यदि हम महापुरुषों के जीवन को जानें, तो हम पाएंगे कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सबसे अधिक फ़ॉलोवर हैं। बापू ने न सिर्फ देश को आजादी दिलाई, बल्कि अपने रोजमर्रा के जीवन और व्यक्तित्व का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण उन्होंने सामान्य लोगों के सामने प्रस्तुत किया। गांधीजी ने आदमी इच्छाशक्ति और स्वस्थ शरीर का जो मंत्र दिया, उसे सबसे पहले खुद पर लागू किया। यदि हम गांधीजी के जीवन के कुछ मन्त्रों का पालन करें, तो हमारा शरीर स्वस्थ (Gandhi mantra for healthy life) और मन दृढ हो पायेगा। हमारा इच्छित लक्ष्य भी प्राप्त हो पायेगा।
हमारे राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने अहिंसा के पथ पर चल कर देश को आजादी दिलाई और दुनिया को अहिंसा के पथ पर चलने का सन्देश दिया। इसलिए गांधी जयंती को नन वायोलेंस डे (International Day of Non-Violence-2 October) के रूप में भी मनाया जाता है। गांधीजी के जीवन से सीख लेकर हम भी अपने जीवन लक्ष्य को पा सकते (Gandhi mantra for healthy life) हैं।
गांधीजी अहिंसा में विश्वास करते थे। अहिंसा शब्द सभी जीवों के प्रति सम्मान और अहिंसक जीवनशैली का अनुसरण करने का संदेश देता है। गांधी जी अच्छी तरह जानते थे कि यदि हम हपने विचार अहिंसक रखेंगे यानी किसी पर गुस्सा नहीं करेंगे, तो हमारा दिमाग शांत रहेगा। इस मंत्र का पालन करने से उच्च रक्तचाप, हृदय रोगों को रोकने और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में भी मदद मिल सकती है। यह हमें तनाव के के कारण ओवर ईटिंग और जंक फूड खाने से भी बचाएगा।
महात्मा गांधी नियम के पक्के थे। वे नियत समय पर सो जाते थे और निश्चित समय पर सूर्योदय होने से पहले जाग भी जाते थे। जल्दी सोने और जल्दी उठने का अभ्यास करने पर मेंटल और फिजिकल दोनों हेल्थ मजबूत रहता है। काम की शुरुआत जल्दी करने से हमारी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है और हम तनावमुक्त रहते हैं।
महात्मा गाँधी शरीर को स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर उपवास भी रखते थे। उपवास शरीर को डिटॉक्स करने, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, पेट को साफ करने में मदद करता है। यह शरीर को जमी हुई वसा के उपयोग करने, पोषक तत्वों का उपयोग करने में मदद करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत भी करता है।
गांधी जी ब्रिटिश सरकार से अपनी बात मनवाने के लिए पैदल मार्च करते थे। वे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भी पैदल चलते थे। पढ़ाई के क्रम में जब वे लंदन गये, तो वहां भी मीलों पैदल चलते थे। पैदल चलना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। विशेषज्ञ बताते हैं कि हमें हर दिन कम से कम एक घंटा जरूर टहलना चाहिए।
हमारे देश में ध्यान का अभ्यास सदियों से किया जाता रहा है। यह एंग्जायटी और तनाव को कम करने के लिए जाना जाता है। गांधीजी भी रोजाना समय निकलकर ध्यान किया करते थे। प्रतिदिन ध्यान का अभ्यास करने से शांत रहने, रक्तचाप के स्तर को कम करने और स्वस्थ जीवन जीने में मदद (Gandhi mantra for healthy life) मिलती है।
गांधीजी हेल्दी भोजन और शाकाहार लेते थे। किसी भी प्रकार का वे नशा नहीं करते थे। वे जीवन भर सकारात्मक बने रहे। वे भलीभांति जानते थे कि सोच और विचार का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमें अपने दिमाग को सकारात्मक सोचने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए। यह जीवन में हर स्थिति और परिस्थिति को सकारात्मक तरीके से देखने में मदद करता है। इससे हमें समस्याओं के बजाय समाधान खोजने में मदद (Gandhi mantra for healthy life) मिलती है।
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