त्वचा की खूबसूरती ओरल हाइजीन के बगैर अधूरी सी लगती है। मुंह में बढ़ने वाले बैक्टीरिया न केवल मसूढ़ों की समस्या का बढ़ाते हैं बल्कि दांतों के पीलेपन का भी कारण साबित होते है। ऐसे में ओरल हाइजीन को मेंटेन करने के लिए किसी प्राकृतिक नुस्खे की तलाश में हैं, तो ऑयल पुलिंग एक बेहतरीन विकल्प है। सीमित मात्रा में तेल को मुंह में रखकर घुमाने से न केवल दांतों का स्वास्थ्य उचित बना रहता है बल्कि बॉवल मूवमेंट को नियमित बनाए रखने में मदद मिलती है। सबसे पहले जानते हैं ऑयल पुलिंग क्या है और किस तरह दांतो के अलावा पाचनक्रिया को भी बनाता है बेहतर (oral health linked to gut health)।
लोगों को मौखिक स्वास्थ्य के महत्व की जानकारी देने और इसके स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव बताने के लिए मौखिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। सालाना 20 मार्च को दुनिया भर में मनाए जाने वाले इस खास दिन का मकसद मौखिक स्वच्छता (oral health linked to gut health) और दंत चिकित्सा की देखभाल है। इस साल मनाए जाने वाले विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस की थीम हैप्पी माउथ इज़ हैप्पी माइंड (A Happy Mouth is a happy mind) है।
बैक्टीरिया को खत्म करने के साथ-साथ ऑयल पुलिंग ओरल हाइजीन को मेंटेन रखने में मदद करता है। ये आपके दांतों और मसूड़ों को स्वस्थ बनाने के लिए जाना जाता है। अधिकांश लोग इसे नारियल के तेल के साथ करते हैं। ऑयल पुलिंग लार के एंजाइम को सक्रिय करता है जो केमिकल टाक्सिन और बैक्टीरियल टॉक्सिन को दूर करने में मदद करता है। नारियल के तेल से अपने मुंह को कुल्ला करने से आपका मुंह गहराई से साफ होता है, जिससे मसूड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। साथ ही आपके दांत सफेद होते हैं जो आपके पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
ऑयल पुलिंग आपके मुंह में हानिकारक बैक्टीरिया के अलावा पाचन को भी बूस्ट (oral health linked to gut health) करती है। दरअसलख् तेल की फुहारें दांतों की सतह पर जमी गंदगी और बैक्टीरिया को धोने में मदद करती हैं। नारियल तेल या तिल का तेल सूजनरोधी गुणों से भरपूर होता हैं। इससे मसूड़ों में सूजन को कम करने में मदद मिलती हैं, जिससे बैक्टीरिया के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण नहीं बनता और समग्र मौखिक स्वच्छता में सुधार होता है।
जर्नल ऑफ द इंडियन सोसाइटी ऑफ पेडोडोंटिक्स एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री के अनुसार तिल के तेल के साथ 15 दिनों तक ऑयल पुलिंग करने वाले 75 किशोरों की लार में हानिकारक बैक्टीरिया कम थे। ऑयल पुलिंग लार ग्रंथियों और भोजन को तोड़ने में मदद करने वाले एंजाइमों को उत्तेजित करके आपके पाचन (oral health linked to gut health) में भी सहायता करता है।
स्लाइवा ग्लेंड ऑयल पुलिंग से उत्तेजित होने लगता है, जिससे पाचन में बाधा (oral health linked to gut health) डालने वाले विषाक्त पदार्थों को हटाकर मतली, कब्ज, सूजन और अन्य पाचन समस्याओं को भी रोकता है। ऑयल पुलिंग आपके चयापचय को भी बढ़ा सकता है और आपके हार्मोन और भूख को संतुलित करके वजन कम करने में आपकी मदद कर सकता है।
मुंह में तेल घुमाने से दांतो में जमा फूड पार्टिकल्स को बाहर निकालने में मदद मिलती है और बैक्टीरिया को कम किया जा सकता है। इससे सांसों की बदबू की समस्या दूर होने लगती है। सांसों की बदबू से छुटकारा पाने के लिए ऑयल पुलिंग के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। इंडियन सोसाइटी ऑफ़ पेडोडोंटिक्स एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री के अनुसार 20 बच्चों को तिल के तेल से ऑयल पुलिंग करने को कहा गया और इससे उनके मुंह में मौजूद बैक्टीरिया कम हो गए, जो सांसों की बदबू का कारण बनते हैं।
मौखिक स्वच्छता की कमी कैविटी का कारण साबित होती है। ऑयल पुलिंग मुंह में लार के उत्पादन को बढ़ाता है और एसिड व बैक्टीरिया के विकास को रोकता है। दांतों से प्लाक को आसानी से हटाने में भी मदद करता है। इससे दांतों के इनेमल को नुकसान नहीं होता है। इंडियन सोसाइटी ऑफ़ पेडोडोंटिक्स एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री के अनुसार ऑयल पुलिंग बैक्टीरिया को कम करता है, जो दांतों की सड़न और कैविटी का कारण बनते हैं।
न केवल ऑयल पुलिंग दांतों की स्वच्छता को बढ़ावा देने में मदद करता है, बल्कि सूजन भी कम होती है। ऑयल पुलिंग का उपयोग करने से मसूड़ों में सूजन और जलन की समस्या नहीं होती है। इस प्रकार ऑयल पुलिंग मसूड़ों से खून बहने को रोकने में मदद करता है। तेल के सूजनरोधी गुण सूजन और मसूड़े की सूजन जैसी स्थितियों को रोकते हैं। नाइजीरियन मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि ऑयल पुलिंग का अभ्यास करने पर मसूड़े की सूजन में सुधार होता है।
ब्रश करने से पहले नियमित रूप से ऑयल पुलिंग करने से मुंह को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इससे मुंह में पनपने वाले बैक्टीरिया की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे पाचन संबधी समस्याएं (oral health linked to gut health) भी हल हो जाती है।
अधिक लोगों को मुंह का सूखापन परेशान करने लगता है। ऐसे में ऑयल पुलिंग से लार के स्राव और स्वच्छता को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। सूखे गले के कारण होने वाली जलन को भी ऑयल पुलिंग द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
माउथ मसल्स में ऑयल पुलिंग से लचीलापन बढ़ने लगता है। इससे चेहरे की मांसपेशियों को फायदा मिलता है, जो चेहरे की कुछ मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। नियमित रूप से इसका अभ्यास त्वचा की लोच को बरकरार रखता है।
इसे करने के लिए एक चम्मच नारियल या तिल का तेल मुंह में लें और सर्कुलर मोशन में उसे रिवॉल्व करें। 15 से 20 मिनट तक मुंह में रखने के बाद तेल को बाहर निकालें। उसके बाद गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें। रोज़ाना ऑयल बुनिंग ओरल हाइजीन को मेंटेन रखने में मदद करती है।
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