इसे अपने बेडरूम में रख सकते हैं।
देखने में खूबसूरत वीपिंग फिग प्लांट ऑक्सीजन का एक बेहतरीन सोर्स है। ये पौधा जैसे जैसे बढ़ता है, वैसे वैसे इसकी पत्तियां धरती को छूने लगती है। घर पर रखे जाने वाले इस पौधे से एन्वायरमेंट मै फैले जाइलीन, फॉर्मेल्डिहाइड और टोलुइन जैसे तत्वों को सोखकर ये पौधा ऑक्सीजन को बढ़ाता है और सेहत को तंदरूस्ती प्रदान करता है।
मेडिकल प्रोपर्टीज़ से युक्त एलोवेरा रात के वक्त सबसे ज्यादा ऑक्सीजन प्रोडयूस करने वाला एक पौधा हैं। इस पौधे को बढ़ने के लिए धूप और पानी की आवश्यकता होती है। इस पौधे को बालकनी में लगाने से बेनजेन समेत फॉर्मेल्डिहाइड और अन्य रसायनिक पदार्थ नष्ट हो जाते हैं। इस पौधे का प्रयोग चेहरे पर लगाने और एलोवेरा जूस के तौर पर भी किया जाता है।
इनडोर प्लांटस की फेहरिस्त में शामिल ड्रैकेना एक सजावटी पौधा है। पत्तियों के रंग के अलावा इस पर मौजूद धारियां इसकी खूबसूरती को बढ़ाने का काम करती हैं। इस पौधे में फूल नहीं होते हैं। वायुमंडल को स्वच्छ रखने वाला ये पौधा पालतू जानवरों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। । ब्रिटैनिका के मुताबिक इस पौधे को इसके सजावटी पत्तों के लिए खूब पसंद किया जाता है। इसकी मदद से हवा में मौजूद फॉर्मलाडेहाइड जैसे रसायनों को हटाने में मदद मिलती हैं।
बैम्बू प्लांट मध्यम से कम रोशनी में पनपने वाला एक खूबसूरत पौधा हैं। खासतौर से घर की खिड़कियों में इसे आसानी से रखा जा सकता है। फॉर्मलाडेहाइड जैसे विषाक्त पदार्थों को दूर करने वाले इस पौधे को घर के अलावा ऑफिस में भी प्लेस किया जा सकता है। 12 फुट तक लंबाई वाले इस पौधे को लगाने से घर की खूबूसरती में भी इज़ाफा होता है। इसके अलावा आपका स्वास्थ्य प्रदूषण से बचा रहतता और ऑक्सीजन की अधिक मात्रा प्राप्त होती है।
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