इन दिनों अमेरिका (US Antibiotic Awareness Week) के साथ-साथ पूरे विश्व में एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह (World Antibiotic Awareness Week)) मनाया जा रहा है। अमेरिका के साथ-साथ दुनिया में भी प्रतिवर्ष 18-24 नवंबर तक एंटीबायोटिक अवेयरनेस वीक मनाया जाता है। एंटीबायोटिक्स ऐसी दवाएं हैं, जिन्हें डॉक्टर जीवाणु संक्रमण (Bacterial Infection) के इलाज के लिए बताते हैं। ये बैक्टीरिया को मारकर और उन्हें बढ़ने से रोककर काम करते हैं। आइये जानते हैं एंटीबायोटिक्स (antibiotics awareness) किस तरह काम करते हैं।
अमेरिका के साथ-साथ दुनिया भर में एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इस वर्ष (World Antibiotic Awareness Week 2023) की थीम (World Antibiotic Awareness Week 2023 Theme) है -रोगाणुरोधी प्रतिरोध को एक साथ रोकना (Preventing Antimicrobial Resistance Together) । यह एंटीबायोटिक्स रेसिस्टेंस की वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई के महत्व पर जोर देती है। एंटीबायोटिक जागरूकता सप्ताह का उद्देश्य एंटीबायोटिक्स के प्रति समझ बढ़ाने और इसका प्रसार करना है।
एंटीबायोटिक्स बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पावरफुल मेडिसिन की एक श्रृंखला है। एंटीबायोटिक्स सर्दी, फ्लू और खांसी जैसे वायरल संक्रमण का इलाज नहीं कर सकते हैं। वे या तो बैक्टीरिया को प्रजनन करने से रोकते हैं या उन्हें नष्ट कर देते हैं।इससे पहले कि शरीर में बैक्टीरिया बढ़ें और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करें, ये उन्हें मार सकती है। डब्ल्यूबीसी हानिकारक बैक्टीरिया पर हमला करती हैं। कभी-कभी हानिकारक जीवाणुओं की संख्या अत्यधिक होती है और प्रतिरक्षा प्रणाली उन सभी को साफ़ नहीं कर पाती है। ऐसी स्थिति में एंटीबायोटिक्स उपयोगी हैं।
पहला एंटीबायोटिक पेनिसिलिन था। पेनिसिलिन-आधारित एंटीबायोटिक्स, जैसे एम्पीसिलीन, एमोक्सिसिलिन और पेनिसिलिन जी अभी भी कई प्रकार के संक्रमणों का इलाज करते हैं। कई प्रकार के मॉडर्न एंटीबायोटिक्स उपलब्ध हैं। एंटीबायोटिक्स ओवर-द-काउंटर क्रीम और मलहम में भी उपलब्ध हैं।
एंटीबायोटिक्स अपने तरीके से काम करते हैं। एंटी बैक्टीरियल एंटीबायोटिक जैसे पेनिसिलिन, बैक्टीरिया को मारता है। ये दवाएं आमतौर पर बैक्टीरिया कोशिका दीवार या कोशिका सामग्री के निर्माण में बाधा डालती हैं। वहीं, बैक्टीरियोस्टेटिक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकता है।
पहली खुराक लेने के बाद लोगों को बेहतर महसूस होने या उनके लक्षणों में सुधार होने में कुछ घंटे या दिन लग सकते हैं। एंटीबायोटिक्स के प्रकार उनकी रासायनिक संरचना पर निर्भर करते हैं।
विशेषज्ञ जरूरत पड़ने पर ही एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बैक्टीरिया मर जाए और शरीर के अन्य भागों में नहीं फैल पाए, इसके लिए यह ली जाती है। कभी-कभी यह एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस से भी जुड़ा हो सकता है।
एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस तब होता है जब एंटीबायोटिक बक्टीरिया पर प्रतिक्रिया (antibiotics awareness) नहीं करते हैं। एंटीबायोटिक दवाओं के गलत इस्तेमाल से भी एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस बढ़ रहा है। कभी-कभी गलत दवा की खुराक भी एंटीबायोटिक के दुरुपयोग का कारण बन सकती हैं। दुरुपयोग तब भी हो सकता है जब लोग डॉक्टर के बताए अनुसार एंटीबायोटिक नहीं लेते हैं। उपचार का कोर्स पूरा करना और दूसरों के साथ एंटीबायोटिक दवा साझा न करना भी जरूरी है – भले ही उनमें समान लक्षण हों।
आमतौर पर लोग मुंह से एंटीबायोटिक्स लेते हैं। डॉक्टर इन्हें इंजेक्शन द्वारा दे सकते हैं या शरीर के संक्रमण वाले हिस्से पर सीधे लगा सकते हैं। अधिकांश एंटीबायोटिक्स कुछ ही घंटों में काम करना शुरू कर सकते हैं। संक्रमण की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए डॉक्टर लोगों को दवा का पूरा कोर्स पूरा करने की सलाह (antibiotics awareness) देते हैं। कोर्स ख़त्म होने से पहले दवा बंद करने से बैक्टीरिया के भविष्य के उपचारों के लिए प्रतिरोधी होने का जोखिम बढ़ जाता है। इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध विकसित होने की संभावना बनी रहती है। व्यक्ति को लक्षणों में सुधार दिखने के बावजूद एंटीबायोटिक उपचार का कोर्स पूरा करने की जरूरत होती है।
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