स्त्री हो या पुरुष बढ़िया स्वास्थ्य होना बेहद महत्वपूर्ण है। लिंग भेद के कारण दुनिया के कई देशों की लड़कियों का स्वास्थ्य चिंता का विषय है। आज भी समाज में लड़कियां सामाजिक और सांस्कृतिक भेदभाव की शिकार होती हैं। इसके कारण वे छोटी उम्र में ही कुपोषण और कई तरह की बीमारियों की शिकार हो जाती हैं। लड़कियों के अधिकारों और उसके स्वास्थ्य (girl healthcare) के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 11 ऑक्टूबर को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे ((International Girl Child Day 2023) मनाया जाता है।
यूनाइटेड नेशन के अनुसार, दुनिया की 1.1 अरब लड़कियां पॉवर, एनर्जी और क्रिएटिविटी की स्रोत हैं। वर्ष 2012 से 11 यूनाइटेड नेशन 11 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस या इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे मनाना शुरू किया। इस दिन का उद्देश्य लड़कियों के सशक्तिकरण और उनके मानवाधिकारों की पूर्ति को बढ़ावा देना है। साथ ही लड़कियों की जरूरतों और चुनौतियों को उजागर करना और उनका समाधान करना भी है। इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे 2023 (International Girl Child Day 2023) की थीम है- अब हमारा समय है।हमारे अधिकार ही हमारा भविष्य है (Our time is now—our rights, our future) । वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, सबसे जरूरी है गर्ल चाइल्ड का स्वस्थ (girl healthcare) होना। स्वस्थ होने पर ही वे ज्ञान अर्जन कर पाएंगी और उनके प्रति भेदभाव समाप्त हो पायेगा। इस तरह से उनका भविष्य भी सुरक्षित हो पायेगा।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन के अनुसार, स्वस्थ होने पर ही लड़कियां शिक्षित हो पाएंगी। उनकी स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच हो पायेगी। साथ ही वे अपने और अपने परिवार के लिए स्वास्थ्य सेवाएं लेने की अधिक संभावना भी बना पाएंगी। स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावी ढंग से समझने और उपयोग करने पर बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त होंगे। यह उन क्षेत्रों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सीमित है।
स्वस्थ होने पर ही लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर पाएंगी। इससे उन्हें स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के बारे में जरूरी जानकारी मिल पाएगी। शिक्षा लड़कियों को अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ समाज की अन्य महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक बनाता है। शिक्षित लड़कियां स्वास्थ्य के लिए जरूरी हाइजीन का भी पालन कर पाती हैं, जैसे- हाथ धोना, जरूरी होने पर मेडिकल केयर सुविधा लेना और सुरक्षित यौन संबंध बनाना। ये व्यवहार लड़कियों और उनके परिवारों के लिए भी बेहतर स्वास्थ्य परिणाम ला सकते हैं।
स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूक होने पर देर से शादी भी कर सकती हैं। ज्यादातर गरीब देशों में छोटी उम्र में लड़कियों की शादी और बच्चे पैदा हो जाते हैं। इस कारण मां और बच्चा दोनों का स्वास्थ्य प्रभावित हो जाता है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने पर विवाह में देरी हो सकती है। इसे मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हो सकता है। प्रसव में देरी करने पर स्वस्थ गर्भधारण और स्वस्थ बच्चों को जन्म देने की संभावना अधिक होती है। शादी और बच्चे के जन्म में देरी से लड़कियों को अपनी शिक्षा जारी रखने और करियर के लक्ष्यों को हासिल करने का अवसर भी मिलता है। इससे आर्थिक सशक्तिकरण बढ़ता है।
लिंग आधारित हिंसा एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है, जो दुनिया भर की लाखों महिलाओं को प्रभावित करता है। फिजिकल और मानसिक स्तर पर स्वस्थ होने (girl healthcare) पर लड़कियां शिक्षित हो पाएंगी। वे लिंग आधारित हिंसा को पहचान पाएंगी, उसका विरोध कर पाएंगी। अपने अधिकारों के प्रति जागरूक, हिंसा के खिलाफ सशक्त रूप से बोलने में समर्थ हो पाएंगी। इससे उनके प्रति भेदभाव और हिंसा घट पाएगी।
स्वस्थ और शिक्षित लड़की (girl healthcare) ही अपने शरीर और अपने हेल्थकेयर के लिए निर्णय ले पाती है। वे स्वास्थ्य देखभाल के लिए जानकारीपूर्ण निर्णय लेने और अपनी स्वास्थ्य जरूरतों के बारे में घर-परिवार और समाज को अवगत करा पाएगी।
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