छोटे बच्चों का शरीर ग्रो कर रहा होता है, ऐसे में उन्हें हड्डी, ब्रेन, मांसपेशियों यहां तक की समग्र शरीर के उचित निर्माण के लिए उचित मात्रा में सही पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। कई बार जानकारी के अभाव में उन्हें सही उम्र में पोषण की सही मात्रा नहीं मिल पाती। ऐसे में बड़े होकर बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसलिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि उन्हें उचित उम्र में सही पोषण प्राप्त हो।
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद के लीड कंसलटेंट पीडियाट्रिक डॉ सुरेश कुमार पनुगणति से बात की। डॉक्टर ने बच्चों में पोषक तत्वों (nutrition for children) की आवश्यकता को लेकर कुछ अहम जानकारी शेयर की है। उन्होंने बताया है कि कौन से पोषक तत्व बच्चों के हेल्दी ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ एक बच्चे में आंत के नियमितता को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, यह पोषक तत्व बढ़ती उम्र के साथ बच्चों में हृदय रोग और कैंसर के खतरे को कम कर देती हैं। यदि बचपन से ही इसका ध्यान रखा जाए तो बच्चों का ग्रोथ काफी हेल्दी हो सकता है। फाइबर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए डाइट में शामिल करें फल, सब्जियां, साबुत अनाज से बने व्यंजन, चने, राजमा, बीज, आदि।
1-3 वर्ष के बच्चे: 14 ग्राम
4-8 वर्ष के बच्चे: 17-20 ग्राम
9-13 वर्ष के बच्चे: 22-25 ग्राम
विटामिन ए बच्चों के पोषण में कई उद्देश्यों को पूरा करता है। यह ग्रोथ को बढ़ावा देता है, आंखों की रोशनी को स्वस्थ रखता है, त्वचा को स्वस्थ रखता है, संक्रमण को रोकने के लिए काम करता है। विटामिन ए एक फैट में घुलनशील विटामिन है, जिसका अर्थ है कि यह आपके शरीर के फैट में संग्रहीत होता है। इन्हे डाइट में शामिल करने के लिए आप गाजर, मीठे आलू, पालक, ब्रोकोली, मछली का तेल, अंडे, दूध, सैमन की मदद ले सकती हैं।
1-3 वर्ष के टॉडलर्स: 300 एमसीजी
4-8 साल के बच्चे: 400 एमसीजी
9-13 वर्ष के बच्चे: 600 एमसीजी
अधिक उम्र के किशोर: 900 एमसीजी
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विटामिन सी इम्युनिटी को बढ़ावा देने के अलावा बच्चों के समग्र शरीर को मजबूती प्रदान करता है। यह बॉडी सेल्स को एक साथ रखता है, रक्त वाहिकाओं की दीवारों को मजबूत बनता है, घावों को जल्दी भरता है, और मजबूत हड्डियों एवं दांतों के विकास को बढ़ावा देता है। बच्चों के शरीर में विटामिन सी की उचित मात्रा को बनाये रखने के लिए खट्टे फल (जैसे संतरे और अंगूर), संतरे का रस, स्ट्रॉबेरीज, टमाटर, आलू, ब्रोकोली, फूलगोभी, खरबूजा, आदि जैसे खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें।
एनआईएच के अनुसार, 4 से 8 वर्ष के बच्चों को प्रतिदिन लगभग 25 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है – एक छोटे संतरे का लगभग आधा। 9 से 13 वर्ष की आयु तक, अनुशंसित दैनिक सेवन 45 मिलीग्राम तक बढ़ जाता है, और किशोरावस्था तक, आपके बच्चे को प्रतिदिन 65 से 75 मिलीग्राम विटामिन सी की आवश्यकता होती है।
विटामिन डी न केवल कैल्शियम अवशोषण में सहायता करता है, बल्कि यह हड्डियों और दांतों को भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा, विटामिन डी को बच्चों के लिए एक आवश्यक पोषण माना जाता है, क्योंकि यह सेल ग्रोथ और तंत्रिका तंत्र के कार्य को बढ़ावा देता है। शरीर में इसकी मात्रा को बनाये रखने के लिए फोर्टिफाइड डेयरी उत्पाद (जैसे दूध और कुछ दही), अनाज, मछली और मछली का तेल, अंडे, संतरे का रस, मशरूम आदि को डाइट में शामिल कर सकती हैं।
खाद्य स्रोतों के अलावा, सूरज की रोशनी भी यह आवश्यक विटामिन प्रदान करती है। अपने बच्चों को कुछ देर सूरज की रौशनी के सम्पर्क में रखें, परंतु त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करना न भूलें।
एनआईएच के अनुसार, एक वर्ष से अधिक और किशोरावस्था तक के बच्चों को हर दिन लगभग 15 एमसीजी (600 आईयू) विटामिन डी मिलना चाहिए।
पोटेशियम हार्ट रिदम, तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों के संकुचन सहित शरीर के कई कार्यों को नियंत्रित करता है। पोटेशियम के निम्न स्तर से मांसपेशियों में कमजोरी और हार्टबीट असामान्य हो सकती है। शरीर में पोटेसियम की उचित मात्रा को बनाये रखने के लिए उनकी डाइट में शामिल करें आलू, एवोकाडो, पालक, फलियां, दूध, सैमन और केला।
1-3 वर्ष के बच्चों के लिए: 2,000 मिलीग्राम प्रति दिन
4-8 वर्ष के बच्चे के लिए : 2,300 मिलीग्राम प्रति दिन
9-13 वर्ष के बच्चे के लिए : 2,300 से 2,500 मिलीग्राम प्रति दिन
14-18 वर्ष के बच्चे के लिए : 2,300 से 3,000 मिलीग्राम प्रति दिन
कैल्शियम बच्चे की स्वस्थ हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए आवश्यक होते हैं। यह रक्त के थक्के जमने, तंत्रिका, मांसपेशियों और हृदय के कार्य के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। शरीर में इनकी उचित मात्रा को बनाये रखने के लिए डाइट में शामिल करें दूध, पनीर, दही, अंडे, ब्रोकोली, पालक, टोफू, कैल्शियम-फोर्टिफाइड संतरे का रस, अनाज, आदि।
एफडीए के अनुसार 1 से 3 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रतिदिन 700 मिलीग्राम (मिलीग्राम) कैल्शियम मिलना चाहिए, जबकि 4 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को प्रतिदिन 1,300 मिलीग्राम कैल्शियम देना चाहिए।
आयरन बच्चों के पोषण के लिए आवश्यक है क्योंकि यह स्वस्थ रक्त बनाने में मदद करता है जो पूरे शरीर में सेल्स तक उचित ऑक्सीजन पहुंचाती हैं। इसके अलावा शरीर में पर्याप्त आयरन होने से एनीमिया का खतरा कम हो जाता है। शरीर में आयरन की उचित मात्रा को बनाये रखने के लिए बच्चों के डाइट में, साबुत अनाज, फलियां, पालक, आयरन-फोर्टिफाइड अनाज आदि को शामिल करें।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अनुसार, 1 से 3 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रतिदिन लगभग 7 मिलीग्राम आयरन मिलना चाहिए, जबकि बड़े बच्चों को 8 से 10 मिलीग्राम मिलना चाहिए। किशोरों को 11 मिलीग्राम मिलना चाहिए,हालांकि, जिन बच्चियों के पीरियड्स शुरू हो गए हैं उन्हें 15 मिलीग्राम के करीब आयरन लेना चाहिए।
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